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Mann ki Baat : मोदी ने ‘न्यू इंडिया’ के लिए 2017-22 को निर्णायक बताया

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Mann ki Baat : मोदी ने ‘न्यू इंडिया’ के लिए 2017-22 को निर्णायक बताया
mann ki baat 34th edition : pm narendra modi speaks on floods, gst, quit india movement
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश को संबोधित करते हुए बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश में जब यह प्राकृतिक आपदा आती है तो कई एजेंसियां और स्वयंसेवी संगठन इस संकट को दूर करने में अपना योगदान देते हैं।

मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि बाढ़ के दौरान सरकारी एंजेसियां, भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, अर्ध-सैन्य बल सहित हर कोई आपदा पीड़ितों की मदद में जी-जान से जुट जाता है।

उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ से किसान सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इसलिए उनकी सरकार किसानों को और फसलों को जो नुकसान होता है, उसकी भरपाई के लिए बीमा के माध्यम से किसानों को जल्द मुआवजा दिलाने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि हलांकि, तकनीकी उन्नति के कारण अब मौसम की अधिक सटीकता के साथ भविष्यवाणी की जा सकती है।

मोदी ने लोगों से ‘न्यू इंडिया’ के लिए संकल्प लेने को कहा

मोदी ने अगस्त को क्रांति व आंदोलन का महीना बताते हुए रविवार को लोगों से ‘न्यू इंडिया’ (नए भारत) और देश को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए संकल्प लेने को कहा।

मोदी ने असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन को याद करते हुए कहा कि अगस्त के महीने ने भारत में कई ऐतिहासिक आंदोलन देखे हैं।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने 1942 में जब देखा कि आजादी का आंदोलन चरम पर पहुंच गया है तो उन्होंने ‘करो या मरो’ का नारा दिया था।

उन्होंने कहा कि आज, हमें अपने देश के लिए मरने की जरूरत नहीं, बल्कि जीवित रहने और इसे प्रगति की नई ऊंचाईयों पर ले जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि देश को नौ अगस्त को ‘संकल्प’ दिवस के रूप में मनाना चाहिए और व्यक्तिगत रूप से देश के लिए योगदान करने का संकल्प लेना चाहिए।

प्रधानंमत्री ने कहा कि 1942 से 1947 के पांच वर्ष का समय निर्णायक रहा, जिसने भारत की आजादी के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा कि हमें साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए भी संकल्प लेना होगा कि गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, संप्रदायवाद भारत छोड़कर चले जाएं।

मोदी ने इस अंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी सामाजिक संगठन, शिक्षा संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्रों और अन्य से इस आंदोलन से जुड़ने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि अगर लोग अपने संकल्प पूरे करें तो 2017 से 2022 के पांच साल भी निर्णायक साबित हो सकते हैं।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने देश का दिल जीता

मोदी ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सराहना की। मोदी ने कहा कि भले ही महिला टीम विश्व कप फाइनल में हारी हो, लेकिन उसने देशवासियों का दिल जीत लिया।

प्रधानमंत्री ने बताया कि विश्व कप की समाप्ति के बाद, जब वो महिला खिलाड़ियों से मिले, तो उन्होंने कहा था कि वे अपने दिमाग से असफल होने की बात निकाल दें। भले ही आपने मैच जीता हो या नहीं, आपने निश्चित तौर पर देशवासियों का दिल जीत लिया।

इंग्लैंड में आयोजित हुए महिला विश्व कप में मिताली राज की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में प्रवेश किया था। हालांकि, खिताबी मुकाबले में उन्हें मेजबान टीम से हार का सामना करना पड़ा।

मोदी ने कहा कि मैं उनके चेहरे पर तनाव देख सकता था। मैंने कहा, देखिए, यह मीडिया का युग है। इस कारण उम्मीदें इस स्तर पर पहुंच गई हैं कि अगर कोई पहले से तय सफलता हासिल नहीं करता है, तो यह निराशा यहां तक कि असंतोष में तब्दील हो जाती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने सभ्यता की सारी सीमाएं लांघ दीं और कुछ ऐसी चीजें कहीं तथा लिखीं, जिससे दुख महसूस हुआ। हालांकि, यह पहली बार हुआ है कि हमारी बेटियां भले ही विश्व कप जीतने में सफल न रही हों, लेकिन 125 करोड़ भारतीयों ने इस हार के भार को बेटियों के कंधों पर रखने के बजाए अपने कंधों पर ले लिया।