Home Breaking संसदीय लोकतंत्र पर काली छाया डाल रही है ‘अहंकारी’ मोदी सरकार : सोनिया

संसदीय लोकतंत्र पर काली छाया डाल रही है ‘अहंकारी’ मोदी सरकार : सोनिया

0
संसदीय लोकतंत्र पर काली छाया डाल रही है ‘अहंकारी’ मोदी सरकार : सोनिया
Narendra Modi government sabotaging winter session of Parliament: Sonia Gandhi
Narendra Modi government sabotaging winter session of Parliament: Sonia Gandhi
Narendra Modi government sabotaging winter session of Parliament: Sonia Gandhi

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के शीतकालीन सत्र को आहूत करने में ‘सारहीन वजहों’ से देरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपने ‘घमंड’ में भारतीय संसदीय लोकतंत्र पर काली छाया डाल रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार गुजरात विधानसभा से पहले सवाल-जवाब से बचना चाहती है। उन्होंने चेतावनी दी कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ‘लोकतंत्र के मंदिर को बंद कर’ संवैधानिक जवाबदेही से नहीं भाग सकती।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास आधीरात को संसद में बिना तैयारी के और दोषपूर्ण वस्तु एवं सेवा कर लागू कर खुशी मनाने का समय है, लेकिन उनके पास संसद का सामना करने का साहस नहीं है।

कांग्रेस के अगले अध्यक्ष के चुनाव की तिथि के निर्धारण के लिए बुलाई गई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया ने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में किए गए वादों को नहीं निभाने के बावजूद, मोदी लगातार ‘फर्जी वादे’ करते जा रहे हैं।

सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार अपने घमंड में कमजोर आधारों पर शीतकालीन सत्र में देरी कर भारतीय संसदीय लोकतंत्र पर काली छाया डाल रही है। मोदी सरकार अगर यह सोच रही है कि लोकतंत्र के मंदिर को बंद कर वह आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले संवैधानिक जिम्मेदारी से भाग जाएगी, तो वह भूल कर रही है।

उन्होंने कहा कि संसद ऐसा मंच है, जहां सवाल पूछे जाने चाहिए। ऊंची जगहों पर भ्रष्टाचार, मौजूदा मंत्रियों के लाभ के पद व संदिग्ध रक्षा सौदे पर प्रश्न पूछे जाने चाहिए।

सोनिया ने कहा कि सरकार को इन सवालों के जवाब देने चाहिए, लेकिन गुजरात चुनाव के पहले इस सवाल-जवाब से बचने के लिए सरकार ने शीतकालीन सत्र तब नहीं बुलाने का अभूतपूर्व कदम उठाया है जब उसे बुलाया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री के चुनावी वादों और आर्थिक मोर्चे पर निशाना साधते हुए सोनिया ने सरकार पर कुछ लोगों का भाग्य बनाने और गरीबों के भविष्य को बर्बाद करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई का बढ़ना, निर्यात में कमी और जीएसटी से लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। एक वर्ष पहले, नोटबंदी ने परेशान किसानों, छोटे व्यापारियों, गृहिणियों, दिहाड़ी मजदूरों के जख्मों पर नमक छिड़का। दबे-कुचलों और गरीबों के भविष्य को बर्बाद कर कुछ लोगों का भाग्य बनाया जा रहा है।

सोनिया ने कहा कि इसके बावजूद प्रधानमंत्री बड़े ही जोश के साथ घोषणा, झूठे वादे करते हैं, जिनका जमीनी सच्चाई से कुछ लेना-देना नहीं है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के योगदान को क्रमबद्ध तरीके से जबरदस्ती भुलाकर भारतीय आधुनिक इतिहास में बदलाव करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि स्कूलों की पाठ्यपुस्तकों को दोबारा लिखकर, दुर्भावनापूर्ण गलत सूचना, दुष्प्रचार या इंदिराजी की जन्मशती की महत्ता की तिरस्कार के साथ अनदेखी कर, यह सरकार आधुनिक भारत के इतिहास को बदलना चाहती है।

कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के लिए 18 माह चली लंबी चुनावी प्रक्रिया पर उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया पार्टी के जड़ों की पुष्टि करती है।

उन्होंने कहा कि छह राज्यों को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में संपन्न हुई चुनाव प्रक्रिया में पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष, बराबर संख्या में प्रतिनिधि, प्राथमिक इकाइयां और पार्टी सदस्य चुने गए। इसने पार्टी को पूरे देश में बूथ स्तर से लेकर ऊपर तक के लाखों कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने का अवसर मुहैया कराया।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी कहने और देश को कांग्रेस-मुक्त बनाने पर निशाना साधते हुए सोनिया ने कहा कि इससे (कांग्रेस के आंतरिक चुनावों से) पुष्टि होती है कि पार्टी की जड़ें देश के प्रत्येक जिलों में फैली हुई हैं और कोई भी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस पार्टी जैसी बहुलता और विविधता वाली पार्टी नहीं है।