Home Breaking चुनाव चिह्न पर सपा के दोनों गुट चुनाव आयोग में रखेंगे अपना पक्ष

चुनाव चिह्न पर सपा के दोनों गुट चुनाव आयोग में रखेंगे अपना पक्ष

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चुनाव चिह्न पर सपा के दोनों गुट चुनाव आयोग में रखेंगे अपना पक्ष
Fight over SPs cycle symbol, ball in EC's court
Fight over SPs cycle symbol, ball in EC's court
Fight over SPs cycle symbol, ball in EC’s court

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी की पारिवारिक कलह अब दिल्ली पहुंच गई है। पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव पार्टी चुनाव चिह्न साइकिल पर अपना कब्जा सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को अपने करीबियों के साथ चुनाव आयोग जाएंगे।

उनके पुत्र और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव साइकिल चुनाव चिह्न को हथियाने की जोर अजमाइश कर रहे हैं। उनकी ओर से रामगोपाल यादव आज यहां चुनाव आयोग में जाकर अपना पक्ष रखेंगे।

मुलायम सिंह यादव का कहना है कि सपा की स्थापना उन्होंने की थी और साइकिल चुनाव चिह्न उन्हें ही आवंटित हुआ था। अत: कोई भी उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से न तो हटा सकता है और न ही उनसे चुनाव चिह्न छीन सकता है। उन्होंने बताया कि इस बाबत उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र भी लिख दिया है।

उल्लेखनीय है कि मुलायम सिंह ने रामगोपाल यादव को 6 वर्षों के लिए तीसरी बार निकाल दिया है। जिन्होंने कल लखनऊ में पार्टी का आपात राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया था। इस अधिवेशन में मुलायम को पार्टी का संरक्षक और अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया गया था। साथ ही शिवपाल यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से और अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया था।

मुलायम सिंह और शिवपाल यादव लखनऊ से दिल्ली पहुंच गए हैं जबकि अमर सिंह लंदन से दिल्ली आ गए हैं। इसी बीच मुलायम द्वारा पांच जनवरी को लखनऊ में बुलाये गए पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को स्थगित कर दिया गया है।

मुलायम के नेतृत्व में उनके करीबी अमर सिंह और शिवपाल यादव चुनाव आयोग में दोपहर साढ़े चार बजे जाएंगे जहां वह साइकिल चुनाव चिह्न उन्हीं के पास रखने की गुजारिश करेंगे। इसके बाद मुलायम द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन भी करने की बात कही जा रही है।

अमर सिंह ने भावनात्मक कार्ड खेलते हुए कहा है कि पार्टी से निष्कासन होने पर उन्हें बुरा नहीं लगेगा पर अगर मुलायम सिंह यादव उन्हें अपने दिल से निकाल देंगे तो निश्चित तौर पर उन्हें बहुत बुरा लगेगा। शिवपाल यादव का भी कहना है कि वह मुलायम सिंह यादव के साथ अंतिम सांस तक रहेंगे।