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नर्मदा का पानी दूर की कौड़ी!

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नर्मदा का पानी दूर की कौड़ी!

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सिरोही। जलदाय मंत्री किरण महेश्वरी ने रविवार को सिरोही आकर बैठक की। बैठक में दूरगामी योजनाएं के नाम गिनवाए, जिन पर दो दशकों से चर्चा चल रही है।

वरन पत्रकारों से चर्चा और सरकारी विज्ञाप्ति में उन्होंने यह इशारा जरूर कर दिया कि सिरोही लोकसभा और विधानसभा सीट पर काबिज होने के लिए यहां के सांसद और विधायक ने नर्मदा के नाम पर जिलेवासियों को सिर्फ भ्रमित किया।

उन्होंने इसका ठीकरा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर फोड़ते हुए कहा कि यदि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार रानीवाड़ा प्रोजेक्ट के साथ ही सिरोही का प्रोजेक्ट भी बन जाता तो यह समस्या नहीं आती। पत्रकार वार्ता व सरकारी विज्ञप्ति में वह वह यह भी कहती नजर आई कि सिरोही में नर्मदा के पानी के लिए गुजरात की मुख्यमंत्री से वार्ता की जाएगी।
सबगुरु न्यूज 22 फरवरी को नर्मदा सिर्फ चुनावी वायदा या हकीकत! (https://www.sabguru.com/narmada-election-myth-or-reality/

नर्मदा सिर्फ चुनावी वादा या हकीकत!) शीर्षक से उन पेचिदगियों को पहले ही उजागर कर चुका है, जिसके कारण सिरोही में नर्मदा का पानी आना लगभग नामुमकिन है। इसके बाद भी नर्मदा के नाम पर दूसरी बार विधायक बन चुके राज्यमंत्री ओटाराम देवासी सिरोहीवासियों को भ्रमित करते रहे।

जो बात किरण माहेश्वरी ने कही वह सबगुरु न्यूज पहले ही बता चुका है कि नर्मदा का पानी यहां लाने में क्या क्या पेचिदगियां हैं। सबगुरु न्यूज ने विधानसभा में पूर्व में उठे सवालों का हवाला दते हुए इस बात का भी खुलासा किया था कि अभी जालोर और बाड़मेर को भी इतना पानी नहीं मिल पा रहा है कि सिरोही को नर्मदा का पानी मिलने की कोई राह खुल सके।
मंत्री ने यह भी कहा कि वैसे जालोर से सांचौर होते हुए सिरोही पानी लाने के लिए डीपीआर बना ली गई है, लेकिन साथ में यह भी जोड़ दिया कि जालोर में भी आवश्यकता से कम पानी मिल रहा है। गुजरात के मुख्यमंत्री से वार्ता करके सिरोही को भी नर्मदा के पानी की उपलब्धता के बारे में चर्चा करेंगे। न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी। न गुजरात इसके लिए आसानी से राजी होगा और न ही ये पानी आएगा।

वैसे इसमें सिरोही गुजरात ही नहीं मध्यप्रदेश से भी चर्चा करनी पड़ेगी क्योंकि नर्मदा वाटर ट्रिब्यूनल में जो दो बड़े राज्य हिस्सेदार हैं उनमें गुजरात के साथ मध्यप्रदेश भी शामिल हैं। इसके अलावा राजस्थान ऐसा राज्य है जहां पर नर्मदा बहती नहीं इसके बावजूद जालोर और बाड़मेर जिले को सूखा प्रभावित मानते हुए इसका पानी मिला है। इस लिहाज से सिरोही में नर्मदा नहर क्या पाइपलाइन भी आना टेढ़ी खीर है। ऐसे में डीपीआर बनवाने के नाम सांसद और विधायक उनके खिलाफ जनाक्रोश को रोकने की कवायद भर कर रहे हैं, जिसका कोई औचित्य नहीं है।

स्थानीय पानी को ही रोकने की योजना
जलदाय मंत्री किरण माहेश्वरी ने पत्रकारों को बताया कि सिरोही में कालीबोर और बत्तीसा नाले से पानी लाने की योजना पर काम करने पर विचार बना है। इसके अलावा छोटी-छोटी परियोजनाएं शुरू की जाएंगी जिससे यहां की पेयजल मांग को पूरा किया जा सके।

सबगुरु न्यूज ने 26 फरवरी को सिरोही की 10 अटकी परियोजनाएं हो जाएं तो ही बहुत (https://www.sabguru.com/10-irrigation-project-awaited-in-sirohi/सिरोही की 10 अटकी परियोजना हो जाएं तो भी बहुत)शीर्षक से समाचार प्रकाशित करके बताया था कि सिरोही के वेस्ट बनास, सूकली तथा लूणी बेसिन में प्रस्तावित दस अटकी हुई परियोजनाएं भी पूरी हो जाएं तो सिरेाही की पेयजल समस्या का काफी हद तक निराकरण हो सकता है।
बैठक में यह कहा नर्मदा को लेकर
बैठक में पत्रकारों के प्रवेश पर पाबंदी थी, लेकिन सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार जलदाय मंत्री किरण  माहेश्वरी ने बैठक में कहा कि अणगौर, कालाबोर और सेई बांध एवं अन्य स्थानीय जल स्रोतों से मिलने वाले पानी के बाद जिले की आवश्यकता को भविष्य में नर्मदा परियोजना के माध्यम से पूरा किया जायेगा।

इससे पिंडवाड़ा नगरपालिका एवं सिरोही ग्रामीण क्षेत्र को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। सिरोही जिले को नर्मदा का पानी उपलब्ध कराने के लिये गुजरात के मुख्यमंत्री से चर्चा कर निर्णय लेने की बात कही गई। जालौर सांचौर और सिरोही जिले के लिये बनाई गई 1150 करोड़ रुपये की डीपीआर पर विस्तार से चर्चा हुई।