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सलमान पर कोर्ट मेहरबान, जेल जाने से पहले बेल

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सलमान पर कोर्ट मेहरबान, जेल जाने से पहले बेल
hit and run case : salman khan gets bail, five year sentence suspended by bombay high court
hit and run case : salman khan gets bail, five year sentence suspended by bombay high court
hit and run case : salman khan gets bail, five year sentence suspended by bombay high court

मुंबई। हिट एंड रन मामले में 5 साल की सजा पाए एक्टर सलमान खान को बंबई हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बड़ी राहत देदी। कोर्ट ने ‘दबंग’ की 5 साल कैद की सजा निलंबित कर दी, जिसके साथ ही उन्हें नियमित जमानत मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

सलमान ने करीब 13 साल पहले नशे की हालत में अपनी कार एक बंद दुकान की सीढिय़ों पर सोए मजदूर नुरुल्ला शरीफ व मोहम्मद कलीम पर चढ़ा दी थी। इस हादसे में नुरुल्ला की तुरंत मौत हो गई थी और कलीम इस कदर घायल हुआ कि किसी काम के लायक नहीं रह गया है।

हाईकोर्ट में विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने कहा कि न्यायाधीश ए.एम. थिपसे ने सलमान खान को मुंबई सत्र न्यायालय में 30 हजार रुपए का एक ताजा जमानत मुचलका भरने का निर्देश दिया।

घरात ने कहा कि दो दिन पहले हाईकोर्ट ने अभिनेता को अंतरिम जमानत दी थी, जिसे आगे बढ़ाया गया है। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील के लंबित रहने तक सुपर स्टार को हिरासत में नहीं लिया जाएगा।

बाद में शुक्रवार शाम को सलमान (49) अपने वकीलों की टीम के साथ दक्षिण मुंबई स्थित सत्र न्यायालय पहुंचे, जहां उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने 30 हजार रुपए का ताजा जमानत मुचलका भरा, जमानत की औपचारिकताएं पूरी कीं और घर लौट गए।

दबंग को जमानत मिलने की खुशी उनके प्रशंसकों के साथ-साथ बॉलीवुड की हस्तियों ने भी मनाई। सलमान की बहनें अलवीरा व अर्पिता सभी तरह की कानूनी औपचारिकताओं के लिए वकीलों के साथ देखी गईं।

हाईकोर्ट में न्यायाधीश थिपसे ने कहा कि चूंकि सजा की अवधि सात साल से कम है, इसलिए अपील स्वीकार कर लिए जाने के बाद सजा निलंबित हो सकती है।

उन्होंने कहा कि यह सामान्य कानून है कि जब सजा 7 साल से कम होती है, तो अपील मंजूर होने के बाद वह निलंबित हो सकती है। इसलिए सजा को निलंबित किया जाएगा। अपील पर फैसला आने तक उन्हें जेल नहीं भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि जब उनकी अपील स्वीकार कर ली गई है और वह लंबित है, फिर उनके अधिकारों से उन्हें क्यों वंचित किया जाए? कई मामलों में लोग जेल की पूरी सजा काटते हैं, जबकि बाद में वे उच्च न्यायालय द्वारा बरी कर दिए जाते हैं।

न्यायाधीश थिपसे ने कहा कि बचाव पक्ष द्वारा सत्र न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली अपील में कई बिंदुओं की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया है, जिसमें यह भी कहा गया है कि इस मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304ए (लापरवाही के कारण मौत) या 304,2 (गैर इरादतन हत्या)-का कौन सा प्रावधान लगाया जाए, इस पर विचार करने की जरूरत है।

न्यायाधीश थिपसे ने सलमान को पासपोर्ट जमा करने और विदेश यात्रा करने से पहले न्यायालय से मंजूरी लेने को कहा।

हाईकोर्ट के समक्ष लगभग दो घंटे तक चली दलीलों में वकील अमित देसाई के नेतृत्व में सलमान के वकीलों ने कहा कि अभियोजन पक्ष गायक कमाल खान को गवाह के तौर पर पेश करने में विफल रहा और बचाव पक्ष को सलमान खान के सुरक्षाकर्मी रवींद्र पाटिल से जिरह करने का मौका नहीं मिला तथा दुर्घटना टोयोटा लैंड क्रूजर कार का टायर फटने से हुई थी।

मुख्य लोक अभियोजक संदीप शिंदे ने सलमान की जमानत का विरोध करते हुए दलील दी कि दुर्घटना के समय वह शराब के नशे में थे और कार में चौथे व्यक्ति की मौजूदगी पूरी तरह से निराधार है।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी.डब्ल्यू देशपांडे ने सलमान खान को सभी आरोपों में दोषी पाया था और उन्हें 5 साल जेल की सजा सुनाई थी।

जमानत मिलने के बाद हाईकोर्ट, सेशन कोर्ट और सलमान के बांद्रा स्थित घर के बाहर जमा हजारों प्रशंसकों ने हत्या (गैरइरादतन) के दोषी पर कोर्ट की मेहरबानी का जश्न नाच-गाकर मनाया।

वहीं खुद को सलमान का प्रशंसक बताने वाले 32 वर्षीय एक विक्षिप्त व्यक्ति जी. कुंदु ने जहर पीकर खुदकुशी करने का प्रयास किया, साथ ही उसने हाईकोर्ट के बाहर लोगों के बीच सुसाइड नोट भी बांटा। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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