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हरियाणा में 37 पैसे प्रति यूनिट बिजली हुई सस्ती

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हरियाणा में 37 पैसे प्रति यूनिट बिजली हुई सस्ती
HERC reduces tariff by 37 paise per unit
HERC reduces tariff by 37 paise per unit
HERC reduces tariff by 37 paise per unit

चंडीगढ़। हरियाणा बिजली नियामक आयोग ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए टैरिफ आदेश जारी कर दिया है। टैरिफ आदेश के अनुसार सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को 37 पैसे प्रति यूनिट बिजली सस्ती मिलेगी।

गुरूवार को जारी आदेश के अनुसार किसी भी श्रेणी के उपभोक्ताओं के टैरिफ में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि 50 किलोवाट तक के एलटी इंडस्ट्री में फिक्स चार्जिज को 170 रुपये प्रति किलोवाट से कम करके 160 रुपये प्रति किलोवाट किया गया है।

जिससे 16,728 उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा और 50 किलोवाट से अधिक लोड के एचटी इंडस्ट्री में फिक्स चार्जिज को 200 रुपए प्रति केवीए से कम करके 190 रुपए प्रति केवीए किया गया है, जिससे 110 उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।

नई सोलर नीति के अन्तर्गत रूफ टोप सोलर प्रणाली के लिए प्रोत्साहन राशि को 25 पैसे प्रति यूनिट से बढ़ाकर एक रुपये प्रति यूनिट 1 अगस्त, 2016 से किया गया है।

ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं के लिए व्हीलिंग चार्जिज को 85 पैसा प्रति यूनिट से कम करके 71 पैसा प्रति यूनिट किया गया है। जिन उपभोक्ताओं ने 31 दिसम्बर, 2012 के पश्चात तत्काल योजना में एपी कनैक्शन की स्वीकृति दी गई है।

पात्र एपी उपभोक्ताओं को उनके आधार लिंकड बैंक खाते में आरई सबसिडी सीधे हस्तांतरित करने का प्रस्ताव भी दिया गया है।

प्री-पेड मीटर के माध्यम से आपूर्ति लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए 5 प्रतिशत की छूट की मंजूरी, नगरनिगम और नगरपालिका के अन्तर्गत शहरी क्षेत्रों में पडऩे वाले 20 किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं को उनके बिजली के बिल निगम की बैवसाइट से डाउनलोड करने करने पर 5 रुपये प्रति बिल की छूट दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, वरिष्ठ नागरिकों को 10 रुपये प्रति बिल की छूट होगी।

जिन उपभोक्ताओं के बिजली के बिल 15,000 रुपये से कम हैं वे निगमों को सीधे ऑनलाइन के माध्यम से बिल की अदायगी कर सकते हैं और उन्हें 5 रुपए की भी छूट होगी तथा 15,000 रुपये से अधिक की बिल राशि वाले उपभोक्ता के लिए अपना बिल ऑनलाइन, आरटीजीएस, एनईएफटी या अधिकृत बैंकों के माध्यम से बिल की अदायगी आवश्यक होगी।

निगमों को यह भी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं कि वे एपी उपभोक्ताओं से आग्रह करें कि जिन उपभोक्ताओं की वार्षिक आय कृषि के अलावा 20 लाख रुपए हैं उन्हें वे स्वयं बिजली पर अपनी कृषि सब्सिडी छोड़ दें।