Home Breaking Mann Ki Baat रचनात्मक आलोचना से मजबूत होता है लोकतंत्र : मोदी

Mann Ki Baat रचनात्मक आलोचना से मजबूत होता है लोकतंत्र : मोदी

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Mann Ki Baat रचनात्मक आलोचना से मजबूत होता है लोकतंत्र : मोदी
mann ki baat and beyond : when pm modi picked muslim individuals to cite an example
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में अपना तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद रविवार को पहली बार अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में कहा कि रचनात्मक आलोचना लोकतंत्र को मजबूत बनाती है।

प्रधानमंत्री ने रमजान का पवित्र महीना शुरू होने पर देशवासियों को बधाई भी दी और अगले महीने 21 जून को तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर लोगों से योग करते हुए सपरिवार अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी करने की अपील भी की।

उन्होंने अपनी सरकार के तीन साल के कार्यकाल के मूल्यांकन को सकारात्मक बताया और आश्वस्त किया कि गलतियों और कमियों को सुधारा जाएगा।

मोदी ने कहा कि पिछले तीन सालों में मौजूदा सरकार ने जो भी काम किए हैं, उसका मूल्यांकन पिछले 15 दिनों से अखबारों, सोशल मीडिया व टेलीविजन पर हो रहा है। कई सर्वेक्षण और कई जनमत सर्वेक्षण हुए हैं। मैं इस पूरी प्रक्रिया को स्वस्थ संकेत के रूप में देख रहा हूं।

मोदी ने कहा कि रचनात्मक आलोचना लोकतंत्र को मजबूत बनाती है, एक जागरूक और एक जागृत राष्ट्र के लिए यह मंथन बहुत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि इन वर्षो के दौरान किए गए कार्यो को हर तरह से परखा गया। इसका समाज के हर क्षेत्र के द्वारा विश्लेषण किया गया। यह लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। मेरा स्पष्ट मानना है कि लोकतंत्र में सरकारों को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।

मोदी ने तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर वीभिन्न मीडिया खबरों में जारी किए गए सर्वेक्षणों के हवाले से यह बात कही, जिनमें मोदी सरकार के तीन साल की सराहना और आलोचना दोनों की गई है।

मोदी के अनुसार तीन साल के आकलन के दौरान थोड़ी तारीफें, थोड़ा समर्थन और कुछ कमियों का भी उल्लेख किया गया है। मैं इन सब बातों के महत्व को समझता हूं। मैं उन लोगों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने महत्वपूर्ण राय दिए हैं।

मोदी ने कहा कि सर्वेक्षणों में दर्शाई गईं गलतियों एवं कमियों को ठीक किया जा सकता है। चाहे कुछ चीजें अच्छी हों, कम प्रभावी हों या खराब हों, जो भी हो, इन सबसे सीखना चाहिए और जीवन में आगे बढ़ना चाहिए और सीखे हुए को जीवन में उतारना चाहिए।

मोदी ने कहा कि मेरे मन की बात कार्यक्रम को कुछ लोग एकतरफा संवाद मानते हैं तो कुछ लोग राजनीतिक आधार पर इसकी आलोचना करते हैं। लेकिन मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि दो साल पहले शुरू किए गए इस कार्यक्रम के जरिए मैं देश के हर परिवार का हिस्सा बन जाऊंगा।

मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कही उनकी बातों को संगृहित कर तैयार की गई पुस्तक ‘मन की बात : अ सोशल रीवोल्यूशन ऑन रेडियो’ के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा लोकार्पित किया जाना उनके लिए प्रेरणादायक रहा।

मोदी ने साथ ही लोगों से अपील की कि वे 21 जून को तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर अपने परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ योग करते हुए तस्वीरें पोस्ट करें।

उन्होंने इस अवसर को एक नया आयाम देने के लिए लोगों से तस्वीरें ‘नरेंद्र मोदी एप’ या ‘माई जीओवी’ पर भी अपलोड करने के लिए कहा।

मोदी के मुताबिक दादा-दादी, माता-पिता और बच्चे एक साथ योग करें और तस्वीरें अपलोड करें। यह कल (बीती हुआ), आज और कल (आने वाला) का अदभुत संयोजन होगा। उन्होंने कहा कि ये तस्वीरें सुनहरे कल की गारंटी होंगी।

अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री ने रविवार को एक ट्वीट कर देशवासियों को रमजान शुरू होने की बधाई दी। रेडियो कार्यक्रम के दौरान भी मोदी ने रमजान की बधाई दी।

मोदी ने ट्वीट कर कहा कि रमजान का पाक महीना शुरू होने पर दुनियाभर के लोगों को शुभकामनाएं देता हूं।

मोदी ने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में कहा कि रमजान का पवित्र महीना देश में शांति, भाईचारे और सद्भावना को बनाए रखने में मदद देगा। उन्होंने कहा कि लोग रमजान के दौरान प्रार्थना, आध्यात्मिकता और दान को महत्व देते हैं।

मोदी ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विभिन्नता इसकी ताकत है। देश के 125 करोड़ लोगों के लिए यह गर्व की बात है कि यहां दुनियाभर के सभी समुदायों के लोग रहते हैं। यह शांति, भाईचारे और सद्भावना का संदेश है।

मोदी ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि रमजान का पवित्र महीना शुरू होने पर बधाई। मैं कामना करता हूं कि यह पाक महीना दुनियाभर में भाईचारे, शांति और सौहार्द को बढ़ाए।