Home India City News शारीरिक निशक्तता के बावजूद सिविल सर्विस परीक्षा में किया टॉप

शारीरिक निशक्तता के बावजूद सिविल सर्विस परीक्षा में किया टॉप

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शारीरिक निशक्तता के बावजूद सिविल सर्विस परीक्षा में किया टॉप
overcoming Physical disability, the woman who topped the civil service examination
overcoming Physical disability, the woman who topped the civil service examination
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नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा शनिवार को घोषित सिविल सेवा की परीक्षा में दिल्ली की एक विकलांग महिला ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।

जबकि परीक्षा में शीर्ष चार में महिलाओं ने कब्जा जमाया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की इस सबसे कठिन परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को शनिवार को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने वाले तमाम उम्मीदवारों को बधाई और राष्ट्र की सेवा के लिए आपकी यात्रा के शुभारंभ के लिए मेरी ओर से शुभकामनाएं।

यूपीएससी के मुताबिक कुल 1,236 उम्मीदवारों को भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा, भारतीय पुलिस सेवा तथा केंद्रीय सेवा समूह ‘ए’ तथा समूह ‘बीÓ में नियुक्ति की सिफारिश की गई है।

परीक्षा में सफल होने वाले शीर्ष पांच उम्मीदवारों में चार महिलाएं-इरा सिंघल (1), रेणु राज (2), निशी गुप्ता (3) तथा वंदना राव (4) हैं।

शारीरिक रूप से निशक्त सिंघल दिल्ली की हैं और वर्तमान में भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क व केंद्रीय उत्पाद शुल्क) में सहायक आयुक्त के तौर पर कार्यरत हैं। उनके फेसबुक पेज के मुताबिक उन्होंने धौला कुआं के आर्मी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है।

कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक सिंघल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से वित्त व विपणन में एमबीए किया है।

उन्होंने साल 2010 में भी सिविल सेवा की परीक्षा पास की थी और आईआरएस में शामिल हुई थीं। शारीरिक रूप से निशक्त होते हुए भी उन्होंने सबसे कठिन परीक्षा में सामान्य कोटे से शीर्ष स्थान प्राप्त किया।

द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली पेशे से चिकित्सक रेणु राज (27) ने कभी सोचा भी नहीं था कि इतनी बड़ी सफलता उनके कदम चूमेगी।

परिणाम घोषित होने के बाद खुशी से फूले न समाते हुए उन्होंने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों से कहा कि दृढ़ता सफलता दिलाती है।

कोल्लम के एक ईएसआई अस्पताल में चिकित्सक राज ने कहा, ”यह मेरा पहला प्रयास था। पिछली रात से ही मैं तनावग्रस्त थी। मैंने अपने माता-पिता को नहीं बताया था कि आज दोपहर मेरा परीक्षा परिणाम आने वाला है।

राज कोट्टायम जिले के चंगनाचेरी जिले की रहने वाली हैं। पिछले एक साल से वह दिल्ली में कोचिंग ले रही थीं, जिसके कारण वह और उनके माता-पिता राष्ट्रीय राजधानी में ही रह रहे थे।

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास नहीं था कि मैं पहले ही प्रयास में सफल हो जाऊंगी। मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने प्रियजनों को देती हूं, जिन्होंने हर घड़ी मेरा साथ दिया।

राज ने कहा कि परीक्षा में शामिल होनेवाले उम्मीदवारों से मैं कहना चाहती हूं कि दृढ़ता अपने आप में इनाम है। राज के पति भी चिकित्सा पेशे से ही जुड़े हैं।

यूपीएससी के मुताबिक परीक्षा में पास होने वाले उम्मीदवारों में सामान्य कोटे से 590, अन्य पिछड़ा वर्ग से 354, अनुसूचित जाति के 194, जबकि अनुसूचित जनजाति के 98 विद्यार्थी हैं।