Home Tripura Agartala त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव से पूर्व सियासी दलों में जुबानी जंग

त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव से पूर्व सियासी दलों में जुबानी जंग

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त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव से पूर्व सियासी दलों में जुबानी जंग
mouth war between political parties before Tripura assembly elections
mouth war between political parties before Tripura assembly elections
mouth war between political parties before Tripura assembly elections

अगरतला। त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव से पहले प्रमुख राजनीतिक दल मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। सत्ताधारी माकपा की ओर से लगातार केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा को प्रदेश में वाम मोर्चे की सरकार के खिलाफ साजिश रचने के लिए निशाना बनाया जा रहा है।

वाम दलों ने शुक्रवार को दावा किया कि असम के स्वास्थ्य, वित्त एवं शिक्षा मंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के खिलाफ ‘फासीवादी भाषण’ दिया है।

वाम मोर्चा ने कड़े शब्दों वाले एक बयान में कहा कि सरमा ने माणिक सरकार के विधानसभा क्षेत्र धनपुर में एक जनसभा में कहा कि ‘विधानसभा चुनाव के बाद माणिक को बांग्लादेश भगा दिया जाएगा।’

वाम दल के बयान के मुताबिक भाजपा नीत असम सरकार में मंत्री ने कहा कि चुनाव के बाद माकपा के लोग त्रिपुरा खाली कर देंगे और अन्य राज्यों में बसेंगे।

माकपा के एक नेता ने कहा कि वह जल्द ही भाजपा नेता के खिलाफ चुनाव आयोग या सक्षम प्राधिकार के पास शिकायत दर्ज करवाएंगे।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले सप्ताह शर्मा को त्रिपुरा में पार्टी मामलों का प्रभारी बनाया जहां अगले साल की शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव होने हैं। वर्ष 2016 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सरमा नार्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (एनइडीए) के संयोजक भी हैं।

पिछले सप्ताह भाजपा ने माकपा के राज्यसभा सदस्य झर्णा दास वैद्य के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं को धमकाने को लेकर दक्षिण त्रिपुरा की स्थानीय अदालत में मुकदमा दायर किया था। भाजपा प्रवक्ता मृणाल देब ने कहा कि ‘वैद्य ने पिछले सप्ताह एक जनसभा को संबोधित करते हुए चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले की धमकी दी थी।’

उधर, माकपा के प्रदेश सचिव बिजान धर ने पार्टी सांसद के बयान से किनारा करते हुए कहा कि वाम दल कभी ‘अलोकतांत्रिक रवैये’ को समर्थन नहीं देता है।

सरमा ने गुरुवार को धनपुर में अपने भाषण में कहा कि माणिक सरकार ने 20 साल के अपने शासन काल में धनपुर (पश्चिमी त्रिपुरा) में कोई कॉलेज नहीं बनवाया। अगर भाजपा सत्ता में आई तो बीस दिन में कॉलेज खोल देगी। उन्होंने कहा कि वाम मोर्चा सरकार ने सभी सरकारी नौकरियां माकपा सदस्यों के परिवारों को दी हैं। त्रिपुरा में सर्वाधिक दुष्कर्म की घटनाएं होती हैं।

सरमा ने कहा कि सरकार को आदिवासी लड़कियों से हमदर्दी नहीं है, जिनसे मार्क्‍सवादी पार्टी के गुंडे दुष्कर्म करते हैं। भाजपा सरकार सभी गुंडो को जेल भेजेगी। यह तय लग रहा है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा, वामदलों से सत्ता छीनने जा रही है।

माणिक सरकार को बांग्लादेश या केरल या पश्चिम बंगाल जाना होगा, त्रिपुरा में उनके लिए कोई जगह नहीं होगी। भाजपा के सत्ता में आने पर त्रिपुरा देश का नंबर वन राज्य होगा। भाजपा नेता ने दावा किया कि वाम मोर्चे की सरकार को त्रिपुरा में जनता का समर्थन नहीं है।