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मजीठिया को लेकर हलचल तेज

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मजीठिया को लेकर हलचल तेज

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जयपुर। मजीठिया वेतन बोर्ड की अनुशंसाएं लागू किए जाने की मांग को लेकर संघर्षरत राजस्थान पत्रिका के पत्रकारों एवं गैर पत्रकार कर्मचारियों का होली स्नेह मिलन समारोह रविवार को नेहरू गार्डन में मनाया गया। इस दौरान हाल ही में सुप्रीमकोर्ट के आए निर्देशों के संदर्भ में भी चर्चा की गई।

रविवार अपराह तीन बजे से आयोजित होली स्नेह मिलन समारोह में समस्त वरिष्ठ पत्रकारों एवं गैर पत्रकार साथियों ने शिरकत की। सभी ने हाल ही में सुप्रीमकोर्ट की ओर से आए सकारात्मक आदेश पर खुशी जताई तथा एक दूसरे का मुंह मीठा कराया।

सुप्रीमकोर्ट के आदेशों के संदर्भ में बताया गया कि मीडिया संस्थानों द्वारा मजीठिया वेतन बोर्ड की अनुशंसाएं लागू नहीं करने संबंघी शिकायतें स्थानीय श्रम कार्यालय में की जा सकेंगी। साथ ही सुप्रीमकोर्ट ने श्रम कार्यालयों को पाबंद किया है कि वह प्राप्त होने वाले सभी प्रतिवेदनों की जांच पडताल कर 12 जुलाई तक रिपोर्ट सुप्रीमकोर्ट में पेश करे। मालूम हो कि 19 जुलाई से सुप्रीमकोर्ट इस केस की अंतिम सुनवाई की कार्यवाही शुरू करेगा।

सुप्रीमकोर्ट के 14 मार्च को दिए आदेश का सार

सुप्रीमकोर्ट के आदेशों में उल्लेखित है कि मजीठिया वेतन बोर्ड की अनुशंसाएं लागू कराने के लिए सभी समाचार पत्रों को निर्देशित किया गया है, किन्तु कतिपय संस्थानों द्वारा इनका परिपालन नहीं किया गया है। इसके संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा कन्टेम्प्ट पीटिशन में पारित आदेश 14 मार्च 2016 को इस आशय के आदेश दिए गए हैं।

सुप्रीमकोर्ट ने यह भी कहा कि इस प्रकृति की अनेक शिकायतें प्राप्त हुई हैं कि प्रबंधनों की ओर से पत्रकार एवं गैर पत्रकारों को अनुचित तरीके से सेवा से पृथक करने जैसे कदम उठाकर प्रताडित किया जा रहा है और उन पर दबाव डालकर 20जे की अंडरटेंकिंग ली गई है।

कर्मचारियों पर मजीठिया वेतन बोर्ड अनुशंसाओं को मान्य नहीं किए जाने के संबंध में दबाव डाला जा रहा है। इस संबंध की शिकायतें स्थानीय श्रम कार्यालय अथवा श्रमायुक्त के समक्ष पीडित शिकायत दर्ज करा सकेंगे।

मजीठिया वेतनमान पाने के लिए संघर्ष कर रहे पत्रकारों ने होली स्नेह मिलन के दौरान निर्णय लिया कि राजस्थान पत्रिका में कार्यरत, सेवानिवृत हो चुके तथा सेवा से जबरन पृथक किए गए साथी अपनी परिवेदनाएं शीघ्र तैयार कर लेवें। सभी सामूहिक रूप से अपने प्रतिवेदन श्रम कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे। ऐसे साथी ​जिन्होंने अपना वाजिब हक पाने के लिए अब तक केस नहीं किया है वे भी श्रम कार्यालय में परिवेदना प्रस्तुत कर सकते हैं।

प्रबंधन में भी अंदरखाने हलचल तेज

मजीठिया को लेकर संघर्ष कर रहे कुछ पत्रकारों ने बताया कि सुप्रीमकोर्ट के हाल ही में आए आदेश के बाद प्रबंधन में भी अंदरखाने हलचल तेज हुई है। मजीठिया वेतनमान देने से बचने के लिए प्रबंधन तरह तरह के हथकंडे अपना रहा है। ऐसे कर्मचारियों के ट्रांसफर भी किए जा रहे हैं जिन्होंने प्रबंधन के खिलाफ मजीठिया को लेकर या अन्य किसी तरह का केस भी नहीं किया है। कर्मचारियों पर दबाव बनाया जा रहा है ताकि वे खुद नौकरी छोड जाएं। ऐसे कर्मचारियों की फेहरिस्त भी लंबी होती जा रही है जो दबाव में इस्तीफे दे चुके हैं।

अब पोर्टफोलियो में पत्रकारों की भर्ती!

प्रबंधन पोर्टफोलियो जैसी कंपनी में स्टाफ को शिफ्ट कर मजीठिया देने से बचने की जुगत में जुटा हुआ है। कुछ कर्मचारियों के इस्तीफे लिखवाकर उन्हें पोर्टफोलियो में रीज्वाइन करवाया गया है। मालूम हो कि पोर्टफोलियों कंपनी का कार्य लोडंग एवं अनलोडिंग दर्शाया गया है। हाल ही में पांच सात पत्रकार पोर्टफोलियों में जा चुके हैं।