Home Health दौड़ने से जोड़ों की सूजन छूमंतर और हड्डियां होंगी ताकतवर

दौड़ने से जोड़ों की सूजन छूमंतर और हड्डियां होंगी ताकतवर

0
दौड़ने से जोड़ों की सूजन छूमंतर और हड्डियां होंगी ताकतवर
how to get stronger bones

how to get stronger bones

नई दिल्ली। जिंदगी की जंग जीतना है तो ‘दौड़ना’ पड़ेगा। दौड़ने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं, बस मन को रफ्तार दें क्योंकि अब वैज्ञानिकाें ने सिद्ध कर दिया है कि दौड़ लगाने से हम ‘लंबी’ और स्वस्थ ‘चाल’ चल सकते हैं।

सुबह-सुबह उठकर तुरंत पिएं ये जादुई पानी, होंगे ये फायदे

चिकित्सकों ने पैरों को दूसरा ‘दिल’ माना है और उनका मानना है कि दौड़ने अथवा तेज-तेज चलने से ह्दय स्वस्थ रहता है और लोग अपनी जिंदगी बेहतर तरीके से जी सकते हैं। वैज्ञानिकों ने नए शोध में साबित किया है कि दौड़ लगाकर दिल को स्वस्थ रखने का खामियाजा घुटनों को नहीं भुगतना पड़ता है।

VIDEO: SUNNYLEONE का हॉट सांग लांच हुआ इमरान हाश्मी के साथ

दौड़ने से घुटनों के जोड़ों में सूजन और दर्द नहीं हाेता बल्कि इसके उलट जब हम दौड़ते हैं तो घुटनों के जोड़ों की सूजन खत्म होती है, घुटने मजबूत बने रहते हैं और उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी ‘ऑस्टियोआर्थराइटिस’ नहीं होती।

अमरीका में उटहा घाटी के प्रोवो में स्थित ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी(बीवाईयू) के एक्सरसाइज साइंस के सह प्रोफेसर एवं मुख्य शोधकर्ता रॉबर्ट हिल्डाल और इंटरमांउटन हेल्थ केयर के डॉ़ इरिक रॉबिंसन की टीम ने 18 से 35 साल के स्वस्थ लोगों पर अध्ययन किया है जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।

VIDEO: 10 हॉलीवुड मूवीज जो भारत में प्रतिबंधित हैं

प्रोफेसर हिल्डाल ने बताया कि इस उम्र समूह के कई लोगों पर शोध किया गया। इस दौरान इन लोगों के आधे घंटे तक की दौड़ लगाने के बाद और उसके पहले जोड़ों के फ्लूइड का परीक्षण किया गया।

उन्होंने कहा कि इस शोध में शामिल लोगों के स्नोवियल फ्लूइड निकालकर जीएम-सीएसएफ और आईएल-15 मार्कर का परीक्षण किया गया। यानी इस परीक्षण में जोड़ों में सूजन बढ़ाने वाले तत्व की जांच की गयी।

शोधकर्ताओं के अनुसार 30 मिनट की दौड़ लगाने वाले लोगों में सूजन पैदा करने वाला तत्व कम हुआ था जबकि इसी उम्र समूह के दौड़ नहीं लगाने वाले लोगों में यह कम नहीं हुआ था। शोधकर्ताओं ने कहा कि स्वस्थ लोग अगर एक्सरसाइज करें तो जोड़ों की समस्याओं से दूरी बनी रहेगी क्योंकि दौड़ने और इस तरह की अन्य गतिविधियां करने से सूजन पैदा करने वाले तत्वों पर लगाम लगता है।

शेविंग करते समय रखें इन बातों का खास ध्यान, वर्ना हो…

ऑस्टियोआर्थराइटिस की आशंका कम रहती है और हड्डियाें में मजबूती आती है। एक तय समय में दौड़ने से घुटनों की कार्टिलेज अथवा कुशन सामान्य काम करते हैं। इन्हें सक्रिय रखने वाले तरल पदार्थ ‘कांड्रोप्रोटेक्टिव’ की मौजूदगी बनी रहती है जिससे जोड़ों के बीच में जगह नहीं बनती और हड्डियां आपस में घिसती नहीं है।

ऐसी स्थिति में ऑस्टियोआर्थराइटिस की आशंका क्षीण रहती है।” उन्होंने कहा कि विश्वभर की बड़ी जनसंख्या ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित है और अकेले अमेरिका के दो करोड़ 70 लाख लोग इस रोग से ग्रसित हैं।

अमरीका के रुमटालिजी कॉलेज में भी किए गये शोध में दौड़ने और घुटने के स्वास्थ्य में संबंध पाया गया है। मुख्य अध्ययनकर्ता डॉ़ ग्रेस हासिओ वेइ लो के अनुसार दौड़ने से घुटने स्वस्थ तो रहते ही हैं यह दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद है।

VIDEO: 14 शादी की तस्वीरें आप विश्वास नहीं करेंगे वास्तव में मौजूद है

उन्होंने कहा कि हमने 2683 लोगों पर अध्ययन किया जिनमें 54 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं। शोध में भाग लेने वालों की औसत उम्र 64़ 5 थी। इस दौरान हमने पता लगया कि जीवन के किसी ने किसी मोड़ पर दौड़ने वाले लोग, नहीं दौड़ने वालों की अपेक्षा हर तरह से अधिक स्वस्थ और सुडौल थे और उनका घुटनों की समस्याओं से भी कम वास्ता था।

नोएडा के कैलाश अस्पताल के सीनियर आर्थोपेडिक सर्जन डॉ़ एपी सिंह ने कहा कि आप उम्र के किसी भी पायदान पर हैं और आपके घुटनों में किसी तरह की समस्या नहीं है तो आधे घंटे तक की दौड़ लगाकर घुटनों को स्वस्थ रखा जा सकता है। लेकिन अगर घुटनों में किसी प्रकार का रोग है तो इन पर जोर ड़ालने और दौड़ लगाने से इनकी स्थिति खराब हो सकती है।

डॉ़ सिंह ने कहा कि अगर बीवाईयू और अन्य यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों की टीम ने अपने शोध में दौड़ने से सूजन में कमी पाई है तो यह स्वागत योग्य है।

फास्ट फूड दे रहा है बच्चों में ह्दयरोग को बढ़ावा :…

उन्होंने कहा कि लेकिन यह तय है और हमारा कई सालों का अनुभव भी बताता है कि आधे घंटे की मार्निंग वाक, जॉगिंग अथवा रनिंग से घुटनों को स्वस्थ रखा जा सकता है लेकिन अधेड़ उम्र में इन पर जरूरत से ज्यादा भार देने और प्रतिदिन आधा घंटा से अधिक देर तक दौड़ने, टहलने अथवा जॉगिंग करने से घुटनों की कार्टिलेज घिसने लगती हैं और कालांतर हमें घुटनों की बीमारियों का शिकार होना पड़ता है।

VIDEO: जल्द ही आ रहा 200 रुपए का नोट

डॉ सिंह ने कहा कि योग, व्यायाम एवं अन्य प्रकार की शारीरिक क्रियाओं को अपना कर हम न केवल घुटनों को लंबी जिंदगी दे सकते हैं बल्कि हम पूरी तरह स्वस्थ रह सकते हैं। इतना ही नहीं ऐसा करके हम शारीरिक सौदर्य में चार चांद तो लगाते ही हैं, हमारा मन भी शांत एवं सुंदर महसूस करता है। से सभी चीजें एक प्रकार की दवा कहलाएंगीं।

उन्होंने कहा कि देर तक जमीन पर बैठकर काम करने अौर पालथी मारकर बैठने की आदत से बचना चाहिए, इससे घुटनों की जोड़ पर दबाव पड़ता है जो इसके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। मैराथन में दौड़ने वाले खिलाड़ियों के घुटनों के घिसने की आशंका कम रहती है क्योंकि उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) भी कम रहता है और उनका खानपान एवं एक्सरसाइज भी विशेष प्रकार का हाेता है।

टमाटर कर सकता है कई बीमारियों का उपचार

डॉ़ सिंह ने कहा कि हम लोग मैराथन रनर से अपनी तुलना नहीं कर सकते क्योंकि हमारी जीवन शैली उनसे बिल्कुल अलग है। किसी-किसी वेटलिफ्टर को घुटने बदलवाने की नौबत आती है क्योंकि उनके घुटनों पर अत्यधिक भार पड़ता है और इससे कार्टिलेज के क्षितग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा कि ऑस्टियोआर्थराइटिस जोड़ों में दर्द और जकड़न पैदा करने वाली बीमारी है। यह बीमारी पकड़ ले तो इसका पूर्ण उपचार संभव नहीं है लेकिन समय रहते रोग पकड़ में आ जाए तो अनेक प्रकार के उपचार से इसकी रोकथाम की जा सकती है। इस रोग से जोड़ों की हड्डियों के बीच रहने वाली ‘आर्टिकुलर कार्टिलेज’ को नुकसान होता है।

VIDEO: खूबसूरत लड़की ने किया लोगो को फंसा कर ब्लैकमेल सावधान इससे

आर्टिकुलर कार्टिलेज हड्डियों के बीच में एक प्रकार के मुलायम कुशन की तरह काम करता है। धीरे-धीरे जब यह कार्टिलेज नष्ट होने लगती है, तब जोड़ों पर भार पड़ने पर हड्डियां एक दूसरे से टकराने लगती हैं। यह रोग अक्सर 50 साल या उससे अधिक आयु में लोगों को प्रभावित करता है।

वैसे तो यह शरीर के किसी भी जोड़ को प्रभावित करता है पर घुटनों से संबंधित समस्याए अधिक होती हैं। डॉ़ सिंह ने कहा कि 40 के बाद समय- समय पर हमें अपनी जांच करानी चाहिए और शरीर में विटामिन डी, कैल्शियम आदि के स्तर के बारे में अावश्यक जानकारी रखनी चाहिए।

VIDEO: बॉडीबिल्डिंग करने वालो के लिए मोटिवेशन वीडियो

संतुलित, पौष्टिक आहार, व्यायाम अथवा अन्य प्रकार की शरीरिक गतिविधियां मसलन, दौड़, जॉगिंग को दिनचर्या काे आवश्यक हिस्सा बनाना चाहिए। रनिंग के अन्य फायदों के बारे में चौंकाने वाले तथ्य हैं जिनके बारे में कह सकते हैं कि सुंदर, स्वस्थ्य बनना है तो ‘भागो’।”उन्होंने कहा“ दौड़ना एक सम्पूर्ण व्यायाम है।

अगर सप्ताह में तीन दिन भी एक -दो किलोमीटर की दौड़ लगाई जाए तो इसके बहुत फायदे हैं। दौड़ने से शरीर मजबूत बनता है और मांसपेशियों को ताकत मिलती है। दौड़ने से वजन में कमी आती है। लोग आज वजन कम करने के लिए ढेरों पैसे खर्च कर देते हैं लेकिन दौड़ नहीं लगा सकते।

VIDEO: BMW की अपने आप चलने वाली कार देखिये

ज्यादा वजन होने से कई तरह की बीमारियां हमला करती हैं। दौड़ने से दिल भी स्वस्थ रहता है और यह पर्याप्त मात्रा में खून पंप करता है। इससे उच्च रक्तताप नियंत्रण में रहता है और धमनी और शिरा मजबूत बनते हैं।

डा. सिंह ने कहा कि आज मधुमेह एक आम बीमारी बन गई है। ऐसे रोगियों को दवा के साथ -साथ टहलना, दौड़ना भी जरूरी होता है, इससे इंसुलिन बनने की प्रक्रिया में सुधार होता है और शरीर में रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है। दौड़ने को दिनचर्या में शामिल करने से दमा के असर को कम किया जा सकता है।

बदलती जीवन शैली से बच्चे भी हो रहे हैं हाई ब्लड…

इसके अलवा इससे जोड़ों को शक्ति मिलती है और अस्थि घनत्व (बोन डेनसिटी) बढ़ता है जिससे हड्डी संबंधित कई प्रकार की खतरा नहीं होता। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर दौड़ने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संतुलित होता है और अवसाद, चिंता जैसी समस्याओं से नाता कम रह जाता है।

उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि दौड़ने से संबंधित एक राज की बात है जिसे जानने की हर व्यक्ति की ख्वाहिश होगी। जाहिर है आप भी सुनना चाहेंगी। तो, जान लीजिए, इससे चेहरे पर ऐसी चमक आती है कि आपका ‘फेशियल’ भी फेल हो जाए।

VIDEO: नरेंद्र मोदी के बारे में बोला इस औरत ने कुछ ऐसा देखिये

आपको यह खबर अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और  FACEBOOK पर PAGE LIKE  कीजिए,  और खबरों के लिए पढते रहे Sabguru News और ख़ास VIDEO के लिए HOT NEWS UPDATE