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पाकिस्तान का आईसीजे से जाधव मामले की जल्द सुनवाई का आग्रह

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पाकिस्तान का आईसीजे से जाधव मामले की जल्द सुनवाई का आग्रह
Pakistan asks ICJ for early hearing of kulbhushan Jadhav death sentence case
Pakistan asks ICJ for early hearing of kulbhushan Jadhav death sentence case
Pakistan asks ICJ for early hearing of kulbhushan Jadhav death sentence case

इस्लामाबाद/द हेग। पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले की जल्द सुनवाई का आग्रह किया है।

पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी व आतंकवाद के आरोप में जाधव को मौत की सजा सुनाई है। इसके खिलाफ भारत ने आईसीजे में मामला दर्ज किया जिस पर आईसीजे ने मामले में फैसला न होने तक जाधव को मौत की सजा देने पर रोक लगा दी है।

इस मामले में आगे की तारीख तय करने के संदर्भ में गुरुवार को आईसीजे के अध्यक्ष रोनी अब्राहम के साथ पाकिस्तान और भारत के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई जिसमें पाकिस्तान ने मामले की जल्द सुनवाई का आग्रह किया।

आईसीजे रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारी इस बैठक में मौजूद थे, जो लगभग 45 मिनट चली। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय जल्द ही मामले में सुनवाई की समयसारिणी की घोषणा करेगा।”

पाकिस्तान के महान्यायवादी के ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बैठक मामले के गुण या दोष पर चर्चा के लिए नहीं थी, बल्कि केवल प्रक्रियागत मामलों पर बातचीत के लिए थी जिनमें लिखित साक्ष्यों को प्रस्तुत करने एवं सुनवाई के लिए समयसारिणी को बनाना था।

जाधव को जासूसी के आरोपों में 10 अप्रेल को मौत की सजा सुनाई गई थी। भारत के अनुरोध पर 18 मई को आईसीजे के द्वारा फांसी पर रोक लगा दी गई।

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पाकिस्तान के महान्यायवादी अश्तर औसाफ अली ने किया। प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में विदेश कार्यालय में दक्षिण एशिया मामलों के महानिदेशक डॉ. मुहम्मद फैसल, विदेश कार्यालय में अंतर्राष्ट्रीय विवाद यूनिट के प्रमुख अहमद इरफान असलम और पाकिस्तान के वकील खावर कुरैशी शामिल थे।

बयान में कहा गया कि आईसीजे के अध्यक्ष ने दोनों पार्टियों से इस बारे में राय पूछी कि दोनों को अपनी लिखित अर्जियों और सहायक साक्ष्यों का प्रतिवेदन करने के लिए कितने समय की आवश्यकता है।

आईसीजे को पाकिस्तान के इस इरादे से भी अवगत कराया गया है कि वह मामले की सभी कार्यवाहियों को देखने वाली पीठ में एक तदर्थ न्यायाधीश नियुक्त करना चाहता है।