Home Entertainment श्याम बेनेगल ने समानांतर सिनेमा को पहचान दिलाई

श्याम बेनेगल ने समानांतर सिनेमा को पहचान दिलाई

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श्याम बेनेगल ने समानांतर सिनेमा को पहचान दिलाई
Indian director and screenwriter Shyam Benegal
Indian director and screenwriter Shyam Benegal
Indian director and screenwriter Shyam Benegal

मुंबई। भारतीय सिनेमा जगत में श्याम बेनेगल का नाम एक ऐसे फिल्मकार के रूप में शुमार किया जाता है जिन्होंने न सिर्फ सामानांर सिनेमा को पहचान दिलायी बल्कि स्मिता पाटिल, शबाना आजमी और नसीरउद्दीन साह समेत कई सितारों को स्थापित किया।

14 दिसंबर 1934 को जन्में श्याम बेनेगल ने अपने करियर की शुरूआत बतौर कॉपीराइटर मुंबई की विज्ञापन ऐजेंसी से की। वर्ष 1962 में श्याम बेनेगल ने अपनी पहली डाक्यूमेंट्री फिल्म गुजराती में बनाई। श्याम बेनेगल ने अपने सिने करियर की शुरूआत बतौर निर्देशक वर्ष 1974 में प्रदर्शित फिल्म अंकुर से की।
अंकुर हैदराबाद की एक सत्य घटना पर आधारित थी।

फिल्म के निर्माण के समय श्याम बेनेगल ने अपनी कहानी कई अभिनेत्रियों को सुनाई। लेकिन सभी ने फिल्म में काम करने से मना कर दिया लेकिन शबाना आजमी ने इसे चैलेंज के रूप में लिया और अपने सधे हुए अभिनय से समीक्षकों के साथ ही दर्शकों का भी दिल जीतकर फिल्म को सुपरहिट बना दिया। शबाना आजमी की यह पहली फिल्म थी जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से समानित किया गया।

वर्ष 1975 में श्याम बेनेगल की मुलाकात स्मिता पाटिल से हुई। उन दिनों श्याम बेनेगल ‘चरण दास चोर’ बनाने की तैयारी कर रहे थे। चरण दास चोर एक बाल फिल्म थी जो चिल्ड्रेन फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया के सहयोग से बनाई जा रही थी। श्याम बेनेगल ने स्मिता पाटिल को अपनी फिल्म के लिए चुन लिया। चरणदास चोर स्मिता पाटिल के करियर की पहली फिल्म थी।

वर्ष 1975 में श्याम बेनेगल की और सुपरहिट फिल्म निशांत प्रदर्शित हुई। इस फिल्म के जरिये श्याम बेनेगल ने नसीरुद्दीन शाह को फिल्म इंडस्ट्री में लांच किया। निशांत में नसीरउद्दीन साह के अलावा गिरीश कर्नाड, स्मिता पाटिल, शबाना आजमी और अमरीश पुरी ने भी मुख्य भूमिकाएं निभाई थी।

वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म मंथन श्याम बेनेगल के करियर की उत्कृष्ठ फिल्मों में शामिल है। दुग्ध क्रांति पर बनी फिल्म मंथन के निर्माण के लिए गुजरात के लगभग पांच लाख किसानों ने अपनी प्रति दिन की मिलने वाली मजदूरी में से दो-दो रुपए फिल्म निर्माताओं को दिए और बाद में जब यह फिल्म प्रदर्शित हुई तो यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई।

वर्ष 1977 में श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी फिल्म भूमिका प्रदर्शित हुई। इस फिल्म के माध्यम से श्याम बेनेगल ने तीस-चालीस के दशक में मराठी रंगमच की जुड़ी अभिनेत्री हंसा वाडेकर  की निजी जिंदगी को रूपहले पर्दे पर पेश किया। हंसा वाडेकर की भूमिका स्मिता पाटिल ने निभायी जिसके लिये वह राष्ट्रीय पुरस्कार से भी समानित की गई।

अंकुर, निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फिल्मों के जरिये श्याम बेनेगल ने शबाना आजमी, स्मिता पाटिल और नसीरुद्दीन शाह को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया बल्कि सामानांतर सिनेमा को भी अलग पहचान दिलाई। इसके बाद श्याम बेनेगल ने जूनून, मंडी, त्रिकाल, सरदारी बेगम और वेलकम टु सज्जनपुर जैसी नायाब फिल्में बनाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

श्याम बेनेगल को अपने सिने करियर में मान समान खूब मिला। श्याम बेनेगल को सात बार राष्ट्रीय पुरस्कार से समानित किया गया। वर्ष 1976 में उन्हें पदमश्री और वर्ष 1991 में पदमभूषण से समानित किया गया। 1वर्ष 2005 में श्याम बेनेगल भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च समान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से समानित किए गऐ।