Home Bihar बिहार चुनाव से पहले बिखराव, टूटा जनता परिवार

बिहार चुनाव से पहले बिखराव, टूटा जनता परिवार

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बिहार चुनाव से पहले बिखराव, टूटा जनता परिवार
janata parivar maha gathbandhan broken, SP quits bihar grand alliance
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लखनऊ। ‘मोदी मैजिक’ से मुकाबले के लिए गठित ‘जनता परिवार’ के बिखराव पर मुहर लगाते हुए उसके सबसे बड़े घटक समाजवादी पार्टी सपा ने गुरुवार को बिहार विधानसभा चुनाव अपने बलबूते पर लडऩे का फैसला किया।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता रामगोपाल यादव ने पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में हुई दल के संसदीय बोर्ड की बैठक में लिए गए इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि सपा ने बिहार विधानसभा चुनाव में पांच सीटों का प्रस्ताव मिलने से खुद को अपमानित महसूस किया है।

उन्होंने कहा कि ‘जनता परिवार’ के अन्य प्रमुख घटक दलों का यह फर्ज था कि सीटों का बंटवारा करने से पहले सपा से बातचीत करते। उसे तो इस बारे में जानकारी मीडिया के जरिये मिली। यह गठबंधन धर्म नहीं है। पांच सीटें दिए जाने से ना तो पार्टी का नेतृत्व सहमत था और खासतौर से बिहार के पार्टी कार्यकर्ता बिल्कुल भी राजी नहीं थे।

इसीलिए पार्टी ने कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हुए बिहार में सम्मानजनक तरीके से अपने बलबूते पूरी ताकत से चुनाव लडऩे का फैसला किया। बिहार के सपा अध्यक्ष राम चन्द्र यादव पार्टी प्रत्यायिों की सूची तैयार करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या अब सपा का जनता परिवार से कोई नाता नहीं रहा, यादव ने कहा कि बिहार में जब हमने गठबंधन से नाता तोड़ लिया और अकेले चुनाव लडऩे का फैसला लिया है तो हम जनता परिवार कैसे हो सकते हैं, यह समाजवादी परिवार होगा।

mulayam singh set to spoil nitish-lalu show in bihar
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यादव ने कहा कि मैं जानता था कि बिहार चुनाव के वक्त ये सभी पार्टियां अलग-अलग हो जाएंगी और उनमें समझौता नहीं हो सकता। इसीलिए मैंने कहा था कि मैं जानबूझकर सपा के ‘डेथ वारंट’ पर दस्तखत नहीं कर सकता। इस सबके बाद यह कहने की गुंजाइश बचती ही नहीं कि यह परिवार कभी एक हो रहा था।

सपा महासचिव ने कहा कि सपा बिहार में जरूरत पडऩे पर कुछ अन्य दलों से बात करेगी। पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष रामचंद्र यादव कुछ दलों से बातचीत कर रहे हैं। सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का निर्णय बातचीत की यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लिया जाएगा। यादव ने दावा किया कि सपा को उसके सहयोगी दल जितनी सीटें दे रहे थे, उससे कई गुना ज्यादा तो सपा अपने बलबूते जीतेगी।

सपा प्रवक्ता ने कहा कि जनता परिवार कभी एक नहीं हो पाया, मगर इसका जिम्मेदार कौन है, इस बारे में वह कुछ नहीं कहना चाहते। यादव ने कहा कि जब जनता परिवार केे गठन की कवायद शुरू हुई थी, तभी मैंने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा था कि तमाम तकनीकी बातें ऐसी हैं जिनकी वजह से यह गठबंधन सम्भव नहीं है। अगर ऐसा होता है और होने के बाद अलग होने पर, जैसा कि अभी तक होता आया है, हम ना तो अपना नाम कायम रख सकते थे और ना ही वह चुनाव चिह्न हमें दोबारा मिलता।

राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा सपा को तीन सीटों का प्रस्ताव दिए जाने के बाद अगर यह सपा को नामंजूर था तो गत 30 अगस्त को पटना में जनता परिवार की रैली में पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में शिवपाल यादव ने शिरकत क्यों की? इस सवाल पर यादव ने कहा कि सपा के प्रतिनिधि ने पहले ही वहां जाने के लिए हां कर दी थी, इस वजह से वह रैली में शामिल हुए।