Home Headlines 26 जून : अन्तर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध ( नशा मुक्ति ) दिवस

26 जून : अन्तर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध ( नशा मुक्ति ) दिवस

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26 जून : अन्तर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध ( नशा मुक्ति ) दिवस
June 26: International Day against drug abuse and illicit trafficking
June 26: International Day against drug abuse and illicit trafficking
June 26: International Day against drug abuse and illicit trafficking

आज हमारे सामने एक सबसे बड़ी सामाजिक समस्या पैदा हो रही है, युवाओं के नशे का शिकार होना. जो कल के होने वाले देश के जांबाज कर्णधार हैं आज वही सबसे ज्यादा नशे के शिकार हैं। जिनको देश की उन्नति में अपनी उर्जा लगानी थी वो आज अपनी अनमोल शारीरिक और मानसिक उर्जा चोरी, लूट-पाट और मर्डर जैसी सामाजिक कुरीतिओं में नष्ट कर रहे है।

आज का 90 प्रतिशत युवा नशे का शिकार है। जिस तरह से टेक्नोलाजी विकसित हुई है, ठीक उसी तरह से नशे के सेवन में भी नई टेक्नोलाजी विकसित हुई है. आज का युवा शराब और हेरोइन जैसे मादक पदार्थो का नशा नहीं बल्कि कुछ दवाओं का इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहा है।

इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इस तरह की दवाएं आसानी से युवाओं की पहुंच में हैं और इनके सेवन से घर या समाज में किसी को एहसास भी नहीं होता कि इस व्यक्ति ने किसी मादक पदार्थ का सेवन किया है। इस बुराई के सबसे बड़े जिम्मेदार सिर्फ हम और आप है। आज की चकाचौंध भरी जिंदगी में हम इतने स्वार्थी हो गए हैं कि हमे यहां तक ख्याल नहीं रहता कि हमारा बच्चा किस रास्ते पर जा रहा है, क्या कर रहा है कोई परवाह नहीं, बस बच्चे कि ख्वाहिशें पूरी करते जा रहे हैं।

आज हमे पैसे कि लालच ने इतना अंधा कर दिया है कि हम सामाजिक बुराइयों को जन्म देने में जरा भी नहीं हिचकते। जिस व्यवसाय को लोग समाज में सबसे पूज्यनीय मानते थे वही आज इस बुराई को जन्म दे रहे हैं। जिन दवाओं को बिना डॉक्टर के पर्चे के नहीं मिलना चाहिए आज वही दवाएं धड़ल्ले से बिना पर्चे के और और कई गुना रेट पर मिल रही हैं. यहाँ तक कि ये दवाएं बनिए कि दुकानों पर भी मिल जाती हैं, जिससे युवा आसानी से उसका सेवन करते हैं।

समाज के इस सबसे बड़ी बुराई को दूर करने के लिए सबसे पहले हमे जागरूक होना होगा फिर प्रशासन को। हमे लालच जैसी लाइलाज बीमारी को अपने अन्दर से निकल फेकना होगा, नहीं तो यह कुरीति धीरे-धीरे एक दिन हमें हमारे पुरे समाज को फिर हमारे इस पुरे सुन्दर भारत को खा जायेगा फिर हमारा दुनिया में कोई भी अस्तित्व नहीं रह जायेगा एन्टो बैकस कैप्सूल एक सफल व सुरक्षित नशा मुक्ति का इलाज है।

शराब के अन्य घातक प्रभाव

हालांकि शराब आप को खुशी की भावना और होश दे सकता है, दवा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की प्रतिक्रियाओं को धीमा कर सकता है और अंततः नशे के दौरान मूर्च्छा, एक व्यक्ति का रक्तचाप, नाड़ी, संचार और नर्वस सिस्टम के रूप में और श्वसन में कमी आती है। यदि आप थके हुए हैं और शराब पीते है, तब यह और भी हानिकारक हो सकता है और यह आपकी मौत का कारण भी बन सकता है। इससे शरीर की बीमारी बढ जाती है और बीमारी से लड़ने की क्षमता कमजोर पढ़ जाती है।

शराब में अवशोषण और खून में पोषक पदार्थों की कमी हो जाती है। इसलिए हमारा आपको सुझाव है की यदि आपको किसी प्रकार के नशे की आदत है तो तुरंत ही उसे छोड़ दे अन्यथा आप कई और बुरे रोगों में ग्रस्त हो सकते हैं तथा इसकी लत अधिक हो जाने के कारन आपको गुर्दे का कैंसर तथा आपको मौत का सामना भी करना पड़ सकता है।

भारी शराब की खपत पर प्रतिकूल अपने शरीर में हर अंग को प्रभावित कर सकते हैं. वहां एक बहुत ही बीमारियों और विकारों भारी पीने के साथ जुड़ा की लंबी सूची है। उनमें से कुछ हैं : गुप्तांगो से ख़ून का बहाव, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, हैपेटाइटिस, पेट, मुख, स्तन, जिगर आदि का कैंसर, रक्ताल्पता, अस्थि मज्जा दमन, अल्सर, अग्नाशयी, यौन रोग और नींद का न आना आदि.

तम्बाकू की आदत छोड़ें

हकीम हाशमी जो उपयोगी जड़ी बूटियों की खोज में अपने पूरे जीवन समर्पित कर शराब, रम कैफीन, और व्हिस्की, तम्बाकू गुटखा पूरी तरह से छुडवाने के लिए यह दवा विकसित की है, जोकि विभिन्न क्षेत्रों से इस प्रणाली को भी औषधीय पहलू की कई पीढ़ियों से बंद टिप्पणियों पर आधारित है।

आधुनिक अनुसंधान उपकरण, जड़ी बूटी पर औषधीय अध्ययन की मदद से, हकीम हाशमी ने कई तरह की चिकित्सा के पुराने फार्मूलों के संशोधन कर नशे के इलाज के लिए शक्तिशाली और नई दवाओं का शोध कर लाखो लोगो को उपचार प्रदान किया है। यदि आप नशे का सेवन करने वाले व्यक्ति को बिना बताए उसकी नशे की आदत छुड़ाना चाहते हैं तो आप यह कार्य हमारी नई दवा के द्वारा बहुत ही सरलता के साथ कर सकते हैं यूनानी सिस्टम राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के अनुसार यूनानी दवा विभिन्न समस्यों के इलाज का एक अभिन्न हिस्सा है।

एन्टो बैकस कैप्सूल

एन्टो बैकस कैप्सूल जिगर जैसे अंग जो पहले शराब की आदत से प्रभावित हो को मजबूत बनाने में मदद करता है। मुसब्बर वेरा कार्य करता है और जिगर की शक्ति में सुधार कर सकते हैं और सिरोसिस जो शराब के निरंतर सेवन की वजह से विकसित की है रोका जा सकता है। यह मस्तिष्क और तंत्रिका समन्वय को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

एन्टो बैकस कैप्सूल का प्रयोग शराबी व्यक्ति मजबूत बनता हैं। एक व्यक्ति के रक्त में मौजूद अल्कोहल की मात्रा से फेफड़ों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करता है, शराब पीने, विशेष रूप से धूम्रपान के साथ, मुंह, घेघा, ग्रसनी और पुरुषों में गला के कैंसर, जिगर के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है त​था महिलाओ में स्तन कैंसर का खतरा बढ जाता है। यह इन सभी समस्यों को समाप्त करने में आपकी भरपूर सहायता करता है। एन्टो बैकस कैप्सूल विशेष रूप से शराब निर्भरता के मामलों के लिए तैयार किया गया है।

यह तम्बाकू सेवन तथा गुटखा तथा अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने की बुरी आदत को समाप्त करता है इसके प्रयोग से आप आपने को ऐसा महसूस करेंगे जैसे की आप कभी इन नशीले पदार्थों का सेवन ही नहीं करते थे बी समूह के विटामिन जो शराब के सेवन के कारण समाप्त हो रहे हैं की पूर्ति करता है। अपनी स्मृति और क्षमता में सुधार करने के लिए ध्यान केंद्रित करने में सहायता करता है ! फैटी एसिड का एक अच्छी तरह से संतुलित संयोजन प्रदान करता है।

अदरक के लाभ

यह अदरक मे एक ऐसे चीज है जिसे हम रसायनशास्त्र (केमिस्ट्री ) मे सल्फर कहते है। अदरक मे सल्फर बहुत अधिक मात्रा मे है। जब हम अदरक को चूसते है जो हमारी लार के साथ मिल कर अंदर जाने लगता है। ये सल्फर जब खून मे मिलने लगता है तो यह अंदर ऐसे हारमोनस को सक्रिय कर देता है, जो हमारे नशा करने की इच्छा को खत्म कर देता है।

विज्ञान की जो रिसर्च है सारी दुनिया मे वो यह मानती है। कोई आदमी नशा तब करता है जब उसके शरीर मे सल्फर की कमी होती है तो उसको बीड़ी सिगरेट तंबाकू आदि की बार बार तलब लगती है। सल्फर की मात्रा आप पूरी कर दो। बाहर से ये तलब खत्म हो जाएगी. बिना किसी खर्चे के शराब छूट जाती है बीड़ी सिगरेट शराब गुटका आदि छूट जाता है।

अदरक के रूप मे सल्फर सस्ता भी है। इसी सल्फर को आप होमिओपेथी की दुकान से भी प्राप्त कर सकते हैं! आप कोई भी होमिओपेथी की दुकान मे चले जाओ और विक्रेता को बोलो मुझे सल्फर नाम की दवा दे दो! वो दे देगा आपको शीशी मे भरी हुई दवा दे देगा और सल्फर नाम की दावा होमिओपेथी मे पानी के रूप मे आती है, प्रवाही के रूप मे आती है, जिसको हम घोल (Dilution )भी कहते है. यह पानी जैसे आएगी देखने मे ऐसे ही लगेगा जैसे यह पानी है।

ये 5 मिली लीटर दवा की शीशी दस या पन्द्रह रूपए की आती है और उस दवा का एक बूंद जीभ पर दाल लो सवेरे सवेरे खाली पेट फिर अगले दिन और एक बूंद डाल लो। ये 3 खुराक लेते ही 50 से 60 % लोग की दारू छूट जाती है और जो ज्यादा पियक्कड है जिनकी सुबह दारू से शुरू होती है और शाम दारू पर खतम होती है वो लोग हफ्ते मे दो दो बार लेते रहे तो एक दो महीने तक करे बड़े बड़े पियक्कड की दारू छूट जाएगी। बस हो सकता है कि दो या तीन महीने का समय लगे। यही सल्फर अदरक मे होता है और इसका अर्क ही होमिओपेथी की दुकान मे भी उपलब्ध है। आप आसानी से खरीद सकते है।

बहुत ज्यादा चाय और काफी पीने वालों के शरीर मे आर्सेनिक (ARSENIC ) तत्व की कमी होती है, उसके लिए आप ARSENIC- 200 का प्रयोग करे। चाय और काफी भी छूट जाएगी। गुटका, तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी पीने वालों के शरीर मे फास्फोरस (PHOSPHORUS) तत्व की कमी होती है उसके लिए आप PHOSPHORUS 200 का प्रयोग करे ये गुटका, तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी इत्यादि छुडा देगा। शराब पीने वाले मे सबसे ज्यादा सल्फर (SULPHUR) तत्व की कमी होती है उसके लिए SULPHUR 200 का प्रयोग करे ये शराब को छुडा देता है। हो सके तो आप बाज़ार में मिलने वाली अदरक से ही शुरुवात करे, आप को इससे ही पूरा लाभ मिल जाएगा।

: डा. राधेश्याम द्विवेदी