Home Delhi राज बब्बर ने की यूपी कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश

राज बब्बर ने की यूपी कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश

0
राज बब्बर ने की यूपी कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश
Raj Babbar offers to resign as UP Congress president
Raj Babbar offers to resign as UP Congress president
Raj Babbar offers to resign as UP Congress president

नई दिल्ली। पांच में चार राज्यों में चुनावी हार के बाद कांग्रेस पार्टी में हार की जिम्मेदारी का सिलसिला शुरू हो गया है। पार्टी महासचिव बीके हरिप्रसाद, संजय निरूपम के बाद उत्तर-प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजबब्बर ने भी इस्तीफे की पेशकश की है।

राज बब्बर ने उत्तर-प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार स्वीकार करते हुए कहा कि मैं उम्मीद पर खरा नहीं उतर सका। मुझे जिम्मेदारी दी गई लेकिन मैं इसे पूरा नहीं कर सका। मैं इसे स्वीकार करता हूं।

गौरतलब है कि 11 मार्च को जब आधे से ज्यादा रुझान आने के बाद यह साफ हो गया था कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने वाली है तब भी राज बब्बर ने कहा था कि वो इसकी जिम्मेदारी लेते हैं।

उस दौरान पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा था कि हमारी कोशिश थी कि इस चुनाव में हम भाजपा को घेरेंगे लेकिन हम उसमें नाकामयाब रहे। गधा पहलवान हो गया है। हालांकि खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी में खलबली मचना स्वाभाविक भी था।

पार्टी महासचिव बीके हरिप्रसाद ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ओडिशा के पंचायत चुनावों में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी ली है। इससे पहले मुम्बई कॉरपोरेशन (बीएमसी) के चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए संजय निरुपम ने इस्तीफा दे दिया था।

गोवा और मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद पार्टी जहां सरकार नहीं बना पाई। यूपी और उत्तराखंड में हार के लिए पार्टी नेता एक-दूसरे पर सवाल उठा रहे हैं। गोवा कांग्रेस के विधायक विश्वजीत राणे ने तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है।

इससे पहले भी राणे ने नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। उधर, पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा है कि पार्टी में वे लोग लाए जाएं, जो जमीन से जुड़ी राजनीति करना जानते हों। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दशा और दिशा बदलने की जरूरत है।

पराजय को बहुत बड़ी चीज नहीं मानता, उसके बाद वापसी कर सकते हैं। एक अन्य पार्टी महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने पार्टी में बड़ी सर्जरी की जरूरत बताई है।

दरअसल पिछले कुछ समय से कांग्रेस की फितरत हो गई है कि हर हार के बाद उसके कुछ नेता सर्जरी या ओवरहॉलिंग की बात करते हैं लेकिन इससे वे गांधी परिवार को साफ बख्श देते हैं।

कुछ दिन गहमागहमी रहती है, फिर सब कुछ पुराने ढर्रे पर आ जाता है। अगर यही सिलसिला चलता रहा तो देश की यह सबसे पुरानी पार्टी इतिहास के पन्नों में सिमट सकती है।