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मध्यप्रदेश को कृषि कर्मण पुरस्कार मिलने पर अन्नदाताओं का सम्मान - Sabguru News
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मध्यप्रदेश को कृषि कर्मण पुरस्कार मिलने पर अन्नदाताओं का सम्मान

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मध्यप्रदेश को कृषि कर्मण पुरस्कार मिलने पर अन्नदाताओं का सम्मान
farmers honored by cm shivraj singh chauhan, State got Krishi Karman Award for the fourth time
farmers honored by cm shivraj singh chauhan,  State got Krishi Karman Award for the fourth time
farmers honored by cm shivraj singh chauhan, State got Krishi Karman Award for the fourth time

भोपाल। मध्यप्रदेश को चौथी बार खाद्यन्न उत्पादन में शानदार प्रगति के लिए भारत सरकार के प्रतिष्ठित कृषि कर्मण पुरस्कार मिलने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल स्थित अपने निवास पर किसान सम्मान समारोह में प्रदेश के किसानों का सम्मान किया।

उन्होंने खाद्यान्न उत्पादन और उन्नत कृषि में किसानों को सहयोग देने वाले मैदानी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम किसान-कल्याण एवं कृषि विभाग द्वारा किया गया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद किसानों ने अपनी मेहनत से खेती को संभाला और मध्यप्रदेश ने कृषि कर्मण पुरस्कार जीता। मुख्यमंत्री ने किसानों के सुझाव पर बलराम तालाब योजना को परिवर्तित स्वरूप में पुन: लागू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी जल संरचनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। नदियों-नालों का पानी खेतों में पहुंचाने के लिए भी योजना बनाई जाएगी।

चौहान ने कहा कि किसी भी खेत को बिना सिंचाई के नहीं रहने देंगे। अब नहरों से सिंचाई के परम्परागत तरीके से अलग पाईप लाइन के माध्यम से खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा ताकि टपक सिंचाई जैसी पद्धति का भी बेहतर उपयोग हो सके। पूरे प्रदेश में पानी के बेहतर प्रबंधन और उपयोग के लिए आधुनिक तकनीकी को बढ़ावा दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने प्रगतिशील 1000 किसान को विभिन्न देश में खेती की उन्नत तकनीक को समझने के लिये अध्ययन भ्रमण पर भेजने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मैदानी अधिकारी-कर्मचारियों को हर साल सम्मानित किया जाएगा।

प्रगतिशील किसानों का सलाहकार मंडल बनेगा

चौहान ने कहा कि प्रगतिशील किसानों का सलाहकार मंडल बनाया जाएगा। हर फसल के प्रगतिशील किसानों का सलाहकार मंडल होगा, जो सरकार को नीति और रणनीति बनाने में सलाह देगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के अनुभव और परम्परागत ज्ञान का उपयोग करना चाहती है। उन्होंने किसानों को खेती के अपने अनुभव सुनाएं।

उन्होंने कहा कि अब किसानों को उद्यानिकी फसलों की ओर जाना होगा। मेहनती किसान मध्यप्रदेश को खेती के क्षेत्र में विश्व में अनुपम उदाहरण बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि खेती के अलावा पशुपालन और जैविक खेती को भी अपनाना होगा। धीरे-धीरे रासायनिक खाद का उपयोग कम करना होगा। इससे खेती भी बचेगी और धरती भी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 18 फरवरी को मध्यप्रदेश आएंगे

चौहान ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को उत्कृष्टतम बताते हुए कहा कि अब किसानों को राहत की 25 प्रतिशत राशि तत्काल मिल जाएगी। चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 18 फरवरी को मध्यप्रदेश आ रहे हैं। प्रदेश के किसानों द्वारा उनका अभिनंदन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल नुकसान को देखते हुए इतिहास में पहली बार 4,500 करोड़ की राहत राशि किसानों के खाते में पहुंचाई गई और 4,300 करोड़ जल्दी ही फसल बीमा की राशि के रूप में मिलेंगे।

समन्वित उद्यानिकी योजना बनेगी

चौहान ने कहा कि अब एक फसल पर निर्भर रहने का समय नहीं है। उद्यानिकी फसलों को साथ लें और किसानों के समूह बनाएं ताकि उन्हें अच्छा बाजार और अच्छे दाम मिल सके। मुख्यमंत्री ने समन्वित उद्यानिकी योजना बनाने के निर्देश दिए।

चौहान ने किसानों को टपक सिंचाई, पॉली हाऊस देने की पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करने के लिये कहा। उन्होंने बताया कि अगले तीन साल में किसानों को स्थाई पम्प कनेक्शन दिये जायेंगे। सोलर पम्प पर किसानों को 85 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि उद्यानिकी फसलों के निर्यात के लिये संस्था के गठन के निर्देश दे दिए गए हैं। हर किसान को सहकारिता का लाभ दिलाया जाएगा। बँटाईदारों को भी संकट में राहत की राशि मिलेगी। सभी ग्राम पंचायत में कम से कम एक खाद्य प्र-संस्करण इकाई स्थापित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि हर मण्डी में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय-स्तर पर प्रचलित दरों को दर्शाना जरूरी होगा। फल और फूलों के लिये अलग से मण्डी बनाई जायेगी। श्री चौहान ने कहा कि किसान, विश्वविद्यालय और सरकार मिलकर एक टीम के रूप में कार्य करेगी।

कृषि उत्पादन आयुक्त प्रेमचंद मीणा ने कहा कि प्रदेश में सर्वाधिक किसान हितैषी निर्णय लिए गए हैं। खेती से जुड़े सभी क्षेत्रों में प्रगति हुई। इसका सकारात्मक प्रभाव खाद्यान्न उत्पादन पर हुआ।

प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि पिछले एक दशक में प्रदेश ने खेती में अभूतपूर्व प्रगति की है। दस साल पहले खाद्यान्न उत्पादन 123 लाख मीट्रिक टन था, जो अब 321 लाख मीट्रिक टन हो गया है। प्रदेश गेहूं उत्पादन में देश में दूसरे, धान में सातवें, मक्का में चौथे और कुल खाद्यान्न उत्पादन में दूसरे स्थान पर आ गया है। सिंचाई पहले 46 लाख हेक्टेयर में होती थी आज 104 लाख हेक्टेयर में हो रही है।

किसानों ने अपनी सफलता के पड़ाव गिनाते हुए बताया कि कैसे ज्यादा उत्पादन हासिल किया। मैदानी अधिकारियों ने भी अपने अनुभव सुनाए।

19 किसान और 25 विभाग पुरस्कृत

समारोह में 10 जिले के 19 किसान को सम्मानित किया गया। इनमें ‘आत्मा’ परियोजना में कृषि क्षेत्र के विस्तार के लिए 10 कृषक, जो मुरैना, देवास, नीमच, नरसिंहपुर, हरदा और धार जिले के हैं, को राज्य-स्तरीय पुरस्कार दिया गया।

इसी तरह 5 जिले के 9 कृषक जिला-स्तरीय कृषक पुरस्कार से सम्मानित हुए। राज्य-स्तरीय पुरस्कार प्राप्त कृषकों को 50 हजार तथा जिला-स्तरीय पुरस्कार प्राप्त कृषकों को 25 हजार रुपए प्रदान किए गए। समारोह में कृषकों को कृषि उत्पादन में वृद्धि में सहयोग के लिए 25 विभाग, संस्था और कृषि विश्वविद्यालय को भी पुरस्कृत किया गया।

इनमें कृषि उत्पादन आयुक्त, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, जल-संसाधन, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सहकारिता, ऊर्जा, जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, कृषि अभियांत्रिकी, राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम, राज्य कृषि विपणन बोर्ड, राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था, राज्य सहकारी विपणन संघ, कृषि उद्योग विकास निगम, आयुक्त एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, राज्य सहकारी बैंक, जल-ग्रहण विकास कार्यक्रम, जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना, राज्य सहकारी बीज उत्पादक एवं विपणन संघ, पूर्व, मध्य एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी को भी सम्मानित किया गया।

समारोह में कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, वित्त मंत्री जयंत मलैया, श्रम मंत्री अंतर सिंह आर्य, सहकारिता मंत्री गोपाल भार्गव, सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, एम.पी. एग्रो अध्यक्ष रामकृष्ण सिंह चौहान, बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमारिया, उपाध्यक्ष महेन्द्र यादव, मार्कफेड अध्यक्ष रमाकांत भार्गव, अध्यक्ष राज्य कृषक आयोग बंशीलाल गुर्जर, मध्यप्रदेश किसान संघ अध्यक्ष रामभरोस बसौतिया, जिला पंचायत अध्यक्ष मदनमोहन नागर, कृषि उपज मण्डी अध्यक्ष श्यामा पाटीदार, मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। कृषि संचालक मोहनलाल मीणा ने आभार माना।