Home Rajasthan Ajmer आरएएस परीक्षा 2012 की तमाम कानूनी अड़चने समाप्त

आरएएस परीक्षा 2012 की तमाम कानूनी अड़चने समाप्त

0
आरएएस परीक्षा 2012 की तमाम कानूनी अड़चने समाप्त
RAS EXAM 2012

अजमेर। राजस्थान लोक सेवा आयोग के लिए आरएएस परीक्षा 2012 के साक्षात्कार आयोजित कर भावी प्रशासनिक अधिकारियों के चयन में कोई अड़चन शेष नहीं रही है। उच्चतम न्यायालय ने आयोग की प्रक्रिया के विरुद्ध अदालत की शरण में गए तमाम अभ्यर्थियों की अर्जियां पहली ही सुनवाई में खारिज कर दी है।

इसके बाद भावी अफसरों के चयन में आयोग का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। आयोग के सचिव नरेश कुमार ठकराल ने बताया कि उच्चतम न्यायालय में एस.एल.पी. संख्या 14261-66/15 रविन्द्र मोहन शर्मा व अन्य बनाम राज्य व अन्य दायर अर्जियों पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने सभी अर्जियां खारिज कर दी।

उन्होंने बताया कि अब आयोग की ओर से जारी साक्षात्कार में किसी तरह की अड़चन नहीं है। आयोग जल्द से जल्द साक्षात्कार पूर्ण कर पात्र अभ्यर्थियों का चयन कर नियुक्ति की अभिशंषा के साथ नाम राज्य सरकार को भेज सकेगा।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा, 2012 ऑनलाईन आवेदन पत्र के तहत 387887 अभ्यर्थियों के आवेदन प्राप्त हुए।

आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा 14 जून 12 को आयोजित की गई, जिसमें 255178 अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे। प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम 23 नवम्बर 12 को घोषित किया गया जिसमें 25084 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा हेतु सफल पाए गए।

आयोग द्वारा मुख्य परीक्षा 30 मई 13 से 19 जून 13 तक आयोजित की गई जिसका परिणाम 27 जनवरी 14 को घोषित किया गया था। जिसमें 3165 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए सफल घोषित किए गए थे।

आयोग द्वारा 3 मार्च 14 से 23 जून 14 तक तीन बोर्ड में साक्षात्कार लिया जाना निश्चित किया गया था। साक्षात्कार से पूर्व अभ्यर्थी भंवर लाल द्वारा उच्च न्यायालय, जोधपुर में याचिका संख्या 1211/2014 भंवर लाल बनाम राज्य सरकार व अन्य दायर की गई।

उच्च न्यायालय, जोधपुर द्वारा भंवरलाल बनाम् राज्य सरकार व अन्य में निर्णय 3 मार्च 14 को पारित करते हुए निर्देशित किया था कि केवल रॉ माक्र्स के आधार पर आरएएस 2012 की मुख्य परीक्षा का परिणाम 1 माह में जारी किया जाए तथा शासन के पत्र 11 अक्टूबर 12 के द्वारा बढ़ाए गए पदों को उक्त परीक्षा में सम्मिलित नहीं किया जाए।


ठकराल ने बताया कि न्यायालय द्वारा 3 मार्च 14 को एकलपीठ में पारित उक्त निर्णय के विरूद्ध आयोग द्वारा खण्डपीठ में डीबी स्पेशल अपील भंवरलाल व अन्य दायर की गई जिसमें न्यायालय ने 28 जुलाई 2014 को पुन: एकलपीठ में स्थानांतरित करने का आदेश दिए थे।

न्यायालय की एकलपीठ में भंवरलाल बनाम् राज्य सरकार व अन्य के प्रकरण में 26 नवम्बर 14 को आदेश पारित कर 7 से 09 एक्सपर्ट की कमेटी गठित कर नवीन परिणाम जारी करने के निर्देश प्रदान किए।

भंवरलाल बनाम् राज्य सरकार व अन्य में एकलपीठ के 26 नवम्बर 14 के निर्णय के विरूद्ध अन्य अभ्यर्थियों द्वारा दायर डीबी स्पेशल अपील संख्या 1695/2014 चन्दू परिहार व अन्य बनाम् राज्य व अन्य एवं 1696/2014 ललित कुमार बिश्नोई व अन्य बनाम् राज्य व अन्य के प्रकरण में उच्च न्यायालय, जोधपुर द्वारा अंतरिम आदेश 11दिसम्बर 14 पारित कर एकलपीठ के निर्णय 16 नवम्बर 2014 को स्थगित करते हुए साक्षात्कार आयोजित कराने व परिणाम एवं नियुक्तियां स्पेशल अपील (1696/2014 एवं 1695/2014) के निर्णय के अध्याधीन रखने के निर्देश प्रदान कर दिए।

जिसके अनुसार आयोग द्वारा साक्षात्कार आयोजित किए जा रहे थे। इसके बाद उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली में रविन्द्र मोहन शर्मा व अन्य बनाम् राजस्थान राज्य व अन्य में पारित अंतरिम/स्थगन आदेश 19 जनवरी 15 की पालना में आयोग द्वारा उक्त पदों के साक्षात्कार स्थगित कर दिए गए।


उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा सिविल अपील नं$ 1223-1224/2015 अंतर्गत रविन्द्र मोहन शर्मा व अन्य बनाम् राजस्थान राज्य व अन्य में 27 दिसम्बर 15 को पारित निर्णय के द्वारा साक्षात्कार आयोजित कराने परन्तु उच्च न्यायालय में दायर स्पेशल अपीलें निर्णीत होने तक अंतिम रूप से चयन सूची जारी नहीं करने के निर्देश प्रदान किए।

अत: आयोग द्वारा उक्त आदेशों की पालना में 9 फरवरी 15 से पुन: साक्षात्कार आयोजित कराए जाने का निर्णय किया गया है। जो कि अभी जारी है। तत्पश्चात् आयोग ने उच्चम न्यायालय, नई दिल्ली के आदेश 27 दिसम्बर 15 की पालना में उच्च न्यायालय में डीबी सिविल स्पेशल अपील संख्या 75/15 आयोग बनाम भंवर लाल व 6 अन्य अपीलें दायर की।

खण्डपीठ द्वारा उक्त अपीलों को एक साथ निस्तारित करते हुए 10 अप्रेल 2015 को आयोग के पक्ष में स्वीकार किया गया। तत्पश्चात् आयोग द्वारा उच्चतम न्यायालय में केवियट दायर की गई थी। जिसमें पहली सुनवाई बुधवार को हुई और सुप्रीम कोर्ट ने आयोग के विरुद्ध लगी तमाम अर्जिया एक ही साथ खारिज कर आयोग को राहत प्रदान की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here