Home India City News अभी तक ‘ड्रीमगर्ल’ के ‘ड्रीम’ ही देख रहे हैं रावल गांव के लोग

अभी तक ‘ड्रीमगर्ल’ के ‘ड्रीम’ ही देख रहे हैं रावल गांव के लोग

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अभी तक ‘ड्रीमगर्ल’ के ‘ड्रीम’ ही देख रहे हैं रावल गांव के लोग
hema malini adopted uttar pradesh raval village under sansad adarsh gram yojana, but no change in village
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मथुरा। यूँ तो बल्देव ब्लाॅक का गांव रावल सांसद हेमामालिनी ने आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया है लेकिन गोद लेने के छह माह बीत जाने के बाद भी यहां अब तक कोई विकास की किरणें नहीं फूटी हैं। ग्रामीण और ग्राम प्रधान विकास के लिए अब तक ‘ड्रीम गर्ल’ का ‘ड्रीम’ ही देख रहे हैं।

सांसद हेमा मालिनी द्वारा आदर्श गांव के लिए गोद लिए गए राधारानी की जन्मस्थली गांव रावल में अभी तक विकास के नाम पर एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया है। यहां के वाशिंदे मूलभूत बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।
गांव में ना तो पीने का पानी मयस्सर है और ना ही शौचालय। उपचार के लिए अभी तक कोई दवाखाना यहां नहीं बना। बच्चों की शिक्षा के नाम पर प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय तो संचालित हैं लेकिन यहां भी बच्चों को पीने के पानी और टाॅयलेट जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।
गांव में गंदगी का साम्राज्य है। गड्ढों और कीचड़ से लवरेज गांव की गलियों से स्थानीय वासिन्दे और यहां आने वाले श्रद्धालु गुजरने को मजबूर है वहीं सांसद अब तक गांव में 4-5 बार जाकर मीटिंग जरुर ले चुकी हैं और ग्रामीणों को विकास के हसीन सपने दिखाकर खूब वाह-वाही लूट चुकी हैं।
गांव में अभी तक विकास कार्य शुरु नहीं होने से गांव के लोगों को रियल लाइफ में तो कुछ नजर नहीं आ रहा है हां रील लाइफ में जरुर गांव के लोग सपने देख रहे हैं। बता दें कि मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव के विकास के लिए बलदेव ब्लाॅक के गांव रावल को चयनित किया है।
इस गांव को जोड़ने वाली करीब डेढ किलोमीटर लम्बी लिंक रोड भी खस्ता हालत में है। सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क कहना मुश्किल है। इसके अलावा गांव की गलियां भी टूटी-फूटी सड़कों से अच्छादित हैं इतना ही नहीं गंदे पानी की निकासी की सही व्यवस्था ना होने के कारण गलियों में कीचड़ का साम्राज्य है।
स्थानीय लोगों के साथ ही बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी इन्ही सड़कों से गुजरने को मजबूर होते है। गांव की एक महिला लक्ष्मी ने बताया कि गांव में सांसद हेमा कई बार आ चुकी है और जल्द ही विकास कार्य कराने की बात कह कर चली जाती हैं।
गांव में ही रहने वाले राहुल गुर्जर, जवाहर, शिवराम ने बताया कि गांव में पीने के पानी की बड़ी समस्या है। ग्रामीणों के अनुसार यूं तो गांव में करीब एक दर्जन के आस-पास हैंडपंप है लेकिन उनमें से अधिकांश खराब पड़े हैं और जिनमें पानी आ रहा है वह बेहद खारा है।
वहीं पीने और खाना बनाने के लिए मीठे पानीे की व्यवस्था के लिए जल निगम द्वारा 5-5 हजार लीटर की पांच टंकियां बनवाई गई हैं। इनमें भी दो टंकिया जो जाटव मोहल्ले में स्थित है में खारे पानी की बोरिंग है। पाइप लाइन के जरिए घरों में पेयजल सप्लाई व्यवस्था है लेकिन मीठे पानी की बोरिंग पर गांव का ही एक युवक कर्मचारी है।
ग्रामीणों की मानें तो बीते एक वर्ष में मीठे पानी की सप्लाई के लिए बनी इन टंकियों से केवल एक बार लोगों का गला तर हुआ है वो भी तब जब नवंबर माह में सांसद ने इस गांव को गोद लेने की घोषणा की और वे खुद यहां पहुॅची तो उनके पीछे-पीछे फजीहत का पहुॅचे प्रशासनिक अमले ने एक दिन गांव में पेयजल की सप्लाई करा दी।
गांव में शौचालय केवल तीन घरों में है जबकि गांव की महिला एवं पुरुष जंगल में खुल में शौच को जाने को मजबूर हैं। गांव में अभी तक कोई भी दवाखाना नहीं होने से यहां के लोग स्वास्थ्य सुविधाओं से भी महरुम हैं।
प्राथमिक चिकित्सा तक के साधन मुहैया नहीं है बड़ी बीमारियों का उपचार तो दूर खांसी, जुकाम और बुखार जैसी बीमारियों सहित बच्चों के टीकाकरण तक के लिए जिला मुख्यालय तक दौड़ लगानी पड़ रही है।
बुनियादी सुविधा के नाम पर जिला प्रशासन ने यहां बच्चों के लिए दो विद्यालय जरुर खुलवा दिए हैं जिनमें एक प्राथमिक तथा दूसरा पूर्व माध्यमिक विद्यालय है। प्राथमिक विद्यालय में गांव के 124 बच्चे अध्ययनरत है जबकि पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 48 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय में तो बाउण्ड्रीवाॅल तक नहीं कराई गई है। दोनों ही विद्यालय के भवनों में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है हैंडपंप लगे है लेकिन उनका पानी खारा है।
स्ट्रीट लाइट के नाम पर गांव में किसी खंभे पर एक बल्व तक नहीं लगा है हां पूर्व सांसद द्वारा गांव के चैराहे पर लगवाई गई सोलर लाइट जो इन दिनों खराब पड़ी है लोगों को मुॅह चिढ़ा रही है।
आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव में कराए जाने वाले विकास कार्यो को लेकर जब मुख्य विकास अधिकारी आन्द्रा वामसी से बात की गई तो उन्हौने बताया कि गांव में सर्वे की कार्रवाही पूरी की जा चुकी है।
ग्राम पंचायत अधिकारी की लापरवाही से विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे उसका स्थानांतरित कर नए कर्मचारी की तैनाती कर दी है। प्रथम चरण में सामुदायिक केन्द्र निर्माण के साथ ही महिलाओं के लिए चार दुकानों का निर्माण कराया जाएगा। पेयजल किल्लत के बारे में बताए जाने पर उन्हौने माना कि गांव में पीेने के पानी के लिए लोग परेशान है मामला उनके संज्ञान में है।
उन्होंने बताया कि इसी माह में सभी विकास कार्य शुरु हो जाएगें। ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशानुसार सभी सांसदों को गोद लिए एक गांव को आदर्श गांव के रुप में विकसित कर वर्ष 2016 तक सभी विकास कार्य पूर्ण कराने हैं तथा पांच वर्ष के अपने कार्यकाल के दौरान तीन और गांव आदर्श गांव के लिए गोद लेकर विकसित कराने की समयसीमा निर्धारित है लेकिन यदि रावल जैसा ही पैदल विकास हुआ तो योजना का परवान चढना संदिग्ध लग रहा है।