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भूकंप : नेपाल में अब तक 2300 और भारत में 62 मौत

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भूकंप : नेपाल में अब तक 2300 और भारत में 62 मौत
nepal earthquake : india's aid to nepal named operation maitri
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नई दिल्ली। नेपाल में शनिवार को आए 7.9 तीव्रता के भूकंप से लोगों को बचाने के लिए भारत ने रविवार को ‘ऑपरेशन मैत्री’ शुरू किया। नेपाल के 80 वर्षों के इतिहास में यह सबसे बड़ी त्रासदी बताई जा रही है।

नेपाल में आए इस विनायशकारी भूकंप से अब तक 2300 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भूकंप से भारत में 62 लोगों की मौत हो गई और 259 लोग घायल हुए। 56 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए वहीं 248 मकानों व भवनों में दरारे पड़ गई।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि बिहार के गोपालगंज, मोतीहारी, सुपौल और दरभंगा जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोजब बल के प्रत्येक दल को तैनात कर दिया गया है जबकि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बल के एक दल को भेजा गया है।

दो टन आवश्यक दवाईयों के साथ 31 चिकित्सा अधिकारियों के एक दल को भी रवाना किया गया है। चिकित्सा अधिकारियों में 13 डाक्टर और 18 पैरामेडिक शामिल है। इसके अलावा साढ़े चार टन खाद्य और साढ़े चार टन दवाईयों को रविवार को भेजा गया है। 40 टन पानी, 100 स्ट्रेचर और 35,000 खाद्य पैकेट भी भेजे गए हैं।

nepal earthquake : india's aid to nepal named operation maitri
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विदेश सचिव एस जयशंकर ने नेपाल में चलाए जा रहे राहत अभियान पर यहां संवाददाताओं को बताया कि सड़क मार्ग के जरिए भी नेपाल में फंसे लोगों को निकाला जा रहा है। नेपाल में हजारों की संख्या में भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाना भारत सरकार की पहली प्राथमिकता है। भारतीयों को वापस लाना भी महत्वपूर्ण है।

जयशंकर ने कहा कि विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम, 2 टन चिकित्सा सामग्री के साथ चिकित्सकों की टीम और एनडीआरएफ की तीन और टीमें रविवार को नेपाल भेजी गई हैं। भारत 13 और सैन्य विमानों को काठमांडू भेज दिया गया हैं।

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उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोजक बल एनडीआरएफ की 10 टीमें नेपाल भेजी गई। सात टीमें कल ही भेज दी गई थी। भारतीयों को लाने की कोशिश जारी है। पांच विमानों से रेसक्यू ऑपरेशन जारी है। 35 लोगों को भी बस द्वारा सड़क मार्ग से लाया जा रहा है। सेना का एयर ऑपरेशन शुरू हो चुका है।

विदेश सचिव ने बताया कि खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। मेडिकल टीमें भी काठमांडू के लिए भेजी गई हैं। कल विमान से 546 लोगों को नेपाल से रेसक्यू कर भारत लाया गया। अब तक कुल 783 लोगों को विमान से लाया जा चुका है।

वहीं एयर इंडिया ने टिकट दरों को सस्ता कर दिया है। सरकार की प्रथमिकता लोगों को राहत व उनका बचाव करना है। भारत सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों के लिए 6 लाख मुआवजा देने की घोषणा की है।

रविवार को दिन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में नेपाल और भारत के भूंकप से प्रभावित क्षेत्रों में चलाये जा रहीे बचाव और राहत कार्यो का जायजा लिया।

बैठक में प्रधानमंत्री ने तलाशी एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के साथ साथ नेपाल में फंसे लोगों को निकालने की बात पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि फंसे लोगों को जल्द से जल्द निकालने के लिये हवाई मार्ग के अलावा सड़क मार्ग का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिये। इसके लिये राहत और बचाव कार्य में शामिल विभिन्न एजेंसियों को आपस में समंन्वयन बनाने की भी जरूरत है।

earthquake in india and nepal
PM modi chairing follow up meeting to review the situation following earthquake in india and nepal

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में भोजन और पानी की आपूर्ति जिसमें दूध का पाउडर भी शामिल है को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

इस बैठक में केन्द्रीय वित मंत्री अरूण जेटली, विदेश मंत्री सुषमास्वराज, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल, कैबिनेट सचिव अजीत सेठ, अतिरिक्त मुख्य सचिव पी के मिश्र और सरकार, आईएमडी और एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

इससे पहले गृहमंत्री राजनाथ ने भारत के भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे बचाव और राहत अभियान की समीक्षा की थी। इस बैठक में गृह संचिव एल सी गोयल, सीमा प्रबंधन सचिव स्नेह लता कुमार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार सविच आर के जैन, सशस्त्र सीमा बल(एसएसबी) के महानिदेशक बी डी शर्मा और मंत्रालय के अन्य वरिषठ अधिकारिी मौजूदा थे।

राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि नेपाल में जो कल के भूकंप के दौरान फंस गए थे उन्होंने सुरक्षित निकालने के बसों और एम्बुलेसों के बेडों को भेजे।

गृहमंत्री ने एसएसबी को भी निर्देश दिया है कि वे सीमा पर भारत नेपाल की सीमा को पार करने वाले पर्यटकों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के शिविर लगाए। अभी तक राष्ट्रीय आपदा मोचक बल की दस टीमों को कार्रवाई करने के लिये तैनात कर दिया गया है। छह और टीमों को नेपाल के भूकंप से प्रभावित वाले क्षेत्रों में भेजी जाएगी।

राजनाथ ने आव्रजन कार्यालय को नेपाल से भारत आने वाले सभी फंस हुए पर्यटको को ग्राटिस वीजा :सद्भावना वीजाः देने का निर्देश दिया है।

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