Home Rajasthan Ajmer दिखा मोर्हरम का चांद, 6 अक्टूबर को खुलेगा बाबा फरीद का चिल्ला

दिखा मोर्हरम का चांद, 6 अक्टूबर को खुलेगा बाबा फरीद का चिल्ला

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दिखा मोर्हरम का चांद, 6 अक्टूबर को खुलेगा बाबा फरीद का चिल्ला
moon of Muharram shows, Baba Farid's chilla to open on october 6
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अजमेर। चन्द्रदर्शन रविवार 2 अक्टूबर को हो जाने के पश्चात मोहर्रम माह का आरम्भ 3 अक्टूबर से हुआ। इस माह में 6 अक्टूबर से 9 अक्टूबर मोहर्रम की 4 से 7 तारीख तक दरगाह शरीफ ख्वाजा साहब में बाबा फरीद का चिल्ला खुलेगा।

ईमामबाड़े से ताजिए की सवारी जुलूस की शक्ल में मोहर्रम की 10 तारीख बुधवार 12 अक्टूबर को आरम्भ होगी। सहायक नाजिम दरगाह कमेटी डॉ. मोहम्मद आदील ने बताया कि रविवार 2 अक्टूबर को गली लंगरखाना में चौकियों की धुलाई की गई।

मर्सियाखानी के साथ डंके के पहले चौकियां लंगरखाना पहुंची। चन्द्र दर्शन के अनुसार मोहर्रम की पहली तारीख सोमवार 3 अक्टूबर को होने चन्द्रदर्शन के अनुसार तय हुई। सोमवार 3 अक्टूबर से बुधवार 12 अक्टूबर तक मोहर्रम की पहली से दसवीं तारीख होगी।

इस दौरान दोपहर 2:20 बजे से सायं 4 बजे (जोहर से असर) तक बयान शहादत और असर के बाद रोशनी तक सलातो सलाम होगा। इन दिनों शाहजहानी मस्जिद में रात्री 9 बजे बयान शहादत दरगाह कमेटी की ओर से होगा।

उन्होंने बताया कि गुरुवार 6 अक्टूबर को मोहर्रम की चार तारीख से रविवार 9 अक्टूबर तक मोहर्रम की सात तारीख सुबह 4 बजे तक बाबा फरीद का चिल्ला खुलेगा। चांदी का ताजिया महफिल खाना गेट पर दोपहर 2 बजे के बाद शुक्रवार 7 अक्टूबर, मोहर्रम की पांच व रविवार 9 अक्टूबर, सात मोहर्रम को नमाज जोहर से आस्ताना मामूल होने तक रखा जाएगा।

शुक्रवार 7 अक्टूबर मोहर्रम की पांचवीं तारीख को छतरी गेट से इमामबाड़ा तक झण्डे का जूलुस निकाला जाएगा। शनिवार 8 अक्टूबर छठी के दिन अहाता ए नूर में सुबह 9 बजे छठी शरीफ की फातिहा पढ़ी जाएगी और रात 8.30 बजे छठी शरीफ की महफिल होगी।

रविवार 9 अक्टूबर मोहर्रम की सातवीं तारीख को झण्डो का जुलूस लंगरखाने से अन्दरकोट जाएगा और मकबरा दरगाह शरीफ में मेंहदी की रस्म अदा की जाएगी। सोमवार 10 अक्टूबर को रात 9:30 बजे मोहर्रम की आठवीं तारीख को निजाम गेट, दरगाह शरीफ अंजुमन सैयद जादगान का बड़ा ताजिया सवारी के साथ छतरी गेट लाया जाएगा।

इसके अगले दिन बड़ा ताजिया छतरी गेट से सवारी के जूलूस के साथ इमामबाड़ा लाया जाएगा। अन्दरकोट में ईशा की नमाज के बाद हाईदौज होगा। डोला शरीफ बाद नमाज ईशा हताई अन्दरकोट पर रखा जाएगा।

उन्होंने बताया कि बुधवार 12 अक्टूबर, मोहर्रम की दसवीं तारीख को लंगरखाना में बयान शहादत, हाईदौज अन्दरकोट ढ़हाई दिन के झोपड़े के पास त्रिपोलिया गेट तक आकर वापस आमा बावड़ी अन्दरकोट तक जाएंगे।

चांदी का ताजिया निजाम गेट पर रखा जाएगा। ईमामबाड़े से ताजिए की सवारी जुलूस की शक्ल में रात को 9 बजे शुरू होगी। छतरी गेट लंगरखाना गली दरगाह बाजार, कमानी गेट होता हुआ अगली सुबह गुरुवार 13 अक्टूबर मोहर्रम की ग्यारवी तारीख को प्रात: 5 बजे झालरा पर पहुंचेगा जहां सेराब किया जाएगा।

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