Home Breaking बीजेपी की दो टूक, राष्ट्रवाद की विचारधारा से समझौता नहीं

बीजेपी की दो टूक, राष्ट्रवाद की विचारधारा से समझौता नहीं

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बीजेपी की दो टूक, राष्ट्रवाद की विचारधारा से समझौता नहीं
political resolution passed in BJP national executive meeting
political resolution passed in BJP national executive meeting
political resolution passed in BJP national executive meeting

नई दिल्ली। बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन पेश किए गए राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि राष्ट्रवाद की विचारधारा ही भाजपा की दिशा तय करती है। संविधान किसी को राष्ट्र का विरोध करने की आजादी नहीं देता, लेकिन संविधान हमें असहमति जताने का अधिकार देता है।

कार्यसमिति में पार्टी नेता वेंकैया नायडू द्वारा पेश किए गए राजनीतिक प्रस्ताव की जानकारी देते हुए भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को यहां कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हम पूर्ण समर्थन में हैं, लेकिन अभिव्यक्ति की सुरक्षा और राष्ट्रवाद की विचारधारा दोनों एक साथ अस्तित्व में रहती है और इसके साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा कि इस देश में एक ऐसा दौर था, जब सरकार बिना किसी दिशा के चल रही थी। लेकिन अब देश को एक निर्णयकारी नेतृत्व वाली सरकार मिली है। जिसका मुख्य उद्देश्य निर्धारित नेतृत्व, प्रगतिशील शासन, समाजिक न्याय और गुड गवर्नेंस है।

केंद्र सरकार सबका साथ-सबका विकास के वादे पर कायम है और अपना काम कर रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला हो या देश के वंचित तबकों के विकास के लिए जरूरी व्यवस्था करना, केंद्र सरकार ने सकारात्मक कदम उठाए हैं। बांग्लादेश सीमा विवाद का सुलझना या नागालैंड समझौता केंद्र सरकार की ठोस पहल का ही नतीजा है।

मोदी सरकार एक प्रतिबद्ध नेतृत्व और राष्ट्रवादी नीतियों की सरकार है। बाबसाहेब भीमराव अंबेडकर के लंदन, मुंबई और दिल्ली में अनुसंधान केंद्र बनाकर उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश हो या दलित उद्यमियों के लिए आर्थिक मदद की पेशकश, सरकार के आगे बढ़कर काम करने का ही परिणाम है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के निधन पर छाए रहस्यों से पर्दा हटाने की भी सरकार पूरी कोशिश कर रही है।

उत्तराखंड में पैदा हुए राजनीतिक संकट पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस आपसी धड़ेबाजी के चलते बटी हुई है। इसका कारण उनके अपने अतंरविरोध हैं, जब पार्टी एक को मुख्यमंत्री बनाते हैं तो दूसरा सरकार गिराने की योजना बनाता है और दूसरे को मुख्यमंत्री बनाते हैं, तो पहला नाराज हो जाता है।

वहां जो परिस्थितियां बनी है उसमें देखने लायक बात है कि अधिकांश विधायकों ने वित्त विधेयक के खिलाफ वोटिंग की लेकिन स्पीकर कहता है कि विधेयक पास हो गया। लोकतंत्र संख्या के आधार पर चलता है। ऐसा इस देश में पहली बार हुआ जब एक फेल विधेयक को पास माना गया हो।

कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता जेटली ने कहा कि बिहार, पश्चिम बंगाल से लेकर तमिनलाडु तक कांग्रेस ने अपनी इच्छाओं का स्तर गिरा दिया है। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए भाजपा नेता जेटली ने कहा कि राज्यों में हमारा जनाधार बढ़ा है और जहां तक गठबंधन की बात है, असम में हुए गठबंधन का नेतृत्व भाजपा कर रही है और पार्टी को यह विश्वास है कि आगामी विधानसभा चुनावों में इसके अच्छे नतीजे आएंगे।

असम एक ऐसा राज्य है जहां भाजपा ने काफी प्रगति की है। साथ ही भाजपा ने कुछ समय में ही पांचों राज्यों में अपनी स्थिति में सुधार भी किया है और आगे भी करेगी। केरल में पार्टी की ताकत बहुत बड़ी है और वहां की राजनीति में कई बड़े परिवर्तन आए हैं। पश्चिम बंगाल में पिछले चुनाव में पार्टी ने अपनी वोट संख्या बढ़ाई थी, उसे और बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में गठबंधन की सरकार न्यूनतम साझा एजेंडे पर चल रही थी और फिर से सरकार बनी तो ऐसे ही आगे बढ़ाया जाएगा। लघु बचत योजनाओं से ब्याज दर घटाने के सवाल पर जेटली ने कहा कि यह पुराना फॉर्मूला है कि बाजार ब्याज दर से चले और सरकार उस पर छोटी सब्सिडी दे।

यही वजह है कि सरकार हर तिमाही में समीक्षा कर ब्याज दर बदल रही है। टैक्स फ्री 8.1 फीसदी ब्याज दर दूसरे मायनों में 12 फीसदी ब्याज दर के मुकाबले होता है। उन्होंने ज्वैलर्स एसोसिएशन से भी कहा कि एक्साइज ड्यूटी से उनका कोई नुकसान नहीं होगा।