Home Goa पीएम के अपमान के लिए पर्रिकर को उपचुनाव हारना चाहिए : शिवसेना

पीएम के अपमान के लिए पर्रिकर को उपचुनाव हारना चाहिए : शिवसेना

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पीएम के अपमान के लिए पर्रिकर को उपचुनाव हारना चाहिए : शिवसेना
For insulting PM Narendra Modi, Manohar Parrikar should lose Goa by-polls: Shiv Sena mouthpiece Saamna
For insulting PM Narendra Modi, Manohar Parrikar should lose Goa by-polls: Shiv Sena mouthpiece Saamna
For insulting PM Narendra Modi, Manohar Parrikar should lose Goa by-polls: Shiv Sena mouthpiece Saamna

मुंबई। केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दल शिवसेना ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पर प्रधानमंत्री के अपमान का आरोप लगाते हुए आगामी विधानसभा उपचुनाव में पर्रिकर की हार की ‘प्रार्थना’ की है।

पार्टी ने पर्रिकर के इस कथित बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है कि उन्हें इस बात की रत्ती भर परवाह नहीं है कि वह 23 अगस्त को पणजी में होने वाला उपचुनाव हार सकते हैं क्योंकि ऐसा होने पर वह केंद्र लौट जाएंगे और फिर से रक्षा मंत्री बन जाएंगे।

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्रों ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ में संपादकीय में लिखा कि प्रधानमंत्री ने पर्रिकर को गोवा के मुख्यमंत्री के स्थान से बढ़ाकर रक्षा मंत्री का स्थान दिया। वहां वह बुरी तरह नाकाम रहे जिसके बाद उन्हें फिर से राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में भेजा गया। अब वह धमकी देते फिर रहे हैं कि अगर वह उपचुनाव हार भी जाते हैं तो फिर से केंद्र में रक्षा मंत्री बन जाएंगे।

पार्टी ने संपादकीय में कहा है कि पर्रिकर का ऐसा कहना न केवल गोवा के मुख्यमंत्री के पद को कूड़ा करकट बना देना है बल्कि देश के रक्षा मंत्री के पद की भी तौहीन है।

शिवसेना ने कहा कि ऐसे गैर जिम्मेदाराना और बचकाने बयानों से पर्रिकर ने मोदी का अपमान किया है, जिन्होंने पहले उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में पदोन्नत किया और फिर पिछले साल गोवा विधानसभा चुनाव में भाजपा के बहुमत हासिल करने में नाकाम रहने के बाद उन्हें गोवा के नेतृत्व की कमान सौंप दी।

शिवसेना ने कहा कि लेकिन, पर्रिकर बुद्धिमान मतदाताओं को इतने हल्के में लेकर और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भरोसा न रखते हुए राज्य को अपनी निजी बपौती समझकर पहले से ही अपनी बाजी हार चुके हैं।

संपादकीय में शिवसेना ने सवाल उठाते हुए लिखा है कि क्या रक्षामंत्री का पद इतना सस्ता है और पर्रिकर के बगैर अनाथ जैसा हो गया है? मोदी को यह स्पष्ट करना चाहिए, खासतौर पर देश की सीमाओं पर वर्तमान गंभीर परिस्थिति को देखते हुए।

संपादकीय के अनुसार एक ओर मोदी पाकिस्तान और चीन दोनों की चुनौतियों से निपटने का प्रयास कर रहे हैं और दूसरी ओर पर्रिकर अपने बयानों द्वारा रक्षा मंत्रालय को नीचा और कमतर दिखा रहे हैं।

शिवसेना ने लिखा है कि ऐसे हालात में पर्रिकर को गोवा विधानसभा उपचुनाव हार जाना चाहिए। उनकी आशंका सच साबित होनी चाहिए और फिर उनके राज्य के लोगों को देखना चाहिए कि हारने के बाद क्या वह फिर भी रक्षा मंत्री बनाए जाते हैं?