Home Headlines ग्रहों का दुर्लभ संयोग : सुख-समृद्धि दिलाएगी ‘‘सौभाग्य’’ योग की दीपावली

ग्रहों का दुर्लभ संयोग : सुख-समृद्धि दिलाएगी ‘‘सौभाग्य’’ योग की दीपावली

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ग्रहों का दुर्लभ संयोग : सुख-समृद्धि दिलाएगी ‘‘सौभाग्य’’ योग की दीपावली
Goddess Lakshmi is worshiped on Diwali
Goddess Lakshmi is worshiped on Diwali
Goddess Lakshmi is worshiped on Diwali

लखनऊ। कार्तिक मास हिन्दुओं के लिए काफी शुभ माना जाता है। ग्रहों का संयोग इसे और दुर्लभ बना रहा है। समय की इस चाल को ज्योतिष विद्वान काफी समृद्धशाली बताते हुए दीपावली पर अद्भुत संयोगों की बरसात होने की बात कह रहे हैं।

बुधवार को ‘‘सौभाग्य’’ योग में पड़ रहा प्रकाश पर्व दीपावली सुख-समृद्धि के साथ स्थिर लक्ष्मी का संयोग लेकर आ रहा है। जय मां वैष्णों देवी ज्योतिष तंत्र अनुसंधान एवं परामर्श केंद्र के तंत्राचार्य आचार्य योगेश पाण्डे ने इस दीपावली पर बन रहे संयोग को काफी महत्वपूर्ण बताया है।

उनका मत है कि इस बार की दीपावली एक दशक बाद ‘‘सौभाग्य’’ योग में पड़ रही है जिससे मां महालक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण कर भक्तों को अमृत वरदान देंगी। ग्रहों की अनुकूलता भी दीपावली को खास बना रही है।

आचार्य योगश के साथ ज्योतिष विद्वान पण्डित शिवाकांत और पण्डित चंद्रमौल का कहना है कि दीपावली पर ऐसे संयोग काफी कम बनते हैं। इसका पूरा लाभ उठाकर भक्तों को मां महालक्ष्मी की उपासना करनी चाहिए।
ग्रह शुक्र बना रहा वैभव लक्ष्मी योग
ज्योतिष विद्वानों का मत है कि इस बार की दीपावली में ग्रह शुक्र की दृष्टि धन व लाभ स्थान पर पड़ने से वैभव लक्ष्मी योग बन रहा है। यह योग सुख-समृद्धि के साथ वैभव का कारक है। इस योग में मां लक्ष्मी की आराधना और उपासना से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होगी। ज्योतिष विद्वानों का मत है कि शुक्र ग्रह ही ऐश्वर्य के कारक हैं और इनकी पूर्ण दृष्टि जन मानस को ऐश्वर्य दिलाएगी।
मां लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त
मां लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावश्या तिथि पर विशेष रूप से बनता है। चैबीस घण्टे में पूजन के तीन संयोग बनते हैं। इस बार दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त दिन में 12.55 बजे से दोपहर 2.25 बजे तक कुंभ लग्न में बन रहा है। दूसरा संयोग प्रदोष काल 5.32 बजे से 7.35 बजे तक वृष लग्न में बन रहा है जिसके स्वामी ही शुक्र हैं।

इस घड़ी काल में घर की कुंवारी कन्याओं से दीपदान कराया जाना शास्त्र के अनुसार शुभ माना गया है। इस योग में किया गया लक्ष्मी पूजन अभीष्ठ फलदायक होता है। तीसरा चरण रात्रि निशाकाल में महानिशा पूजन के साथ किया जाएगा। यह संयोग 11.58 बजे से रात्रि के 2.18 के बीच सिंह लग्न में पड़ेगा। मुहूर्त में श्रद्धालु मां लक्ष्मी की उपासना कर सकते हैं। इस काल में तंत्र साधना की जाती है। गृहस्थ दूसरे चरण में उपासना करें।
द्वितीय चरण की उपासना श्रेयष्कर
ज्योतिष विद्वान योगेश पाण्डेय का मत है कि इस बार दीपावली में द्वितीय चरण की पूजा सभी राशियों के लिए सर्व मंगलकारी होगी। शुक्र की पूर्ण दृष्टि के कारण सभी राशि के जातकों को दूसरे चरण में बन रहे संयोग प्रदोष काल 5.32 बजे से 7.35 बजे तक वृष लग्न में लक्ष्मी पूजन कर लेना चाहिए।
नेत्र ज्योति बढ़ाएगा दीपावली का कॉजल
दीपावली के दीपक से कॉजल बनाने और साल भर उसका उपयोग करने की परम्परा सदियों से चली आ रही है। यह योग नेत्र ज्योति ब्ढ़ाने वाला होता है। विशेषकर यह कॉजल शिशुओं के लिए विशेष हितकर और रोग क्षयकरी होता है।
दीपावली से बदल रही ग्रहों की चाल
अमावश्या पर ग्रहों की चाल बदल रही है। इसका प्रभाव बारहों राशियों पर पड़ेगा। यह शुभ संकेत है। यह योग बारहो राशि के जातकों के लिए सुख-समृद्धि के साथ सौभाग्य का कारक बनेगा।
राशियों पर क्या होगा प्रभाव
मेष, वृश्चिक (स्वामी ग्रह मंगल) – प्रसन्नता के साथ अर्थ लाभ के योग। मुकदमा में सफलता के साथ नवीन गृह मकान के योग।
मिथुन, कन्या (स्वामी ग्रह बुध)– ग्रह बाधाओं से मुक्ति के साथ मनोकामना पूर्ति के योग।
कर्क (स्वामी ग्रह चंद्रमा) – शीत रोग से मुक्ति के साथ घर में लक्ष्मी के वास का बन रहा योग।
सिंह (स्वामी ग्रह सूर्य) – राज्यपक्ष से लाभ के साथ सुख-समृद्धि के बन रहे विशेष योग।
वृष, तुला (स्वामी ग्रह शुक्र) – आधुनिक संसाधनों के साथ महालक्ष्मी प्राप्त्ि के बन रहे विशेष योग।
धनु, मीन (स्वामी ग्रह गुरु) नए योजनाओं का होगा क्रियान्यवन तथा सभी कार्यो में कार्य सिद्धि प्राप्ति के योग।
मकर, कुंभ (स्वामी ग्रह शनि) – राजनीति क्षेत्र में होगा उत्तम लाभ, मित्रों से मिलेगा भरपूर सहयोग।
विजय का प्रतीक है कार्तिक मास
कार्तिक मास को धन वैभव यश बढ़ाने के साथ साथ विजय का महीना भी कहा जाता है। इस बार इस माह में अमावश्या पर श्सौभाग्यश् योग बन रहा है जो अभीष्ठ फल देने वाला है। ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि यह स्थित शुभ फलदाई तो है ही स्थिर लक्ष्मी के लिए भी काफी विशेष है। कार्तिक मास में पूजा अर्चना और उपासना का पूरा फल मिलता है। इसलिए इसे धन वैभव और यश समृद्धि का महीना कहा गया है।
तंत्र साधन के लिए चल रही तैयारी
तंत्र साधना के लिए अमावश्या की रात्रि विशेष होती है। जय मां वैष्णो ज्योतिष तंत्र अनुसंधान एव परामर्श केंद्र पर तंत्र साधना के लिए विशेष तैयारी चल रही है। लोगों के जंत्र तंत्र व अन्य ग्रह बाधा की मुक्ति के लिए के उपाय को लेकर अनुष्ठान चल रहा है।