Home UP Agra ताजमहल में रंगीन दुपट्टे पर प्रतिबंध, हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन

ताजमहल में रंगीन दुपट्टे पर प्रतिबंध, हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन

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ताजमहल में रंगीन दुपट्टे पर प्रतिबंध, हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन
foreign guests forced to remove saffron scarves in taj mahal, Hindu organizations protest
foreign guests forced to remove saffron scarves in taj mahal
foreign guests forced to remove saffron scarves in taj mahal, Hindu organizations protest

आगरा। मुगल बादशाह शाहजहां की पुण्यतिथि पर तीन दिवसीय उर्स की तैयारियां रविवार को शुरू होने से पहले शांति भंग होने की आशंका के चलते भगवा रंग के दुपट्टे के साथ ताजमहल में प्रवेश से रोक पर विवाद खड़ा हो गया है। अधिकारियों का हालांकि कहना है कि विवाद को सुलझा लिया गया।

कुछ दिन पहले 34 देशों की फैशन मॉडल ताजमहल भ्रमण पर आई थीं। उनमें से कुछ महिलाओं ने भगवा रंग का दुपट्टा पहन रखा था, जिसे पहनकर अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई और प्रवेश द्वार पर ही दुपट्टे रखवा लिए गए।

इस घटना से आगरा के कुछ हिंदू संगठन नाराज हो गए। बीते चार दिनों से शिव सेना, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल के सदस्य ताजमहल के प्रवेश द्वार पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

इसके बाद हिंदू संगठनों ने शुक्रवार को ताजमहल के ‘महा घेराव’ का आह्वान किया और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ताजमहल से 500 मीटर तक धरना प्रदर्शन न करने के आदेश के बावजूद विरोध प्रदर्शन कर रहा एक समूह ताज महल के अंदर प्रवेश कर गया।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और भारत पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) के क्षेत्र प्रमुख भुवन विक्रम ने प्रदर्शनकारियों को मनाने की कोशिश की और उनसे कहा कि इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। हालांकि अधिकारियों ने बाद में प्रदर्शनकारियों का एक ज्ञापन स्वीकार कर लिया, जिसमें एएसआई और सीआईएसएफ के कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

आगरा के एएसआई प्रमुख ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को बता दिया गया है कि रंगीन दुपट्टा पहनकर ताजमहल में प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है और पर्यटक किसी भी रंग का दुपट्टा पहनने के लिए स्वतंत्र हैं।

इस बीच एएसआई अधिकारियों ने कहा कि उर्स के तीन दिनों के दौरान ताज महल में प्रवेश निशुल्क रहेगा। उर्स आयोजन समिति के अध्यक्ष ताहिरुद्दीन ताहिर ने बताया कि मंगलवार को 1,000 मीटर लंबी चादर चढ़ाई जाएगी और उर्स में सभी समुदाय के लोग हिस्सा लेंगे।