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बांसवाड़ा जनजाति विश्वविद्यालय में एमबीए इसी सत्र से

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बांसवाड़ा जनजाति विश्वविद्यालय में एमबीए इसी सत्र से
गोविन्द गुरु जनजाति विश्वविद्यालय
गोविन्द गुरु

गोविन्द गुरु जनजाति विश्वविद्यालय

अकादमिक काउंसिल की बैठक में हुए महत्वपूर्ण निर्णय

सबगुरु न्यूज. उदयपुर। उदयपुर संभाग के बांसवाड़ा स्थित गोविन्द गुरु जनजाति विश्वविद्यालय में इसी सत्र से एमबीए सहित विभिन्न नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे।

विश्वविद्यालय की अकादमिक काउंसिल (विद्या परिषद) की शुक्रवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी की अध्यक्षता में हुई बैठक में उन्होंने कहा कि इस अंचल के युवाओं को रोजगार की आवश्यकताओं को देखते हुए कम समय के ऐसे चुनिंदा पाठ्यक्रमों को प्रारंभ किया जा रहा है जिससे वे कॉलेज की पढ़ाई करते ही अपनी रुचि के अनुरूप रोजगार चयन कर आजीविका अर्जित कर सकें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की मंशा है कि इसी सत्र से अध्ययन-अध्यापन कार्य प्रारंभ हो इस दृष्टि से इन पाठ्यक्रमों के लिए 1 अगस्त से ही ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।

इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने का हुआ निर्णय

-सत्र 2017-18 से दो वर्षीय एमबीए पाठ्यक्रम प्रारंभ करने का निर्णय किया गया। यह एमबीए पाठ्यक्रम हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम में होगा। इसके प्रथम व तृतीय सेमेस्टर का शुल्क 22 हजार 500 होगा। इसी तरह, द्वितीय व चतुर्थ सेमेस्टर का शुल्क 17 हजार 500 रहेगा। इस पाठ्यक्रम में किसी भी संकाय से स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थी जिनके न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक हैं, प्रवेश ले सकेंगे।

-दो वर्षीय एमएससी योगा तथा एमएड पाठ्यक्रम महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर के पाठ्यक्रम और शुल्क के अनुरूप संचालित किया जाएगा।

-विश्वविद्यालय के अधिकारिता में आने वाले बांसवाड़ा, डूंगरपुर व प्रतापगढ़ जिलों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एमए एजुकेशन प्रारम्भ करते हुए मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के पाठ्यक्रम और शुल्क को स्वीकार करने का अनुमोदन किया गया।

-पीजी डिप्लोमा इन ट्यूरिज्म एण्ड होटल मैनेजमेंट तथा डिप्लोमा इन जर्नलिज्म का संचालन किया जाएगा। हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम के यह दोनों पाठ्यक्रम एक वर्षीय होंगे तथा दोनों ही मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के पाठ्यक्रम को स्वीकार करते हुए संचालित होंगे।

-डिप्लोमा इन फार्मेसी दो वर्षीय पाठ्यक्रम मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के पाठ्यक्रम के अनुरूप नेशनल फार्मेसी कॉन्सिल से अनुमति प्राप्त होने पर संचालित करने का निर्णय किया गया।

-तीन वर्षीय बैचलर ऑफ ट्यूरिज्म मैनेजमेंट (बीटीएम) पाठ्यक्रम मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के पाठ्यक्रम के अनुरूप सम्बद्ध महाविद्यालयों में संचालित किया जाएगा।

-बैचलर इन होटल एण्ड ट्यूरिज्म मैनेजमेंट राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय जयपुर के पाठ्यक्रम अनुरूप संचालित करने का अनुमोदन किया गया।

-दो वर्षीय मास्टर ऑफ ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एमएचआरएम) तथा मास्टर ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस (एमआईबी) को संचालित करने का निर्णय आगामी बैठक तक विचाराधीन रखा गया।

यह निर्णय भी हुए

-बैठक में बीसीए का पाठ्यक्रम राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर तथा बीए, बीएड व बीएससी बीएड (इंटीग्रेटेड) का पाठ्यक्रम महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के समान रखने का भी अनुमोदन किया गया।

विश्वविद्यालय में गेस्ट फेकल्टी के लिए प्रति कालांश मानदेय 500 रुपए एवं प्रतिमाह 25000 अधिकतम की सीमा में रखने के साथ ही विशेष वार्ता के लिए विषय विशेषज्ञ को आमंत्रित कर यूजीसी के मापदण्डानुसार 90 मिनट के लिए 1500 रुपए भुगतान का निर्णय किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाने वाली सत्र 2017-18 की समस्त परीक्षाओं के प्रश्न पत्र निर्माण से मूल्यांकन और परिणाम तक का समस्त कार्य विश्वविद्यालय द्वारा ही करवाये जाने का निर्णय किया गया।

जनजाति विश्वविद्यालय की अकादमिक काउंसिंल की बैठक को संबोधित करते कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी

यह सदस्य रहे उपस्थित

-बैठक में विश्वविद्यालय के कुलसचिव सोहनलाल कठात, उच्च शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि व कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डी.के.जैन, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रतिनिधि व सहायक निदेशक कमलेश शर्मा, मीरा कन्या महाविद्यालय की डॉ. गायत्री स्वर्णकार, सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय के चेयरमैन डॉ. अनिल कोठारी, सुखाड़िया विश्वविद्यालय पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डॉ. कुंजन आचार्य, पेसिफिक विश्वविद्यालय की एसोसियेट प्रोफेसर डॉ. मधु मुर्डिया, बीवीबी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के डॉ.गुलाबधर द्विवेदी आदि सदस्यों ने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर विश्वविद्यालय के अकादमिक प्रभारी डॉ. सर्वजीत दुबे, डॉ.नरेन्द्र पानेरी, डॉ. राकेश डामोर आदि मौजूद थे।