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गोवा के 11वें मुख्यमंत्री बने लक्ष्मीकांत पारसेकर

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पणजी। मनोहर पर्रिकर को गोवा से दिल्ली बुला लिए जाने के बाद राज्य में उनका पद स्वास्थ्य मंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने संभाल लिया। पारसेकर ने शनिवार को राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने इस पद के दावेदार विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र अर्लेकर और उपमुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा को पछाड़ अंतिम समय में बाजी मार ली।…

डिसूजा पारसेकर के शपथ लेने के दो घंटे पहले तक दृढ़ता से उन्हें मुख्यमंत्री पद दिए जाने का विरोध कर रहे थे। औपचारिक रूप से सरकार बनाने का दावा पेश करने के कुछ ही देर बाद पारसेकर (58) ने नौ अन्य कैबिनेट मंत्रियों के साथ शनिवार की दोपहर राजभवन में शपथ ली।

बीजेपी को उप मुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा को पारसेकर का नेतृत्व स्वीकार करने के लिए मनाना पड़ा, जिसके बाद पारसेकर ने शपथ ग्रहण क ी। भाजपा की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष पारसेकर ने नई जिम्मेदारी संभालने के बाद पहली बार पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह अपने पूर्ववर्ती मनोहर पर्रिकर के काम को आगे बढ़ाएंगे।

गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को रविवार को केंद्रीय कैबिनेट विस्तार में नई जिम्मेदारी मिलना तय है इसी कारण उन्होंने शनिवार दोपहर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

अपने सैकड़ों समर्थकों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मनोहर पर्रिकर 13 या 14 नवंबर को दिल्ली से लौटेंगे तब हम मंत्रियों के विभाग तय क रेंगे। पर्रिकर रविवार को होने वाले केंद्रीय कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद की शपथ लेंगे। उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री उन्हें रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपेंगे। इसीलिए गोवा में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति जरूरी थी।

शनिवार को भाजपा विधायकों में डिसूजा, दयानंद मांडेरकर, रमेश तावडकर, महादेव नाइक, दिलीप पारूलेकर, मिलिंद नाइक, आलीना सल्दाना और महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी के सुधीन धावलिकर और पांडुरंग धावलिकर ने शपथ ली। बाकी के खाली दो स्थानों के इस महीने के बाद भरने की संभावना है।

दिन में राज्य के भाजपा नेता और केंद्रीय पर्यवेक्षक राजीव प्रताप रूड़ी और पुरूषोत्तम रूपाला, डिसूजा द्वारा छेड़े गए असंतोष को खत्म करने में व्यस्त रहे। डिसूजा शुक्रवार से ही पारसेकर और आर्लेकर के साथ काम करने से इनकार रहे थे। उनका कहना था कि वे दोनों उनसे जूनियर हैं।

पार्टी विधायकों की बैठक से पहले डिसूजा ने पत्रकारों से कहा था कि मैं अभी भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हूं। मैं पार्टी पर्यवेक्षक से बात करूंगा और अपना पक्ष रखूंगा। मैं सरकार से इस्तीफा दे दूंगा और शपथ समारोह से दूर रहूंगा। एक साधारण विधायक के रूप में काम करके भी मैं खुश हूं। गोवा में डिसूजा पार्टी का सबसे पुराना अल्पसंख्यक चेहरा हैं। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके पास 15 विधायकों का समर्थन है।

डिसूजा और उनके समर्थकों विष्णु वाघ और मांडरेकर द्वारा उपजे विवाद को निपटाने में भाजपा के असफल होने के बाद भी राजभवन ने मुख्यम ंत्री का नाम छोड़कर शपथ ग्रहण समारोह के लिए औपचारिक निमंत्रण जारी कर दिया था।

मामले को शपथ ग्रहण समारोह से डेढ़ घंटे पहले डिसूजा, पर्रिकर, अर्लेकर, पारसेंकर और पार्टी पर्यवेक्षकों के बीच हुई बैठक में सुलझाया गया। बैठक से बाहर आकर डिसूजा ने कहा कि मुझे लगता है कि पारसेकर को हम पर थोपा गया है। आज मुझे बोला गया है कि बहुमत उनके पक्ष में है।

पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि दोबारा उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बजाय डिसूजा को एक और प्रमुख मंत्रालय दिया जाएगा। पिछले ढाई साल से डिसूजा जिन मंत्रालयों का कार्यभार संभाल रहे हैं, उसके अलावा उन्हें वित्त या गृह मंत्रालय में से कोई एक मंत्रालय सौंपा जा सकता है।


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