Home Business ‘नैतिक वित्तपोषण’ की ही जीत होती है : अनिल अंबानी

‘नैतिक वित्तपोषण’ की ही जीत होती है : अनिल अंबानी

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‘नैतिक वित्तपोषण’ की ही जीत होती है : अनिल अंबानी
Only 'moral financing' prevails, says Anil Ambani
Only 'moral financing' prevails, says Anil Ambani
Only ‘moral financing’ prevails, says Anil Ambani

मुंबई। रिलायंस कम्यूनिकेशन के लिए अपने कर्जो का भुगतान करना न केवल व्यापार है, बल्कि नैतिक अनिवार्यता भी है। रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने आरकॉम के कर्ज में 6,000 करोड़ रुपये की कटौती की घोषणा करते हुए यह बात कही।

अंबानी ने मंगलवार को एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यह केवल व्यापार या कर्ज चुकाने के बारे में नहीं है। नैतिक रूप से जो सही है, उसे किया जा रहा है। यह हमेशा व्यापार के लिए हमारा दृष्टिकोण रहा है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हम हमेशा उनके साथ रहे हैं, जिन्होंने हमारा समर्थन किया है और हम में भरोसा जताया है। अंबानी ने कहा कि केवल नैतिक वित्तपोषण की जीत होती है।

आरकॉम द्वारा जबरदस्त रूप से कर्ज में कटौती करने तथा ऋणदाताओं का भुगतान करने के निर्णय का सोशल मीडिया पर व्यापक स्वागत किया गया और बुधवार को भारत में हैशटैग अनिल अंबानी वॉक्सदटॉक नंबर 3 पर ट्रेंड कर रहा था।

अंबानी ने मंगलवार को कहा कि कंपनी ने आरकॉम के कर्जो का पूर्ण समाधान कर लिया है तथा अपनी संपत्तियों को बेचकर कर्ज की रकम में 25,000 करोड़ रुपए की कटौती कर इसे 6,000 करोड़ रुपए तक लाने में सफलता पाई है।

अंबानी ने कहा कि असाधारण चुनौतियों का सामना करते हुए हमने जो हासिल किया है, वह भारतीय कॉरपोरेट इतिहास में वास्तव में ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है। ऑरकॉम के कर्ज में कुल 25,000 करोड़ रुपये की कमी आई है।

उन्होंने कहा कि कर्जदाताओं के कर्ज को चुकाने के लिए संपत्तियों की बिक्री की पूरी प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से 2018 के जनवरी-मार्च तक पूरी हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि किसी भी कर्जदाता ने कर्ज में कोई छूट नहीं दी है। अंबानी ने यह भी कहा कि न तो किसी कर्ज को इक्विटी में बदला गया है।