Home Breaking जिंदगी की सांसे थमने के बाद बैंक मैनेजर के अपहृत बेटे की तलाश खत्म

जिंदगी की सांसे थमने के बाद बैंक मैनेजर के अपहृत बेटे की तलाश खत्म

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जिंदगी की सांसे थमने के बाद बैंक मैनेजर के अपहृत बेटे की तलाश खत्म
kanpur : 12 year old son of bank manager was kidnapped and murdered
kanpur : 12 year old son of bank manager was kidnapped and murdered
kanpur : 12 year old son of bank manager was kidnapped and murdered

कानपुर। नौबस्ता थाना क्षेत्र में रहने वाले बैंक मैनेजर धर्मपाल सिंह के 12 वर्षीय मासूम आशुतोष की मां की आंखें नीरस हो अपने बेटे के इंतजार में आखिरकार राह ताकती ही रह गई।

पुलिस ने जो शुक्रवार को खुलासा किया है उससे उस मां को जीवन भर राह ही देखना पड़ेगा, लेकिन बेटा नहीं लौटेगा। क्योंकि अपनों ने ही फिरौती की खातिर रिश्तों के साथ मासूम का बेरहमी से कत्ल कर तलाश पर पूर्ण विराम लगा दिया।

बैंक मैनेजर धर्मपाल सिंह के मासूम बेटे आशुतोष का 10 दिन पहले घर के पास से उस समय अपरहण हो गया था जब वह पेटीज लेने गया था। तब से लेकर आज तक आशुतोष की मां कुसुमलता घर में बने मंदिर के सामने डबडबाती आंखों से पल-पल एकलौते बेटे के वापस आने राह देख रही।

शुक्रवार को राह तक रही मां की उस वक्त आंखें पथरा गई जब बेटे की मौत की खबर ने घर की चौखट पर दस्तक दी। मौत की खबर सुनते हुए मां तो बेहोश हो गई, तो वहीं पिता भी बदहवास होकर पुलिस को कोसने लगा और कहा कि पुलिस के तमाम दावे खोखले साबित हो गए।

पुलिस रोजाना कह रही थी कि आज बेटे को ले आएंगें, आज बेटे को ले आएंगें, लेकिन बेटे को तो लाना दूर उसका चेहरा भी नहीं दिखा सकी। वहीं बहन छोटे भाई को खोने पर उसके मुंह से बोल ही नहीं फूट रहे थे। यह करूण क्रंदन देख एक बात साफ हो चुकी थी भले ही हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में आ गएं हो लेकिन उनकी सोंच पुलिस से कहीं आगे थी।

अगर अपहरणकर्ताओं के फिरौती मांगें जाने के बाद आधुनिक तकनीक से लैस व हाईटेक होने का दर्जा पा चुकी पुलिस बिना समय गवाए रिश्तेदारों व करीबियों पर शक जाहिर करते हुए जांच में जुट जाती तो 24 घंटें के रहते ही आशुतोष को सकुशल बरामद कर उसकी मां की गोद में पहुंचा देती। यह सवाल घटना के खुलासे के बाद पुलिस की कार्यशैली पर खुद-ब-खुद लग रहा है।