Home World Asia News कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक, भारत को मिली कूटनीतिक सफलता

कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक, भारत को मिली कूटनीतिक सफलता

0
कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक, भारत को मिली कूटनीतिक सफलता
Kulbhushan Jadhav must not be executed, ICJ tells pakistan
Kulbhushan Jadhav must not be executed, ICJ tells pakistan
Kulbhushan Jadhav must not be executed, ICJ tells pakistan

कुलभूषण जाधव मामले में भारत को गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में बेहद अहम कूटनीतिक, नैतिक व कानूनी सफलता मिली। अदालत ने पाकिस्तान से मामले में अंतिम फैसला आने तक कथित जासूस कुलभूषण जाधव को फांसी न देने का आदेश दिया और आदेश के क्रियान्वयन को लेकर उठाए गए कदमों से अदालत को अवगत कराने को कहा।

आईसीजे के अध्यक्ष रॉनी अब्राहम ने अपने आदेश में कहा कि इस अदालत ने एकमत से फैसला किया है कि मामले में अदालत का अंतिम फैसला आने तक कुलभूषण जाधव को फांसी न देने के लिए पाकिस्तान हर उपाय करेगा।

साथ ही अदालत ने एकमत से यह भी फैसला किया है कि इस आदेश के क्रियान्वयन को लेकर उठाए गए कदमों से पाकिस्तान अदालत को अवगत कराएगा।

कुलभूषण जाधव : कब क्या हुआ

उन्होंने कहा कि अदालत ने यह भी फैसला किया है कि मामले में जब तक उसका अंतिम फैसला नहीं आ जाता, इस पर कहीं और सुनवाई नहीं होगी। पीठ में अध्यक्ष के अलावा 10 और न्यायाधीश हैं, जिनमें भारत के दलबीर भंडारी भी शामिल हैं।

न्यायाधीश भंडारी ने कहा कि राजनयिक संबंधों के मुद्दों के अलावा, तथ्यों की प्राथमिक जांच में यह साामने आना बेहद खेदजनक है कि कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी के बाद तथा पाकिस्तान में उनके खिलाफ आपराधिक मामले की सुनवाई के दौरान उन्हें राजनयिक संपर्क प्रदान करने के भारत के अनुरोध को खारिज कर उनके बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया।

अदालत में उस वक्त दोनों देशों के अधिकारी मौजूद थे, जब न्यायाधीश अब्राहम ने रजिस्ट्रार को दोनों पक्षों को आदेश की प्रति प्रदान करने को कहा।

विस्तृत आदेश में अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले के विवरणों को देखकर प्रथमदृष्टया लगता है कि अदालत का मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार है।

कुलभूषण जाधव मामले में आमने-सामने भारत, पाकिस्तान

मामले की सुनवाई में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर अदालत ने कहा कि उसने भारत की उन दलीलों पर गौर किया, जिसके मुताबिक पाकिस्तान जाधव की गिरफ्तारी तथा हिरासत को लेकर दूतावास को सूचना प्रदान करने में कथित तौर पर नाकाम रहा और जाधव को राजनयिक संपर्क प्रदान करने में कथित तौर पर असफल रहा। भारत की इन दलीलों से साफ हो जाता है कि यह मुद्दा वियना संधि के दायरे में है।

आदेश के मुताबिक अदालत की नजर में, ये मुद्दे यह स्थापित करने के लिए पर्याप्त है कि वियना संधि के अनुच्छेद एक के तहत मामले में अंतर्राष्ट्रीय अदालत को हस्तक्षेप का अधिकार है। अदालत ने इस बात पर भी गौर किया कि राजनयिक संबंधों को लेकर पक्षों के बीच 2008 में हुआ एक द्विपक्षीय समझौता अधिकार क्षेत्र पर उसके नतीजे में कोई परिवर्तन नहीं लाता है।

आदेश में यह भी कहा गया कि अदालत ने गौर किया है कि दूतावास को सूचना प्रदान करने तथा एक देश व उसके नागरिकों के बीच राजनयिक संपर्क प्रदान करने का अधिकार वियना संधि के अनुच्छेद 36 के पहले पैराग्राफ में दर्ज है। अदालत की नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि भारत ने जिन अधिकारों का दावा किया है, वह विश्वसनीय है।

अदालत ने कहा कि उसने पाया है कि भारत ने जिन अधिकारों की मांग की है और अदालत जिन तात्कालिक कदमों को उठा सकती है, इन दोनों के बीच एक वैध संबंध है।

न्यायाधीश अब्राहम ने उल्लेख किया कि पाकिस्तान के वकील ने यह दलील दी है कि जाधव को अगस्त तक फांसी नहीं दी जाएगी, लेकिन यह आश्वासन नहीं दिया है कि उसके बाद उसे फांसी नहीं दी जाएगी। इन हालात में अदालत इस बात को लेकर संतुष्ट है कि यह मामला ‘अर्जेट’ है।

अदालत ने यह भी कहा कि जाधव तक राजनयिक पहुंच प्रदान की जानी चाहिए, जिसकी भारत ने मांग की है।

‘कैदियों की अदला-बदली से सुलझ सकता है जाधव मामला’

उल्लेखनीय है कि भारत ने जाधव को पाकिस्तान के सैन्य अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा को तत्काल निलंबित करने की मांग करते हुए सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय अदालत से मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी। साथ ही आशंका जताई थी कि पाकिस्तान आईसीजे का फैसला आने से पहले ही जाधव को फांसी दे सकता है।

जासूसी तथा पाकिस्तान के खिलाफ विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई है।

भारत जाधव को बचाने की हर कोशिश करेगा : सुषमा स्वराज

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कुलभूषण जाधव मामले में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले की सराहना की और कहा कि भारत जाधव को बचाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगा।

आईसीजे का फैसला आने के बाद सुषमा ने ट्वीट किया कि मैं देश को आश्वस्त करना चाहती हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम कुलभूषण जाधव को बचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

सुषमा ने ट्वीट किया कि आईसीजे का आदेश जाधव के परिवार वालों और भारतीय नागरिकों के लिए राहत की तरह आया है। उन्होंने अगले ट्वीट में कहा कि हम आईसीजे के समक्ष भारत का पक्ष प्रभावी तरीके से रखने के लिए हरीश साल्वे के आभारी हैं।

जाधव को राजनियक सहायता की मांग करेंगे : नायडू

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कुलभूषण जाधव मामले में आईसीजे के फैसले को एक अहम जीत करार दिया और कहा कि भारत एक बार फिर जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया कराने की मांग करेगा। नायडू ने ट्वीट किया कि कुलभूषण जाधव मामले में भारत की यह अहम जीत है।

नायडू ने अलग से संवाददाताओं से कहा कि हम उन्हें राजनयिक संपर्क प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। इसे सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य बनता है..वे (पाकिस्तान) बेनकाब हो चुके हैं। उन्हें वियना संधि का सम्मान करना पड़ेगा।