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इजराइल तक पहुंच सकती है ईरान की नई मिसाइल : ट्रंप

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इजराइल तक पहुंच सकती है ईरान की नई मिसाइल : ट्रंप
Iran's new ballistic missile can reach Israel : donald trump
Iran's new ballistic missile can reach Israel : donald trump
Iran’s new ballistic missile can reach Israel : donald trump

वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि शुक्रवार को ईरान ने जिस नई मिसाइल का परीक्षण किया है, उसकी क्षमता इजराइल तक पहुंचने की है।

डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को अपने निजी ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि ईरान ने अभी एक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है जो इजराइल तक पहुंचने की क्षमता रखती है। वे उत्तर कोरिया के साथ मिलकर भी काम कर रहे हैं।

उन्होंने इस्लामी गणराज्य के परमाणु कार्यक्रम पर 2015 में ईरान और अमरीका समेत 6 अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के बीच हुए समझौते की ओर स्पष्ट रूप से संकेत देते हुए ट्वीट में आगे लिखा कि हमारे पास अब समझौते का अधिक बचा नहीं है।

राष्ट्रपति का यह छोटा ट्वीट ईरान मीडिया की रिपोर्ट के बाद आया जिसमें बताया गया कि ईरान ने 2000 किमी की मारक क्षमता वाली खोर्रमशाहर नामक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। तेहरान में शुक्रवार को एक सैन्य परेड के दौरान इस मिसाइल का अनावरण किया गया था।

इस मिसाइल का प्रक्षेपण ईरान के किसी अज्ञात स्थान से किया गया और उसके कुछ घंटों बाद परेड के दौरान दिखया गया। ईरानी टेलीविजन चैनल प्रेस टीवी ने शनिवार को इस प्रक्षेपण का वीडियो जारी किया।

ईरान के हथियार कार्यक्रम के खिलाफ अमरीका द्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद इस मिसाइल को ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में शुक्रवार को पेश किया गया।

वाशिंगटन ने पिछले कुछ महीनों में तेहरान मिसाइल कार्यक्रम से जुड़ी ईरान की संस्थाओं और व्यक्तियों पर कई प्रतिबंध लगाए है लेकिन इसके बावजूद वह हथियारों का लगातार निर्माण कर रहा है।

इस हफ्ते ट्रंप ने ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते के बारे में यह घोषणा कर अपने सहोगियों को झटका दिया था कि उन्होंने इस परमाणु समझौते में अपने देश की भागीदारी के बारे में निर्णय ले लिया है।

ट्रंप ने 19 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने संबोधन में यह घोषण की कि यह परमाणु करार अपमानजनक है और हम हम इससे हट भी सकते हैं, अगर इसकी आड़ में परमाणु कार्यक्रम चलाया जाना है।

इस परमाणु समझौते पर जुलाई 2015 में ईरान और 6 प्रमुख शक्तियों (अमरीका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी) ने हस्ताक्षर कर इस्लामी गणराज्य के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर 12 वर्षो से चल रहे विवाद पर विराम लगाया था। ईरान ने कहा था कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम की अंतरराष्ट्रीय निगरानी के लिए तैयार है, बदले में उस पर लगे प्रतिबंध हटा लिए गए थे।