Home Breaking मंत्री पर जहरीला कीटनाशक स्प्रे करने का प्रयास, किसान अरेस्ट

मंत्री पर जहरीला कीटनाशक स्प्रे करने का प्रयास, किसान अरेस्ट

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मंत्री पर जहरीला कीटनाशक स्प्रे करने का प्रयास, किसान अरेस्ट
Maharashtra farmer attempts to spray toxic pesticide on minister, held
Maharashtra farmer attempts to spray toxic pesticide on minister, held
Maharashtra farmer attempts to spray toxic pesticide on minister, held

यवतमाल। कीटनाशक के जहरीले धुएं से मारे गए 18 किसानों को लेकर ग्रामीण इलाकों में बढ़ रहे गुस्से के बीच बुधवार को एक उत्तेजित किसान ने महाराष्ट्र के एक मंत्री को निशाना बनाकर उसी तरह के कीटनाशक से उनपर छिड़काव करने का प्रयास किया।

यह घटना तब घटी जब कृषि राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत यवतमाल से 30 किलोमीटर दूर कलाम गांव का दौरा करने के लिए पहुंचे थे, जहां किसान नए साइलेंट हत्यारों से जूझ रहे हैं। यह हत्यारा है कीटनाशकों का विषैला धुआं जो लंबे समय तक संपर्क में रहने और सुरक्षा किटों की कमी के कारण फैला था।

जब खोत इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे थे और उन्हें सुरक्षा के बारे में सलाह दे रहे थे कि तभी एक गुस्साया किसान जिसकी पहचान सिकंदर शाह के रूप में हुई, भीड़ को चीरता हुआ आया और कुछ कीटनाशक को छिड़कने का प्रयास किया लेकिन मंत्री खुद को बचाते हुए वहां से भाग निकले।

स्थानीय पुलिस ने तुंरत कार्रवाई करते हुए शाह को पकड़ लिया और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया जबकि किसान मंत्री के सामने ही प्रदर्शन करते रहे।

पिछले दो महीने में जिले के अंदर कपास और सोया के खेतों में जहरीले कीटनाशक के छिड़काव के दौरान कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई है जबिक 600 से ज्यादा किसान इससे पीड़ित बताए जा रहे हैं।

इस मामले पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने मंगलवार को उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए और साथ ही इसके कारणों और उपचारात्मक उपायों को शुरू करने को कहा। साथ ही मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवार को दो लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है।

वसंतराव नाइक शेटकारी स्वावलंबन मिशन (वीएनएसएस) के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने मुआवजे को पूरी तरह से अपर्याप्त बताया और प्रत्येक मृतक के परिवार को पांच लाख रुपये देने की मांग की।

तिवारी के अलावा, कई अन्य किसान कार्यकर्ता ने अतिरिक्त मुआवजे की मांग की है और वर्तमान राशि को गरीब किसानों के खिलाफ भेदभाव कहा है, जो ज्यादातर आदिवासी हैं।

फड़नवीस ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं साथ ही कीटनाशक कंपनियों को छिड़काव के दौरान विशेष सुरक्षात्मक किटों को वितरित करना अनिवार्य करने को कहा है।

उन्होंने कहा कि कीटनाशक कंपनियों को सुरक्षात्मक किट प्रदान करने के अलावा, राज्य सरकार किसानों के बीच जागरूकता फैलाने का काम करेगी और यदि आवश्यक हो तो ऐसे सुरक्षा किटों की आपूर्ति भी करेगी।

तिवारी ने कहा कि हाल के हफ्तों में जिन किसानों ने अपना जीवन खोया है उसका सबसे स्पष्ट कारण है बिना सुरक्षात्मक उपकरणों के गलत संयोजनों के साथ कीटनाशकों का अंधाधुंध और दोषपूर्ण उपयोग।

इसके अलावा, दिन में सिर्फ 3 से 4 घंटे खाना खाकर वह दिन के 8 से 10 घंटे बिना कुछ खाए पिए बिता देते हैं, वे धूम्रपान करने के लिए ब्रेक लेते हैं और बिना हाथ धोए पानी पीते हैं और काम करते वक्त कपड़े भी नहीं पहनते हैं जिसके कारण उनका अधिक शरीर धुएं की चपेट में आ जाता है।

तिवारी ने चेतावनी दी कि इस साल बीटी कपास के बीजों के रूप में स्थिति खराब हो सकती है। अब कपास की खेती के तहत 40 लाख हेक्टेयर भूमि में गुलाबी कृमि, थिप्स, मेलीबग्स और नियमित बोल्वर्म्स सूती पर हमला कर सकते हैं।

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