Home Breaking संसद की बैठक बुधवार को, 3 तलाक विधेयक गुरुवार के लिए सूचीबद्ध

संसद की बैठक बुधवार को, 3 तलाक विधेयक गुरुवार के लिए सूचीबद्ध

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संसद की बैठक बुधवार को, 3 तलाक विधेयक गुरुवार के लिए सूचीबद्ध
Parliament to meet after break, triple talaq bill listed for Thursday
Parliament to meet after break, triple talaq bill listed for Thursday
Parliament to meet after break, triple talaq bill listed for Thursday

नई दिल्ली। संसद की बैठक चार दिन के अवकाश के बाद बुधवार को फिर से शुरू होगी, और तीन तलाक विधेयक गुरुवार के लिए सूचीबद्ध किया गया है। दोनों सदनों की कार्यवाही सप्ताहांत और दो दिन की क्रिसमस की छुट्टी के बाद फिर से शुरू हो रही है।

सरकार गुरुवार को तीन तलाक पर विधेयक पेश कर सकती है। इस दौरान सरकार को मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है। माकपा पहले ही विधेयक पर विरोध जता चुकी है।

बीजू जनता दल (बीजद) ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2017 पर आपराधिक प्रावधानों के बारे में अपनी राय व्यक्त कर चुका है, जबकि मार्क्‍सवादी कमयुनिस्ट पार्टी के नेता डी. राजा ने कहा है कि इसे स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए।

माकपा के नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि मोदी सरकार की तरफ से तीन तलाक पर त्वरित अपराधी बनाने वाला अभियान अनुचित और राजनीतिक रूप से प्रेरित है।

उन्होंने कहा कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया है, तो ऐसा विधेयक लाने की कोई जरूरत ही नहीं है।

सलीम ने कहा कि तीन तलाक पर प्रतिबंध का विषय चिंताजनक है। हम तब से इस मुद्दे को उठाते रहे हैं जब नरेंद्र मोदी जैसे राजनीतिज्ञों ने तीन तलाक का नाम भी नहीं सुना होगा। लेकिन हम मानते हैं कि तलाक एक नागरिक मामला है और यहां किसी को अपराधी बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने कहा कि विधेयक ‘मनमाना’ है, क्योंकि इस मसले पर मुस्लिम समुदाय, महिला अधिकार समूहों और नागरिक समाज जैसे हितधारकों से परामर्श नहीं लिया गया है।

सलीम ने कहा कि व्यापक रूप से प्रचलित किसी चीज पर राष्ट्रीय कानून बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। बीजद नेता भर्तृहरी महताब ने कहा कि आपराधिक प्रावधानों के बारे में कुछ प्रावधान हैं, जो विधेयक पर चर्चा के दौरान उठाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि पेश किए जाने के समय केवल संवैधानिक व्यवहार्यता पर प्रश्न पूछे जाएंगे। पेश किए जाने के समय बहुत प्रतिरोध नहीं होगा।

इस सप्ताह सरकार के एजेंडे में अन्य विधेयकों में उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्त) संशोधन विधेयक, 2017 और जनप्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक, 2017 शामिल हैं।