Home Breaking रिटायर्ड एएसपी ने ‘आंखें’ फिल्म देखकर रची लूट की साजिश

रिटायर्ड एएसपी ने ‘आंखें’ फिल्म देखकर रची लूट की साजिश

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रिटायर्ड एएसपी ने ‘आंखें’ फिल्म देखकर रची लूट की साजिश
retired ASP plotted to rob gold in durg
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दुर्ग। छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों में 35 साल तक पुलिस विभाग में नौकरी करने के बाद रिटायर्ड एएसपी दिलीप सिंह राठौर ने गोल्ड लोन कंपनियों में रखे सोना को लूटने अभिताभ बच्चन की आंखे फिल्म की तर्ज पर पहले चार लोगों को प्रशिक्षण दिया।

तीन माह तक प्रशिक्षण के बाद उसने तैयार आदमियों को स्टेशन रोड पोलसायपारा चौक स्थित आईआईएफएल गोल्ड लोन कंपनी को लूटने भेजा। वे सोना लूटते इसके पहले ही बैंक कर्मचारी की नजर पड़ने से आरोपी को मौके से भागना पड़ा। मामले का खुलासा होते ही पुलिस ने रिटायर्ड एएसपी समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

साजिश में पुलिस विभाग में काम कर चुके साथी के बेटे संजीव राय का दबाव पूर्वक सहयोग लिया। संजीव राय ने बताया कि दिलीप सिंह राठौर ने उन्हें लूट कैसे करना है इसके लिए पूरा खाका तैयार किया था। गोल्ड लोन कंपनी का नक्शा से लेकर किस समय कौन सा सदस्य क्या करेगा इसे एक कागज में लिख रखा था।

रिटायर्ड डीएसपी ने इसके लिए चार लोगों को बकायदा प्रशिक्षण भी दिया। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद 14 मार्च की शाम 6.15 बजे लूट के लिए तय किया गया। प्लानिंग के आधार पर ही आरोपी लूटने स्टेशन रोड स्थित गोल्ड लोन कंपनी पहुंचे थे।

वे सबसे पहले अलार्म का केबल काट रहे थे इसी बीच कंपनी के एक कर्मचारी के अचानक पहुंचने पर उन्हें उल्टे पांव भागना पड़ा। आरोपी हथियारबंद थे। कंपनी के कर्मचारी ने आरोपियों को पकड़ने का प्रयास भी किया, लेकिन वे देशी कट्टा दिखाकर भागने में सफल हो गए।

रिटायर होने के बाद दिलीप सिंह ने आईआई एफएल गोल्ड लोन कंपनी में नौकरी की। वे सभी ब्रांच के सुरक्षा प्रभारी थे। प्रभारी होने के नाते वे सभी ब्रांच में घूमते थे। तीन वर्ष की नौकरी में रहते हुए उसने सारे ब्रांच की खामिया पकड़ ली थीं। निरीक्षण के लिए वे कई बार स्टेशन रोड ब्रांच पहुंचे। ब्रांच का बारीकी से अध्ययन किया।

अपने गिरोह के सदस्यों को जिस लॉकर में करोड़ों का सोना रखा गया था उस स्थान तक पहुंचने के लिए तरकीब भी बताई थी। लॉकर कैसे खोलना है इसकी भी जानकारी दी थी। रिटायर्ड एएसपी को मालूम था कि होली के दूसरे दिन शाम को पुलिस का पहरा खत्म हो जाता है।

आम तौर पर 24 घंटे ड्यूटी करने के बाद पुलिस वाले आराम करते हैं। दिलीप सिंह का मानना था कि इससे अच्छा समय लूट के लिए नहीं हो सकता। इसलिए उसने लूट के लिए होली के दूसरे दिन 14 मार्च को बेहतर समझा। बैक लूटने से पहले दिलीप सिंह राठौर ने चारों को केपीएस स्कूल नेहरु नगर के पास बुलाया। संजीव के हाथों में एक ब्राउन कलर का बैंग दिया।

बैंग में दो 315 बोर का देशी कट्टा और कारतूस था। जिसे लेकर वे सीधे आईआई एफएल गोल्ड लोन कंपनी पहुंचे थे। दिलीप सिंह द्वारा जिम्मेदारी तय करने के बाद सभी आरोपी शाम चार बजे नया बस स्टैंड के सामने अंग्रेजी शराब दुकान के पास एकत्र हुए। संजीव अपने बिना नंबर वाले बाइक पर था। वे अंधेरा होने का इंतजार कर रहे थे।

जैसे अंधेरा हुआ वे आईआई एफएल गोल्ड लोन कंपनी पोलसायपारा चौक पहुंचे। मुकेश यादव पहरेदारी करने नीचे रुका रहा। संजीव अपने साथियों के साथ मुंह पर कपड़ा बांधकर सायरन का कनेक्शन काटने लगा। इसी बीच कंपनी का कर्मचारी वहां पहुंच गया। उसे देखकर आरोपियों को उलटा पांव भागना पड़ा।

घटना की सूचना पुलिस को शाम सात बजे कंपनी के कर्मचारी स्टेशन मरोदा निवासी ओमप्रकाश प्रसाद (33) ने सिटी कोतवाली पहुंचकर दी। पुलिस पंद्रह मिनट के अंतराल में घटना स्थल पहुंच गई थी। जांच के दौरान वहां से पुलिस को एक मोबाइल मिला। मोबाइल को ट्रेस करने पर वह संजीव का निकला। इसके आधार पर पुलिस ने संजीव को पहले गिरफ्तार किया।

बाद में संजीव की मदद से अन्य आरोपियों को पकड़ा। पुलिस ने आरोपी का हुलिया देखने सीसी टीवी फुटेज की मदद ली। कंपनी के बाहर सीसी कैमरा लगा हुआ है। जिसमें आरोपी की तस्वीर कैद थी। पुलिस का कहना है कि आरोपी मुंह में कपड़ा बांधे हुए थे लेकिन कद काठी के कारण पहचान करने में मदद मिली।

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