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भाग्यहीन को सामने पड़ा रत्न भंडार भी नहीं दिखता

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 roop muni
JAIN SAINT roop muni (Rajat) maharaj chaturmas in pali nadol

नाडोल। लोकमान्य संत वरिष्ठ प्रवर्तक शेरे राजस्थान रूपमुनि महाराज ने मुक्ता मिश्री रूपसुकन दरबार मे सोमवार को धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए बताया कि कदम कदम पर रत्नो के भण्डार भरे हुए है और प्रत्येक जगह स्वर्ण बनाने वाली रस कुपिका मौजूद है। प्रवचन के दौरान उन्होंने बताया कि जो भागयहीन व्यक्ति होता है दिखती हुई चीज भी इनके लिए अनदेखी हो जाती है जो भगयशाली होता है वह उसे प्राप्त कर लेता है।…

तपस्वी रत्न अमृतमुनि ने बताया कि धर्म तो दीपक है उस धर्म रूपी दीपक मे दया युक्त स्नेह है जिसमे अहिंसा संयम और तप है दयाशील मनुष्य इस धर्म तीर्थ मे स्नान करते है धर्मिक जनो द्वारा क्षमा मार्दव, आर्जव, सत्य, शौच, संयम,  तप ,त्याग अकिचिन्यु और प्रहमचर्य के सदैव पालन किए जाते है।

बालयोगी अखिलेशमुनि ने बताया कि इस संसार मे मनुष्य जन्म सार भूत है मनुष्य मे कुलीनता कुलीनता मे धार्मिकत्व और धार्मिकता मे दया सारभूत है बाहर से आये भकतो का रूपसुकन चातुर्मास समिति नाडोल के अध्यक्ष कांतीलाल जैन महामंत्री हितैष चौहान, संयोजक जयचन्द कटारिया, सहमत्री जगदीशसिंह राजपुरोहित, उपाध्यक्ष देवीचन्द बोहरा, सह संयोजक पोमाराम चौधरी किशोर, अग्रवाल नथमल गंाधी, छगनलाल मेवाडा, उमाराम चौधरी, रूपमुनि महाराज के निजि सचिव नरेन्द्र देवासी सहित समिति सदस्यों द्वारा शॉल व माल्यार्पण से स्वागत किया गया मंच सचालन महावीरचन्द बोरून्दिया जसनगर ने किया।