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16 साल बाद इस बार नवरात्र पर विशेष महासंयोग

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16 साल बाद इस बार नवरात्र पर विशेष महासंयोग
Navratri special : After 16 years at this time many good Mahasnyog
Navratri special : After 16 years at this time many good Mahasnyog
Navratri special : After 16 years at this time many good Mahasnyog

भोपाल। लगभग 16 वर्ष बाद फिर नवरात्र में विशेष संयोग बना है। शास्त्रों के अनुसार यह नवरात्र विशेष शुभकारी होगा। साथ ही इसमें स्त्रियों का बल बढ़ेगा। राजसत्ता के लिए महिलाओं में प्रतिद्वंदिता बढ़ेगी।

वैसे तो हर साल नवरात्र में कोई न कोई दिन घटने बढऩे के कारण आठ या नौ दिन का नवरात्र होता है लेकिन आदि शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा की आराधना का अनुष्ठान शारदीय नवरात्र इस बार दस दिनों का होगा।

द्वितीया की तिथि दो दिनों तक रहने के कारण नवरात्र दस दिनों तक चलेगा। 16 साल बाद ऐसा अवसर आया है इसलिए इस बार शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है।

ज्योतिषाचार्य पं. राधेश्‍याम शर्मा ने बताया कि इस वर्ष शनिवार एक अक्टूबर को सिंह राशि में स्थित बुध उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। सूर्य कन्या राशि में आने के साथ ही हस्त्र नक्षत्र भ्रमण करेंगे। यही नहीं इसी दिन शुक्र तुला राशि में तथा चन्द्रमा कन्या राशि में प्रवेश करेगा।

शारदीय नवरात्र अश्विन मास के शुक्ल पक्ष से आरंभ होंगे। इस बार गजकेशरी योग में शारदीय नवरात्र होंगी। ऐसा इसीलिए कि गुरु व चन्द्रमा एक साथ कन्या राशि में लग्न स्थान में होने से गजकेशरी महासंयोग बन रहा है।

शारदीय नवरात्र में शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। एक अक्टूबर से शुरू होकर शारदीय नवरात्र उत्सव 10 अक्टूबर तक रहेगा। विशेष यह है कि इस बार मां दुर्गा का आगमन अश्व से होगा व गमन भैंसा पर होगा, जो अति शुभ है।

देवीपुराण में उल्लेखित है कि नवरात्र में भगवती के आगमन व प्रस्थान के लिए वार अनुसार वाहन बताए गए हैं। देवी भागवत में नवरात्र के प्रारंभ व समापन के वार अनुसार मां दुर्गा के आगमन प्रस्थान के वाहन इस प्रकार बताए हैं।

आगमन वाहन- रविवार व सोमवार को हाथी, शनिवार व मंगलवार को घोड़ा, गुरुवार व शुक्रवार को पालकी, बुधवार को नौका आगमन होता है। प्रस्थान वाहन-रविवार व सोमवार भैसा, शनिवार और मंगलवार को सिंह, बुधवार व शुक्रवार को गज हाथी गुरुवार को नर वाहन पर प्रस्थान करती हैं।

शनिवार के दिन हस्त नक्षत्र में घट स्थापना के साथ शक्ति उपासना का पर्व काल शुरु होगा। शनिवार के दिन हस्त नक्षत्र में यदि देवी आराधना का पर्व शुरू हो, तो यह देवीकृपा व इष्ट साधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

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