Home Bihar भरी सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फेंका जूता, युवक अरेस्ट

भरी सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फेंका जूता, युवक अरेस्ट

0
भरी सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फेंका जूता, युवक अरेस्ट
man throws shoe at bihar chief minister nitish kumar in bakhtiyarpur to protest liquor ban
man throws shoe at bihar chief minister nitish kumar in bakhtiyarpur to protest liquor ban
man throws shoe at bihar chief minister nitish kumar in bakhtiyarpur to protest liquor ban

पटना। बिहार के पटना जिले के बख्तियारपुर में आयोजित सभा में एक युवक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ जूता फेंका, हालांकि जूता नीतीश को नहीं लगा। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया है।

मुख्यमंत्री कुमार बख्तियारपुर में स्वतंत्रता सेनानी शीलभद्र याजी की पुण्यतिथि समारोह में आयोजित सभा में भाषण दे रहे थे। इस दौरान वे शराबबंदी के अपने कार्यक्रम के बारे में बता रहे थे। तभी युवक ने नीतीश की तरफ जूता फेंका जो मंच से पहले ही गिर गया।

मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने युवक को दबोच लिया, इस वाकए को देख सीएम खुद बार-बार उस युवक को छोड़ देने की अपील करने लगे। लेकिन सुरक्षाकर्मी उसे पकड़ कर सभा से बाहर लेकर चले गए।

मुख्यमंत्री पर जूता फेंकने वाले युवक का नाम प्रवेश कुमार राय बताया गया है तथा वह समस्तीपुर जिले के विद्यापति नगर का रहने वाला है। अधिकारियों का कहना है कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त भी प्रतीत होता है।

man throws shoe at bihar chief minister nitish kumar in bakhtiyarpur to protest liquor ban
man throws shoe at bihar chief minister nitish kumar in bakhtiyarpur to protest liquor ban

पता चला है कि वह अपनी 10 मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलना चाहता था। उसका कहना था कि शराबबंदी अगर करनी है तो पूरी तरह से की जाए। देशी को बंद करना और विदेशी शराब की बिक्री चालू रखना सही नहीं है।

इसके अलावा वह ऑटो रिक्शा में अश्लील गाना बंद कराने और शिक्षा व्यवस्था को ठीक कराने की भी मांग कर रहा था। उसकी जेब से 10 मांगों का एक ज्ञापन भी मिला है जिसे वह मुख्यमंत्री को देना चाहता था। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के कारण वह मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंच सका।

मुख्यमंत्री पर जूता फेंकने की बात को स्वीकारते हुए प्रवेश राय ने कहा कि गरीबों को कहीं इंसाफ नहीं मिलता है। उसने 4 माह खलासी का काम किया, लेकिन मालिक ने मजदूरी नहीं दी। जब थाने में एफआइआर कराने गया तो उसे न्याय नहीं मिला। इसी बात से वह बहुत दुखी था।