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भारत-किर्गिजस्तान के बीच चार समझौते पर हस्ताक्षर

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भारत-किर्गिजस्तान के बीच चार समझौते पर हस्ताक्षर
India and Kyrgyzstan sign four agreements
India and Kyrgyzstan sign four agreements
India and Kyrgyzstan sign four agreements

बिश्केक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और किर्गिजस्तान के राष्ट्रपति अल्माज़बेक अतामबायेव की मौजूदगी में रक्षा सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित चार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

साथ ही दोनों देशों ने आतंकवाद और उग्रवाद के खतरों के बीच एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित पड़ोस सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
मध्य एशिया और रूस की आठ दिवसीय यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री मोदी ने किर्गिज नेतृत्व से बातचीत के दौरान आतंकवाद और उग्रवाद को बिना सरहदों वाला खतरा बताते हुए इससे लड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि दोनों देश अपने क्षेत्र में चुनौतियों के समय में शांतिपूर्ण और सुरक्षित पड़ोस को सुनिश्चित करने की कामना करते हैं। मोदी ने कहा कि आतंकवाद तथा उग्रवाद से लड़ने में हमारे साझा हित हैं क्योंकि ये बिना सरहदों वाला आतंकवाद एक बड़ा खतरा बन गया है।
दोनों देशों के बीच हुए इन चार समझौतों में रक्षा सहयोग और सांस्कृतिक आदान— प्रदान शामिल है। दोनों देशों के चुनाव आयोगों के बीच और आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने में मददगार बनने के लिए मानक स्थापित करने के विषय में सहयोग के दो सहमति पत्रों पर भी हस्ताक्षर किये गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र के पांच देशों की उनकी यात्रा इस बात को दर्शाती है कि भारत मध्य एशिया के साथ नये स्तर के संबंधों को कितना महत्व देता है। किर्गिज़स्तान इस परिकल्पना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

India and Kyrgyzstan sign four agreements
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किर्गिज़स्तान के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के मजबूत होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘खंजर 2015’ हाल ही में सम्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि हमने वार्षिक आधार पर संयुक्त सैन्य अभ्यास करने का निर्णय किया है।

 
मोदी ने कहा कि रक्षा सहयोग पर नया समझौता हमारे द्विपक्षीय संबंधों के ढांचे को और व्यापक बनायेगा जिसमें रक्षा प्रौद्योगिकी भी शामिल है। दोनों देशों के बीच हुए रक्षा समझौते का उद्देश्य रक्षा, सुरक्षा, सैन्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा बनाना है। इसके तहत अन्य बातों के अलावा संयुक्त सैन्य अभ्यास, अनुभवों एवं सूचनाओं का आदान प्रदान और सैन्य पर्यवेक्षकों तथा इंस्ट्रक्टरों का आदान प्रदान शामिल है।

 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संभावित विस्तार में स्थायी सदस्यता की भारत की उम्मीदवारी का ‘मजबूत समर्थन’ करने के लिए मोदी ने किर्गिज़स्तान का धन्यवाद किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधारों को शीघ्र पूरा करने के लिए आतमबायेव का समर्थन मांगा।

 
सैन्य सहयोग के संदर्भ में मोदी ने कहा कि किर्गिज सैन्य अकादमी का आईटी केंद्र दोनों देशों के बीच नवोन्मेषी सहयोग का एक उदाहरण है, जो दोनों देशों के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के प्रति किर्गिज़स्तान की प्रतिबद्धता वास्तव में सराहनीय है। मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में भारत अपने अनुभवों को किर्गिज़स्तान के साथ बांटने में खुशी अनुभव करेगा।

 
प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य एशिया के भविष्य में भारत अपना एक महत्पूर्ण स्थान देखता है। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक दूसरे की आर्थिक प्रगति को गति प्रदान कर सकते हैं। सतत विकास दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही दोनों देश एशिया के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग में भी योगदान कर सकते हैं।
मोदी ने कहा कि वह भारत के साथ किर्गिज़स्तान का टेलीमेडिसिन सम्पर्क शुरू होने को लेकर आशान्वित हैं।

 

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में यह ऐसा पहला सम्पर्क होगा जो डिजिटल वर्ल्ड की संभावनाओं के बारे में बताता है। मोदी ने कहा कि किर्गिज-भारत पर्वतीय बायो मेडिकल अनुसंधान केंद्र के दूसरे चरण की भी शुरूआत करेंगे। लोकतंत्र और विकास में आतमबायेव के योगदान की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि उनके साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई और भारत के साथ रिश्तों को लेकर उन्होंने जो प्रतिबद्धता जतायी है, वह उसकी सराहना करते हैं।

 
प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यापार, निवेश, पर्यटन, संस्कृति और मानव संसाधन विकास के संबंधों को मजबूत करने के बारे में हमने लम्बी बातचीत की है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से खुशी है कि दोनों देशों के चुनाव आयोगों ने आपसी सहयोग के एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। मोदी ने कहा,’आज मानकों और संस्कृति के बारे में हुए समझौतों का मैं स्वागत करता हूं। भारत और मध्य एशिया के बीच संपर्क की पहलों से हमारे आर्थिक संबंधों को और विस्तार मिलेगा।’

 
उन्होंने कहा कि दोनों देश क्षमता उन्नयन करेंगे और किर्गिज़स्तान के लिए प्रशिक्षण पेशकशों की संख्या इस साल सौ तक ले जायेंगे। मोदी ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि हमने बिश्केक की किर्गिज स्टेट यूनिवसिर्टी में भारत किर्गिज सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि भारत को किर्गिज़स्तान के अन्य बड़े शहरों में भी इस तरह के केंद्र स्थापित करने में प्रसन्नता होगी क्योंकि इससे युवाओं के लिए अवसर सृजित करने और सफलता के लिए सूचना प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण है।

 
भारत और किर्गिज़स्तान के बीच कृषि को एक महत्वपूर्ण क्षेत्र करार देते हुए मोदी ने कहा कि दोनों देश शीघ्र ही इस क्षेत्र में सहयोग के विभिन्न आयामों की संभावना तलाशने और इस क्षेत्र में ठोस परियोजनाओं की पहचान के लिए शीघ्र ही एक गोलमेज सम्मेलन आयोजित करेंगे। मोदी ने यूरेशियाई आर्थिक संघ में किर्गिज़स्तान के शामिल होने के लिए राष्ट्रपति अतामबायेव को बधाई दी। उन्होंने कहा कि दोनों देश शंघाई सहयोग संगठन में सम्पर्क को लेकर काफी आशान्वित हैं।
प्रधानमंत्री ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को वैश्विक रूप से सफल बनाने में किर्गिज़स्तान के समर्थन के लिए अतामबायेव का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि यह यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जायेगी। मैं भारत में राष्ट्रपति अतामबायेव का जल्द से जल्द स्वागत करने को उत्सुक हूं।’ प्रधानमंत्री यहां पर महात्मा गांधी स्ट्रीट पर राष्ट्रपिता की एक प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी किर्गिज़स्तान यात्रा की शुरूआत यहां राजधानी बिश्केक में विजय स्मारक (विक्ट्री मोनुमेंट) पर श्रद्धासुमन अर्पित करके की।

 
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री अपनी तुर्कमेनिस्तान यात्रा पूरी करने के बाद शनिवार देर रात किर्गिज़स्तान पहुंचे। हवाईअड्डे पर किर्गिज़ प्रधानमंत्री तेमीर सारियेव ने उनकी अगवानी की। प्रधानमंत्री मोदी मध्य एशिया के पांच देशों और रूस की यात्रा पर निकले हैं जहां वह उज़्बेकिस्तान, कज़ाखस्तान, रूस, तुर्कमेनिस्तान की यात्रा पहले ही पूरी कर चुके हैं। रूस में उफा में मोदी ने ब्रिक्स और एससीओ शिखर स्तरीय बैठक में हिस्सा लिया।