Home Breaking 63 बच्चों की मौत पर योगी के विरोधाभासी बयान, सख्त कार्रवाई का भरोसा

63 बच्चों की मौत पर योगी के विरोधाभासी बयान, सख्त कार्रवाई का भरोसा

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63 बच्चों की मौत पर योगी के विरोधाभासी बयान, सख्त कार्रवाई का भरोसा
Gorakhpur tragedy : 60 kids die in five days, 9 the day cm yogi adityanath came visiting
Gorakhpur tragedy : 60 kids die in five days, 9 the day cm yogi adityanath came visiting
Gorakhpur tragedy : 60 kids die in five days, 9 the day cm yogi adityanath came visiting

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गृह नगर गोरखपुर के एक अस्पताल में बीते पांच दिनों में 60 से अधिक बच्चों की मौत के पीछे ऑक्सीजन की कमी को खारिज करते हुए शनिवार को विरोधाभासी बयान दिए और कहा कि उन्होंने ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी की भूमिका और अन्य कमियों की जांच के लिए मुख्य सचिव के अधीन एक समिति गठित की है।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और उनके स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बीते तीन साल के दौरान अगस्त महीने में होने वाली बच्चों की मौतों का आंकड़ा देते हुए दावा किया कि ये मौतें जापानी इनसेफलाइटिस जैसी मच्छर जनित बीमारियों के कारण हुई हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल और राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री के साथ संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

बच्चों की मौतों पर इस बीच भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार पर विपक्षी पार्टियों का चारों ओर से हमला जारी रहा, वहीं भाजपा नेता साक्षी महाराज और बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने इस हादसे को ‘जनसंहार’ की संज्ञा दी।

समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आनन-फानन में संवाददाता सम्मेलन बुलाकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा और बच्चों की मौत पर दुख व्यक्त किया।

आम आदमी पार्टी ने जहां मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का पुतला फूंका तो राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर डाली।

आदित्यनाथ और सिद्धार्थनाथ ने जोर देकर कहा कि गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में किसी बच्चे की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते नहीं हुई, हालांकि उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया कि 10 अगस्त को तरल ऑक्सीजन की आपूíत चार घंटे के लिए बाधित रही थी।

आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा को लापरवाही और प्रशासनिक कमियों के चलते पहले ही निलंबित कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि मामले पर मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए जा चुके हैं, जिसकी रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी, जबकि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई जांच समिति की रिपोर्ट एक सप्ताह में आएगी।

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आदित्यनाथ ने मीडिया से भी तथ्यपरक और पुष्ट खबरें प्रसारित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में हुई हर मौत को लेकर हम संवेदनशील हैं और आप सबसे भी निवेदन है कि तथ्यों और आंकड़ों को लेकर सावधानी बरतें।

मृतक बच्चों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार के लिए इनसेफलाइटिस बहुत बड़ी चुनौती है और उनके लिए व्यक्तिगत तौर पर इस बीमारी का फैलना भावुक करने वाला है, क्योंकि 1998 से वह खुद इसके खिलाफ लड़ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे बात की, स्थिति के बारे में पूछा और केंद्र सरकार से हर मदद का आश्वासन दिया।

आदित्यनाथ ने बताया कि वह खुद नौ जुलाई और नौ अगस्त को अस्पताल दौरे पर गए थे, लेकिन तब उन्हें ऑक्सिजन या किसी अन्य सुविधा की कमी की बात नहीं बताई थी।

सिद्धार्थनाथ ने भी बच्चों की मौत के पीछे बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी या ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा की बात से इंकार किया।

इतना ही नहीं उन्होंने बच्चों की मौत के पीछे वजन में कमी, समयपूर्व प्रसव, सेप्सिस, न्यूमोनिया और दूसरे संक्रमणों का बहाना बनाया। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ मौतें इनसेफलाइटिस के कारण भी हुईं।

सिद्धार्थनाथ सिंह ने विपक्ष पर बच्चों की मौत पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया।आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद सिद्धार्थनाथ ने कहा कि यह गंभीर मामला है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। आरोप हम भी लगा सकते हैं, लेकिन हम स्थिति को काबू में करना चाहते हैं।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी का लंबित भुगतान पांच अगस्त को कर दिया गया था और मेडिकल कॉलेज को धनराशि भेज दी गई थी, लेकिन यह चौंकाने वाला है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा ने 11 अगस्त तक भुगतान राशि जारी क्यों नहीं की।

शनिवार को ही इससे पहले इलाहाबाद में ही गंगा ग्राम सम्मेलन एवं स्वच्छता रथ कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल में बच्चों की मौत के पीछे गंदगी और खुले में शौच को कारण बताया।

आदित्यनाथ ने कहा कि मच्छरों से फैलने वाली कई बीमारियां हैं, जिसमें इनसेफलाइटिस भी शामिल है। आपने बीते कुछ दिनों से बीआरडी मेडिकल कॉलेज पर मीडिया में आ रही खबरें तो सुनी होंगी..इस हादसों में छोटे-छोटे बच्चों की मौत इसलिए हुई, क्योंकि हम स्वच्छतापूर्ण जीवन नहीं जी रहे।

आदित्यनाथ ने कहा कि गंदगी की वजह से ही इस देश का बच्चा असमय काल कलवित हो रहा है।”

शनिवार को ही रालोद प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने कहा कि जब प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह जनपद का यह हाल है तो फिर प्रदेश के अन्य जिलों का अनुमान प्रदेश की जनता को खुद कर लेना चाहिए।

साक्षी महाराज ने कहा कि मासूमों की मौत सामान्य नहीं मानी जाएगी। एक-दो मौतें ही सामान्य होती हैं, इतनी नहीं, यह जनसंहार है।

अखिलेश ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मृतकों के परिजनों को लाश देकर भगा दिया गया, यही नहीं मृतक बच्चों का पोस्टमार्टम तक नहीं हुआ है। योगी सरकार ने यह सब सच्चाई छुपाने के लिए किया है। बच्चों की मौत से मैं दुखी हूं।

सपा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के नेतृत्व में छह सदस्यीय जांच दल भी गोरखपुर भेजा है। जांच कमेटी घटना की जांच कर 13 अगस्त तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगा।