Home Bihar गुजरात राज्यसभा चुनाव का जद (यू) पर ‘साइड इफेक्ट’

गुजरात राज्यसभा चुनाव का जद (यू) पर ‘साइड इफेक्ट’

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गुजरात राज्यसभा चुनाव का जद (यू) पर ‘साइड इफेक्ट’
Sharad Yadav Takes Big Step Forward In Plans To Split With Nitish Kumar
Sharad Yadav Takes Big Step Forward In Plans To Split With Nitish Kumar
Sharad Yadav Takes Big Step Forward In Plans To Split With Nitish Kumar

पटना। बिहार में नीतीश कुमार के महागठबंधन तोड़ने से नाराज चल रहे जनता दल (युनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव लगातार विपक्ष के साथ खड़े दिख रहे हैं।

गुजरात के राज्यसभा चुनाव के बहाने अब जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार और पूर्व अध्यक्ष अब आमने-सामने नजर आने लगे हैं।

एक ओर जहां शरद यादव ने कांग्रेस के नेता अहमद पटेल को राज्यसभा सांसद चुने जाने पर ट्वीट करके बधाई दी है, वहीं पार्टी ने शरद के नजदीकी माने जाने वाले अरुण श्रीवास्तव को पार्टी विरोधी कार्य करने के आरोप में महासचिव पद से हटा दिया है।

शरद यादव ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल को गुजरात से राज्यसभा चुनाव जीतने पर बधाई दी है। शरद ने ट्वीट कर लिखा कि मुश्किल बाधाओं के बावजूद राज्यसभा चुनाव में आपकी जीत पर हार्दिक बधाई! अपने कैरियर में सफलताओं के लिए शुभकामनाएं!! इस ट्वीट संदेश के साथ उन्होंने अपना और अहमद पटेल की तस्वीर लगाई है।

अहमद पटेल ने जीत के लिए ‘वफादार विधायकों’ को धन्यवाद दिया
अहमद पटेल को जीत की बधाई देकर मुश्किल में पडे शरद यादव

इधर, जद (यू) ने अरुण श्रीवास्तव को गुजरात में हुए राज्यसभा चुनाव के निर्वाचन अधिकारी को चुनाव एजेंट नियुक्त करने के लिए अनधिकृत रूप से पत्र लिखने के कारण पार्टी के महासचिव पद से हटा दिया है।

इसकी पुष्टि करते हुए जद (यू) के वरिष्ट महासचिव क़े सी़ त्यागी ने बताया कि गुजरात से राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव के लिए अरुण श्रीवास्तव ने एजेंट अधिकृत किया था, जबकि अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा ऐसा कोई आदेश या निर्देश नहीं दिया गया था। इस तरह के कार्य को पार्टी विरोधी मानते हुए उन्हें महासचिव पद से हटा दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि गुजरात में जद (यू) के एक मात्र विधायक छोटू वसावा ने मंगलवार को चुनाव में मतदान करने के बाद कहा था कि उन्होंने राज्यसभा में कांग्रेस के उम्मीदवार अहमद पटेल को वोट दिया है, जबकि क़े सी़ त्यागी ने मीडिया के सामने दावा किया था कि छोटू वसावा ने भाजपा को वोट दिया है।

गौरतलब है कि बिहार में महागठबंधन तोड़कर 14 घंटों के भीतर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना लेने के कारण पार्टी अध्यक्ष नीतीश से शरद यादव नाराज हैं। उनकी नाराजगी कई मौकों पर सामने आ चुकी है।

चर्चा थी कि जद (यू) के राजग से जुड़ते ही केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शरद से मुलाकात की थी और उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री बनने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया।

शरद यादव 10 से 12 अगस्त के बीच बिहार के सात जिलों में आम लोगों से संवाद करेंगे। इधर, जद (यू) ने इस यात्रा को शरद की व्यक्तिगत यात्रा बताते हुए ने खुद को इससे अलग कर लिया है।