Home Breaking पत्नी को कंधा देने नहीं जुटे लोग, पति ने किया अंतिम संस्कार

पत्नी को कंधा देने नहीं जुटे लोग, पति ने किया अंतिम संस्कार

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पत्नी को कंधा देने नहीं जुटे लोग, पति ने किया अंतिम संस्कार
madhya pradesh : police take away woman's body from funeral pyre to perform postmortem
madhya pradesh : police take away woman's body from funeral pyre to perform postmortem
madhya pradesh : police take away woman’s body from funeral pyre to perform postmortem

शहडोल। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में अंधविश्वास और सरकारी तंत्र की विफलता के चलते एक और दर्दनाक वाकया सामने आया है। बीमारी से मरी अपनी पत्नी के शव को ले जाने के लिए गांव में से कोई तैयार नहीं हुआ।

इतना ही नहीं गांववालों ने पुलिस में महिला की हत्या की खबर दी, जिस पर शव का पोस्टमार्टम तक किया गया। गांववालों ने पूरे परिवार का एक अंधविश्वास के चलते बहिष्कार किया हुआ है, और उस परिवार को राशन तक नहीं दिया जा रहा।

संभागीय मुख्यालय से लगे गांव गोरतरा के वार्ड क्रमांक 8 में निवास करने वाले रामसिंह केवट की पत्नी सोनिया केवट की मौत बीमारी से गुरूवार को लगभग सात बजे सुबह हो गई थी। मायके पक्ष के लोगों के आने के बाद शुक्रवार को उसके अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी।

इसी बीच गांववालों ने पुलिस को सूचना दी कि महिला की मौत संदिग्ध है और महिला की हत्या की संभावना व्यक्त की। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया। सरकारी डॉक्टर ने पहले पोस्टमार्टम नहीं किया। बाद में जब पोस्टमार्टम किया गया तो उसमें महिला की मौत बीमारी के चलते पता चली।

पुलिस पूछताछ में मृतका के पति ने बताया कि उसे सूखा रोग था जिसके कारण उसकी मौत हुई है। 15 दिन पहले ही उसकी 15 वर्षीय लडक़ी गुडिय़ा की भी मौत सूखा रोग के कारण ही हुई है।

पुलिस जांच में पता चला कि सोनिया की मौत के बाद गांव का कोई भी आदमी सामने नहीं आया और मजबूरी में मृतिका सोनिया का पति, देवर और भाई तीनों ने शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए।

इस मामले की विवेचना कर रहे एएसआई राकेश मिश्रा ने बताया कि गोरतरा का रामसिंह केवट गांव के ठाकुर बाबा के चौरा में पूजा का कार्य करता था।

रामसिंह ने अपने बयान में बताया है कि उसने ठाकुर बाबा से मन्नत मांगी थी कि वह अगले पांच साल तक अपने बाल और दाढ़ी नहीं बनवाएगा। लेकिन एक साल के अंतराल में ही उसके पिता की मौत हो गई।

पिता की मौत के बाद भी रामसिंह ने अपने बाल और दाढ़ी नहीं बनवाए, जिसके कारण अंधविश्वास के चलते गांववालों उसे और उसके परिवार को गांव से बाहर निकाल दिया।

इतना ही नहीं पुलिस जांच में पता चला कि गांववालों ने रामसिंह का बीपीएल सूची से नाम भी काट दिया। जिससे रामसिंह के परिवार को राशन मिलना बंद हो गया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले में सभी बिन्दुओं की जांच की जा रही है। जो भी इसमें संलिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

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