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चालानीगार्ड को मारी गोली, कैदी फरार

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चालानीगार्ड को मारी गोली, कैदी फरार
escaped culprit srendra singh's file photo
constabal teekamdaas in bhagwaan mahavir hospital in sumerpur
constabal teekamdaas in bhagwaan mahavir hospital in sumerpur

पाली। सिरोही में राजपुरोहित छात्रावास के बाहर जनवरी में फायरिंग करने का आरोपी मंगलवार को सांडेराव से चालानी गार्ड को गोली मारकर फरार हो गया। उसे पेशी के लिए सिरोही पुलिस लाइन के चालानी गार्ड पाली लेकर गए थे और वहां से लौटते समय यह घटना हुई।
पुलिस अधीक्षक समीरकुमार ने बताया कि सिरोही में फायरिंग के मामले में गिरफतार हिस्ट्रीशीटर पाली जिले के नोवी निवासी सुरेन्द्रसिंह को सिरोही पुलिस लाइन के दो चालानी गार्ड  पाली न्यायालय में लेकर गए थे। वहां से जोधपुर से अहमदाबाद जाने वाली अनुबंधित रोडवेज बस में पेशी पर से लौटते हुए सांडेराव से बस में दो युवक चढे। शाम करीब चार बजे बस जैसे ही  सांडेराव से हाइवे पर चढने के लिए स्पीड ब्रेकर पर धीमी हुई, वैसे ही सुरेन्द्रसिंह ने भागने की कोशिश की। इस पर उसके साथ गए चालानी गार्डों ने उसे पकड लिया।

इस पर पाली से ही चालानी गार्ड के साथ संभवतः बस में चढ गए उसके एक साथी ने चालानी गार्ड को पकड लिया। इस पर दूसरे चालानी गार्ड ने उसके साथी पर काबू पा लिया। इस पर सांडेराव में बस पर सवार हुए दो युवक चालानी गार्ड पर टूट पडे। इन लोगों में से एक ने पिस्टल निकालकर पहले तो हवा में फायरिंग की।

चालानी गार्डों ने सुरेन्द्रसिंह व उसके साथी को नहीं छोडा तो कांस्टेबल टीकमदास की जांघ पर गोली मार दी जो आरपार हो गई। सुरेन्द्रसिंह के साथ उसके तीन साथी वहां पर बस के आगे आकर खडी हुए एक स्वीफट में बैठकर भाग गए। घटना की सूचना पुलिस को बस चालक ने सुमेरपुर थाने पहुंचकर दी। सूचना मिलते ही पुलिस महकमें में हडकंप मच गया और सीआई अचलदान रत्नु ने तत्काल उच्चाधिकारियों को घटना से अवगत करवाया।

हमले में घायल हुए कॉस्टेबल को तत्काल ही गवान महावीर अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे जोधपुर रैफर कर दिया गया।उन्होंने बताया कि इसी रिपोर्ट सांडेराव पुलिस स्टेशन में दर्ज करवा दी गई है। फरार अरोपी की तलाश में नाकाबंदी करवा दी गई है।

सिरोही में पकडा गया था
सुरेन्द्रसिंह 8 जनवरी https://www.sabguru.com/two-uknown-person-fired-on-a-youth-in-sirohi-one-of-the-attecker-captured/ की रात को सिरोही के राजपुरोहित छात्रावास में अपने एक साथी के साथ टांकरिया में रहने वाले मनोज पुरोहित को गोली मारने के आरोप में सिरोही में गिरफतार किया गया था।

गोली मारने के बाद ही वहां पर उसे पकड लिया गया था और छात्रावास के युवकों ने उसे पीटा था, जिससे वह अचेत होकर वहीं गिर गया था। जिसे बाद में पुलिस ने पकड लिया था। मनोज की बहन गत वर्ष सिरोही राजकीय महाविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष चुनी गई थी। उस फायरिंग कांड को उस चुनाव से उपजी रंजिष पाया गया था।

इस बार भी छात्रसंघ चुनाव के एक दिन पहले ही सुरेन्द्रसिंह का फरार हो जाना सिरोही में छात्रसंघ चुनाव से जोडकर देखा जा रहा है। वैसे पुलिस अधीक्षक का कहना है  िक इस तरह की किसी आषंका सामने आने पर एहतियात बरत ली गई है और सुरक्षा के समुचित इंतजाम किए गए हैं।

सुमेरपुर के भगवान् महावीर अस्पताल में घटना की जानकारी लेते सिरोही पुलिस अधीक्षक समीर ओ पली पुलिस अधीक्षक टैंक कुमार
सुमेरपुर के भगवान् महावीर अस्पताल में घटना की जानकारी लेते सिरोही पुलिस अधीक्षक समीर ओ पली पुलिस अधीक्षक टैंक कुमार

पाली व सिरोही के एसपी पहुंचे सुमेरपुर

घटना की जानकारी मिलने पर सिरोही पुलिस अधीक्षक समीरकुमार सिंह व पाली पुलिस अधीक्षक अनिलकुमार टांक, बाली अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक केवलचंद राय, डीएसपी गुलाबसिंह सुमेरपुर पहुंचे ।  महावीर हॉस्पिटल में र्ती घायल पुलिस कर्मी से घटना तथा उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। पाली एसपी टांक ने बताया कि फरार हुआ आरोपी सुरेन्द्रसिंह जिले में अव्वल दर्जे का आदतन मुजरिम है। पुलिस नें सुभाष विश्नोई की रिपोर्ट पर साण्डेराव थानें में मामला दर्ज किया है। फिलहाल इस संबध में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। मौके से मुजरिम को लेकर फरार हुए आरोपितो की तलाश में जोधपुर, उदयपुर व अजमेर सभाग में नाकाबंदी करवा दी गई है, पुलिस जांच मे जुटी हुई है।

आखिर कहां बनी साजिश
जिस तरह के फिल्मी अंदाज में सुरेन्द्रसिंह फरार हुआ है, इससे इस बात से इनकार नहंी किया जा सकता है  िक इस पूरे प्रकरण की साजिष कहीं न कहीं बनी होगी।

इतने लम्बे समय से सुरेन्द्रसिंह के सिरोही जिला कारागार में बंद होने के कारण इस बात से इनकार नहंी किया जा सकता है कि यह साजिष जेल में ही बनी है, ऐसे में सिरेाही कारागार के किसी व्यक्ति के इसमें मिले होने की आषंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।

वैसे सिरोही जिला कारागार परिसर में पिछले सप्ताह एक रात को जो नजारा देखने को मिला था, उससे यह अंदाजा लगाना मुष्किल नहंी है कि जेल में जेल आचार संहिता की पालना तो नहीं हो रही है। जेल के अंदर मोबाइल और अन्य अवैध सामग्री होने की भी सूचनाएं सामने आ चुकी हैं।

खुद जिम्मेदार अधिकारी व कार्मिक जेल आचार संहिता की पालना नहीं करते दिख रहे हैं, ऐसे में इस प्रकरण की जांच करवाने के लिए जेल के निरीक्षण के लिए प्राधिकत अधिकारियों की बजाय, जिले से बाहर के किसी अधिकारी से जांच करवाने की व्यस्था की जानी चाहिए है।