Home Entertainment Bollywood लता मंगेशकर ने 88वें बर्थडे पर कहा, उम्र बिलकुल महसूस नहीं होती

लता मंगेशकर ने 88वें बर्थडे पर कहा, उम्र बिलकुल महसूस नहीं होती

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लता मंगेशकर ने 88वें बर्थडे पर कहा, उम्र बिलकुल महसूस नहीं होती
I Don't Feel My Age At All : Lata Mangeshkar On Her 88th Birthday
I Don't Feel My Age At All : Lata Mangeshkar On Her 88th Birthday
I Don’t Feel My Age At All : Lata Mangeshkar On Her 88th Birthday

मुंबई। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर गुरुवार को 88 वर्ष की हो गईं, लेकिन उनका कहना है कि बढ़ती उम्र जीवन के प्रति उनके उत्साह पर भारी नहीं पड़ती और वह हमेशा बेहतर कल की आशा करती हैं।

लता मंगेशकर ने कहा कि बहुत हो गया..आपको कैसा लगता है..आप गाती क्यों नहीं हैं..आपके पसंदीदा नए गायक कौन हैं..आप अपनी बहन (आशा भोसले) से क्यों नहीं मिलतीं..अरे भई, सब (इन सवालों का जवाब) हो चुका है। उन्होंने कहा कि चलें, अच्छे समय की कुछ मजेदार बातें करें।

अपनी उम्र के बारे में लता ने हंसते हुए कहा कि क्या मैं आपको सच बताऊं? मुझे उम्र बिल्कुल पता नहीं चलती। मैं अब भी युवा महसूस कर रही हूं। मैंने कभी मुसीबतों से हार नहीं मानी। समस्याएं सभी के जीवन का हिस्सा हैं। यहां तक कि जब मैं युवा थी और संघर्ष कर रही थी, तब भी मैं खुशी-खुशी एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो जाती थी जहां किशोरदा और मुकेश भैया जैसे संघर्ष करने वाले मिलते थे।

उन्होंने कहा कि वो मजेदार वक्त था, भले ही मुझे कभी पूरा दिन भूखे रहना पड़ता था। मेरे पर्स में पैसे नहीं होते थे, लेकिन दिल में उम्मीद होती थी। विश्वास रहता था कि भविष्य चाहे कितना भी मुश्किल अभी लग रहा हो, बेहतर कल आएगा।

बताया जाता है कि ‘हीर रांझा’ में मदन मोहन के संगीतबद्ध ‘हीर’ और ‘इश्क पर जोर नहीं’ में सचिन देव बर्मन के ‘तुम मुझसे दूर चले जाना ना’ जैसे गीतों की रिकॉर्डिग के दौरान वहां मौजूद सभी लोग रो पड़े थे।

यह पूछे जाने पर कि क्या यह सच है, उन्होंने कहा कि हां, यह सच है। मुझे छोड़कर वहां सब रो रहे थे। मैं भावुक गीतों को गाते हुए कभी नहीं रोई। मुझे हमेशा हंसी पसंद आई है। भगवान हमेशा दयालु रहा है। उन्होंने रोने की कोई वजह नहीं दी। मुझे लगता है कि जब मैंने अपने पिता और मां को खोया तब मैं सबसे ज्यादा रोई थी।

जन्मदिन पर उन्होंने कहा कि मैं 70 वर्ष तक मुझे सहन करने के लिए प्रशंसकों का धन्यवाद करना चाहूंगी। वक्त कैसे निकल गया, पता ही नहीं चला। अगर मुझे फिर जीने का मौका मिला तो मैं कुछ भी नहीं बदलना चाहूंगी।