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विश्व प्राकृतिक का हिस्सा जेजु आईलैंड

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विश्व प्राकृतिक का हिस्सा जेजु आईलैंड

विलक्षण मानव निर्मित प्रयोगों की प्रयोगशाला के तौर पर मशहूर कोरिया का जेजु आईलैंड दुनियाभर के पर्यटकों के लिए पसंदीदा ट्रेवलिंग डेस्टिनेशन बना हुआ है।

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इस अंडाकार ज्वालामुखीय आईलैंड को देवताओं का आईलैंड कहा जाता है और इस आईलैंड के बीचों-बीच हलासन पर्वत है, जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 1950 मीटर है। यह आईलैंड इतनी अनूठी भौगोलिक संरचना लिए हुए है कि इसे ज्वालामुखीय संग्रहालय कहा जाता है।

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 इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस द्वीप की सतह पर 368 ज्वालामुखी मुख (वोल्केनिक कोन) हैं, जबकि सतह के नीचे 160 से ज्यादा लावा गुफाएं हैं। इतने छोटे से पर इतनी सारी लावा गुफाएं दुनिया में कहीं और नजर नहीं आती। इसी अद्भुत भौगोलिक तंत्र और प्राकृतिक खूबसूरती की वजह से इस आईलैंड को यूनेस्को की विश्व प्राकृतिक विरासत सूची में भी शामिल किया जा चुका है।

 

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हर मौसम में निराला

भू-वैज्ञानिकों की मानें तो यह आईलैंड 12 लाख साल पहले किसी ज्वालामुखी के फटने से बना था। हलासन पर्वत आईलैंड के ठीक बीच है। ऊपर बैकनोकदम नाम का क्रेटर है, पर्वत के एक तरफ ढलान, दूसरी तरफ खड़ी चढ़ाई और आस-पास कई तरह की चट्टानें हैं। इस पर्वत की खूबसूरती हर मौसम में निराली होती है और इसे जीता-जागता इकोलॉजिकल पार्क भी कहा जाता है। कोरिया में मिलने वाली वनस्पतियों की चार हजार के करीब किस्मों में से लगभग दो हजार हलासन पर्वत के इलाके में मिलती हैं।

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इतना ही नहीं, कोरियाई फर पेड़ जिसे क्रिसमस ट्री भी कहा जाता है वह भी दुनिया में सबसे ज्यादा संख्या भी यहीं पाया जाता है। यहां तक कि दुनिया का सबसे छोटा पौधा स्मूथ लिप सिम्बिडियम, जो महज दो सेंटीमीटर ऊंचा होता है, भी यहां खूब फलता-फूलता है। यहां विभिन्न किस्म के कीड़े और 364 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां मिलती हैं। यहां हिरण की भी एक खास प्रजाति है जो लुप्त होने के कगार पर थी, लेकिन अब फिर उसकी संख्या बढ़ी है।

ज्वालामुखी शोध की पाठशाला

हलासन पर्वत की तरह जेजु आईलैंड की खासियत है सियोंगसान इलचुलबोंग टफ कोन। यह जेजु आईलैंड के पूर्वी सिरे पर समुद्र से घिरा है। महज 180 मीटर ऊंचे इस पहाड़ से सूर्योदय का नजारा इतना शानदार होता है कि इसे सनराइज पीक के नाम से भी जाना जाता है। पर इसकी असली खूबसूरती तो इसके जन्म में छिपी है। जेजु के अन्य ओरियम के विपरीत यह हाइड्रोवोल्केनो (जल-ज्वालामुखी यानी जो उथले पानी में समुद्र तल से नीचे से लावा निकलने से बने हों) अपने क्रेटर के मूल स्वरूप को बनाए हुए है। इसकी इसी खासियत के लिए इसे दुनिया में जल-ज्वालामुखी के शोध की पाठशाला भी कहते हैं। इस आईलैंड पर 160 से ज्यादा लावा गुफाएं हैं।

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यह समूचा लावा ट्यूब सिस्टम कई सारे ज्वालामुखी विस्फोटों की वजह से बना है। कई ज्वालामुखियों के मामले में तो लावा 13 किलोमीटर तक बहकर तटीय इलाकों तक पहुंचा, जिनसे ये गुफाएं बनीं। भू-वैज्ञानिक मानते हैं कि ये लावा गुफाएं तीन लाख से एक लाख साल पुरानी हैं, लेकिन इतने सालों के बाद भी गुफाओं के भीतरी हिस्से काफी सुरक्षित हैं, जो उन्हें बेहद मूल्यवान बनाते हैं। हैरत की बात तो यह है कि हर गुफा ने विशिष्टता बनाए रखी है। फिलहाल इस जियोमूनोरियम लावा ट्यूब सिस्टम की दो गुफाएं ही लोगों के देखने के लिए खुली हैं। संरक्षण के लिए बाकी सभी को बंद ही रखा गया है।

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हवाई आईलैंड सरीखा आईलैंड

जेजु आईलैंड कोरिया व कई जापानी लोगों के लिए बहुत लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां की भौगोलिक संरचना के अलावा, प्राकृतिक खूबसूरती, मौसम, झरने, इत्यादि इसे अमेरिका के हवाई आईलैंड सरीखा बना देते हैं। जेजु आईलैंड में बीस से ज्यादा होटल व रुकने की जगह हैं।

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आईलैंड पैदल, साइकिल पर, कार से और बस से भी की जा सकती है। हलासन के पास कई खूबसूरत ट्रैकिंग रूट भी हैं। जेजु में बोट टर्मिनल भी है, जहां दक्षिण कोरिया के बुसान, यिओसु, वांदो, नोकतोंग व इंचिओन शहरों के लिए फेरी मिल सकती है। यहां तक कि जापान तक के लिए यहां से बड़ी नावें जाती हैं। जेजु भले ही छोटा सा आईलैंड है, लेकिन यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी है।

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कोरिया के बाकी शहरों के अलावा जापान के कई शहरों से यहां के लिए नियमित उड़ानें हैं। चूंकि यहां का मुख्य काम पर्यटन है, जाहिर है सारा संपर्क सैलानियों के लिए है। इतना ही नहीं, इस छोटे से आईलैंड पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का फुटबॉल स्टेडियम भी है। यहां सीफूड की विभिन्न वैरायटी मिलती हैं। यह आईलैंड शिटेक मशरूम व कैक्टस के लिए भी जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां के फूलों से बने शहद का अलग ही स्वाद होता है।

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