Home Breaking अमरनाथ में मंत्रोच्चार, घंटी बजाने पर रोक, शांत क्षेत्र घोषित

अमरनाथ में मंत्रोच्चार, घंटी बजाने पर रोक, शांत क्षेत्र घोषित

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अमरनाथ में मंत्रोच्चार, घंटी बजाने पर रोक, शांत क्षेत्र घोषित
NGT bans chanting of mantras, ringing of bells at Amarnath temple
NGT bans chanting of mantras, ringing of bells at Amarnath temple
NGT bans chanting of mantras, ringing of bells at Amarnath temple

नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने बुधवार को अमरनाथ मंदिर को शांत क्षेत्र घोषित कर दिया और प्रसिद्ध गुफा मंदिर के इर्द-गिर्द के क्षेत्र में घंटी बजाने या मंत्रोच्चार पर प्रतिबंध लगा दिया। अमरनाथ मंदिर जम्मू एवं कश्मीर में हिमालय पर अवस्थित है, जहां मॉनसून के दौरान तीर्थयात्रा के मौसम में लाखों तीर्थयात्री दर्शन के लिए जाते हैं।

अधिकरण का यह फैसला पिछली सुनवाई के आलोक में आया है, जिसमें यह सुझाव दिया गया था कि हिमस्खलन और ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए मंदिर परिसर को शांत क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ ने अधिकारियों को अमरनाथ गुफा के भीतर लगाए गए लोहे की छड़ों व ग्रिल को भी हटाने का निर्देश दिया, ताकि तीर्थयात्रियों को मंदिर का बेहतर नजारा देखने को मिल सके।

पीठ ने कहा कि सीढ़ियों के सभी हिस्से और पवित्र गुफा के आसपास के क्षेत्र को शांत क्षेत्र घोषित किया जाएगा। गुफा के भीतर और आसपास के क्षेत्रों में मंत्रोच्चार की कोई अनुमति नहीं होगी। पीठ ने यह भी कहा कि तीर्थयात्रियों को गुफा के भीतर एक पंक्ति में जाने की अनुमति होगी।

अधिकरण ने संबद्ध प्राधिकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पवित्र गुफा के भीतर कोई मोबाइल फोन और नारियल जैसे प्रसाद न ले जाएं। पीठ ने कहा कि इन निर्देशों के अनुपालन के लिए कोई समिति या प्राधिकरण नहीं बनना चाहिए।

अधिकरण, जिसने 15 नवंबर को वार्षिक अमरनाथ यात्रा के दौरान पर्यावरण सुरक्षा पर विचार के लिए एक समिति का गठन किया था, ने प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि निर्देशों को 18 जनवरी को अगली सुनवाई से पहले प्रभाव में लाया जाए।

इस साल 29 जून से सात अगस्त के बीच करीबन चालीस दिनों में 2.6 लाख तीर्थयात्री अमरनाथ मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचे थे।

आधार शिविर से गुफा तक 200 से ज्यादा सीढ़ियां हैं। तीर्थयात्री दो परंपरागत मार्गों का इस्तेमाल करते हैं। जिनमें एक 14 किलोमीटर लंबा है और दूसरा 45 किलोमीटर लंबा। गुफा मंदिर समुद्र से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर है।