Home Breaking हिंसा पर शिवराज की गांधीगिरी : दशहरा मैदान में उपवास

हिंसा पर शिवराज की गांधीगिरी : दशहरा मैदान में उपवास

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हिंसा पर शिवराज की गांधीगिरी : दशहरा मैदान में उपवास
farmers protest in madhya pradesh : CM shivraj singh chuhan and ministers begins peace fast in bhopal
farmers protest in madhya pradesh : CM shivraj singh chuhan and ministers begins peace fast in bhopal

भोपाल। मध्य प्रदेश में शांति बहाली के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार से भेल के दशहरा मैदान में अनिश्चितकालीन उपवास शुरू कर दिया। उनके साथ उनकी पत्नी और कैबिनेट के कई मंत्री भी मौजूद हैं। उपवास के दौरान वे सरकार भी यहीं से चलाएंगे।

सीएम के उपवास के लिए दशहरा मैदान में तीन लेयरों की सुरक्षा व्यवस्था की गई है। शहर के अलग-अलग इलाकों में 4000 से ज्यादा जवानों की तैनाती की गई है, इन जवानों को दंगा रोधी उपकरणों से लैस किया गया है। वहीं कांग्रेस के प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए कांग्रेस भवन के बाहर भी बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया गया है।

ज्ञात हो कि राज्य के किसान एक जून से कर्ज माफी और फसल के उचित दाम की मांग को लेकर एक जून से आंदोलनरत हैं। इस आंदोलन का आज अंतिम दिन है। बीते नौ दिनों के दौरान मालवा निमाड़ क्षेत्र में हिंसा और आगजनी हुई।

मंदसौर में तो पुलिस की गोली और पिटाई से छह किसानों की मौत हो चुकी है और वहां कर्फ्यू लगाना पड़ा। इस आंदोलन की आग शुक्रवार को भोपाल तक पहुंच गई।

मुख्यमंत्री चौहान ने खुले तौर पर किसान और आमजनों से चर्चा के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया है और भेल के दशहरा मैदान में उपवास शुरू कर दिया। उनकी सरकार भी बल्लभ भवन से नहीं दशहरा मैदान से चलेगी। इस बात का चौहान ने शुक्रवार को ऐलान किया था।

मुख्यमंत्री की उपवास की घोषणा के बाद ही दशहरा मैदान में तैयारियों का दौर शुरू हो गया था। दशहरा मैदान में मंच बनाया गया है और अस्थाई मुख्यमंत्री निवास व सभाकक्ष का भी निर्माण किया गया है। साथ ही भारी सुरक्षा बल की तैनाती की गई है।

आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार चौहान को सुबह 11 बजे भेल दशहरा मैदान पहुंचना था मगर वे कुछ देरी से वहां पहुंचे। उनके साथ प्रमुख सचिव, सचिव भी वहां रहेंगे। उसके बाद वह किसानों से चर्चा, स्कूल चलें हम और मिल बांचें कार्यक्रम की समीक्षा, खरीफ फसल की तैयारी की समीक्षा, हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं की समीक्षा और किसानों से चर्चा करेंगे।

वहीं विपक्ष ने मुख्यमंत्री के उपवास और दशहरा मैदान से सरकार चलाने के फैसले को महज नौटंकी करार दिया है। कांग्रेस का कहना है कि चौहान को नौटंकी करने की बजाय किसानों की समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण करना चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कि, खुद को संवेदनशील मुख्यमंत्री बताने वाले चौहान छह किसानों की मौत के बाद न तो मंदसौर गए और यहां तक कि बालाघाट में एक पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट में 25 लोगों की मौत के बाद भी उन्होंने वहां जाना भी मुनासिब नहीं समझा। वे सिर्फ नौटंकी और मुद्दों से भटकाने की कोशिश करते रहे हैं। उपवास भी उसी का हिस्सा है।