Home Rajasthan Jaipur विधि विधान से स्थापित की जीरावला पार्श्वनाथ की प्रतिमा

विधि विधान से स्थापित की जीरावला पार्श्वनाथ की प्रतिमा

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विधि विधान से स्थापित की जीरावला पार्श्वनाथ की प्रतिमा
cm vasundhara raje worshiping jiravala parshvnath in sirohi district
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सिरोही/जीरावला। जैन तीर्थ जीरावला मे नवनिर्मित विशाल पंचशिखरी जिनालय में 2800 वर्ष पुरानी जीरावला पाश्र्वनाथ की प्रतिमा को मूलनायक के रूप मे विधि विधान के साथ  स्थापित किया गया। के पी संघवी परिवार के प्रमुख संघवी बाबु काका व किशोर भाई ने अपने परिवार के सदस्यांे के साथ गुरुवार सवेरे शुभ मुहूर्त 10.25 मिनट पर विराजित किया।

मूर्ति विराजित करने से पहले तीर्थ की प्रतिष्ठा व अंजनशलाका महामहोत्सव हुआ। इस दौरान आचार्य हेमचन्द्रसूरी, गुणरत्नसूरी, यशोविजयसूरी एवं रत्नाकरसूरी महाराज ने मंत्रोच्चार करवाया। इस दौरान देश भर से आए हजारों दर्शनार्थियों ने शांति पाठ भी किया। प्रतिमा विराजित होते ही लोगों ने नृत्य कर खुशियां मनाई।
पावापुरी तीर्थ जीव मैत्रीधाम के निर्माता व जीरावला तीर्थ नव निर्माण व प्रतिष्ठा समिति के अध्यक्ष संघवी बाबुकाका इस कार्यक्रम के लिए एयर एंबुलेंस से यहां पहुंचे थे।आचार्य भगवंतो ने एम्बुलेंस मे बैठे संघवी बाबु काका को स्वस्थ होने का आशीर्वाद दिया। उन्हें स्ट्रेचर पर मूल मंदिर में ले जाया गया।
मूलमंदिर के परिसर मे हजारो लोगो की उपस्थिति के बीच बावन जिनालयो की देहरी पर ध्वजा चढाने वाले लाभार्थियों ने ध्वजा चढाई। मूल मंदिर पर वजा चढाने लाभ बंगलूरू के उद्यम दिलीप कुमार व आनंद आनन्द सुराणा परिवार ने लिया। वे अपने परिवार के साथ अपनी माता के साथ ध्वजा लेकर मंदिरजी पहुंचे और कलश व दंड की पूजा की पूजा के बाद ध्वजा फहराई।
मूल गंभारे में भगवान विराजमान करने वाली 75 उपवास एवं 23 वर्ष तक वर्षीतप की कठिन तपस्या मे रत बाबुकाका की धर्मपत्नि श्रीमती रतन बेन ने बताया कि दादा को मूलगादी पर विराजित करने के बाद दादा के गंभारे मे ’’अमी वर्शा’’ केसर के छींटे का अद्भुत नजारा देखने को मिला। संघवी परिवार ने रजत के चुने लोहरे से चूना लगाकर प्रतिमा को विराजित किया।
पाश्र्वनाथ भगवान की मूर्ति की प्रतिष्ठा के अवसर पर सभी का मुंह मीठा कराने के लिए चैन्नई एवं मांडवला के निवासी रमेशभाई मोहनलाल मुथा परिवार ने फले चुंदडी का लाभ लिया।

36 कौम ने प्रसादी ग्रहण की। ट्रस्ट मंडल ने संघवी मुथा मोहनलाल रूघनाथमलजी सोनवाडियां परिवार के सदस्यो का बहुमान किया। शाही करबा का लाभ बंगलुरु -तववा निवासी वोरा एस कपुरचंद परिवार ने लिया जिसका भी भक्तो ने आनंद लिया। मूलमंदिर में कुल 5 मूर्तियां विराजमान के पहले उनको प्रवेश करवाया गया।
-कटारिया ने किए दर्शन
राज्य के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने प्रतिष्ठा के बाद मूलमंदिर मे पहंुचकर भगवान जीरावला पाश्र्वनाथ के दर्शन किए ओर सर्व कल्याण की प्रार्थना की। ट्रस्ट मंडल की ओर से गृहमंत्री का स्वागत अभिनंदन किया गया।
-लगी कतार
नूतन मंदिर मे दर्शन करने वालो की दिन भर भीड लगी रही और कतार में घंटों तक खडे रहने के बाद भक्तों को दर्शन का अवसर मिला। प्रतिष्ठा के बाद बडी तादाद में प्रवासी अपने-अपने गंतव्य की और लौटने लगे। जिससे  जीरावल से रेवदर तक का मार्ग वाहनो से भर गया।
-द्वारोदघाटन आज
प्रतिष्ठा के बाद नूतन जिनालय का प्रथम बार मडिया निवासी श्रीमती लेहरी बाई रामसीणा परिवार द्वार खोलेंगे। द्वार शुक्रवार को प्रातः शुभ मुहूर्त में खुलेगें। दिनभर मे सरत भेदी पूजा भी होगी। इसी के साथ प्रतिष्ठा महामहोत्सव का समापन होगा।

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