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पानी की लहरों के साथ हिलौरे का मजा ‘रिवर राफ्टिंग’

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पानी की लहरों के साथ हिलौरे का मजा ‘रिवर राफ्टिंग’

रिवर राफ्टिंग, नाम सुनकर ही रंगों में रोमांच दौड़ने लगता है, पानी की तेज धारा में गोते खाने का आपना अलग ही एहसास है। असल में हमारे देश में रिवर राफ्टिंग कुछ 15-20 साल पुराना है। लेकिन रोमांचित युवा पीढ़ी में इसने हाल के कुछ सालों में बड़ी तेजी से लोकप्रियता हासिल की है।

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देश भर में ऋषिकेष के पास गंगा नदी, जम्मू-कश्मीर के सिंध और जांस्कर, सिक्किम में तीस्ता नदी और हिमाचल प्रदेश की बीस नदी कुछ ऐसी जगहें हैं जहां पर आप रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा सकते हैं। रिवर राफ्टिंग के लिए आप उत्तराखंड के अलकनंदा, भागीरथी इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश के ब्रह्मपुत्र और सुबनसारी जैसे रोमांचक जगहों पर जा सकते हैं। बेशक यह एडवेंचर गेम खासा पॉपुलर भी है। अगर आप भी इसे इंजॉय करना चाहते हैं, तो सबसे पहले पैकिंग करने से पहले इससे जुड़ी बेसिक बातें जान लें। राफ्टिंग यानी रोमांच, इसी के चलते तो तमाम लोग इसका मजा लेना चाहते हैं।

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व्हाइट और ब्लैक वॉटर राफ्टिंग

यह ऐसी जगह पर की जाती है, जहां नदी पूरे उफान पर होती है, राफ्टिंग के दो टाइप्स हैं । वाइट वॉटर राफ्टिंग पानी की तेज धाराएं जब पत्थरों व चट्टानों से टकराती हैं, तो इससे होने वाला उफान पानी को सफेद रंग देता है। इस वजह से इन लहरों के बीच की जाने वाली राफ्टिंग को वाइट वॉटर राफ्टिंग कहा जाता है। जबकि वहीं ब्लैक वॉटर राफ्टिंग वहां होती है, जहां नदी की लहरें कम उफान मारती हैं। यानी लहरों में ज्यादा उछाल नहीं होता।

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पानी कि धारा यानि कि रैपिड्स

राफ्टिंग को छह हिस्सों में बांटा जाता है। सबसे पहली कैटिगिरी ग्रेड वन होती है, जो सबसे आसान होती है। ग्रेड छह सबसे कठिन प्रोसेस है, जिस पर राफ्टिंग करना जान जोखिम में डालना होता है। आप इनके आधार पर डिसाइड कर सकते हैं कि आप किस धारा यानी रैपिड में राफ्टिंग करना चाहते हैं।

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दी जाती है प्रॉफेशनल ट्रेनिंग

राफ्टिंग में ट्रेनिंग लेने के लिए आपको हर जगह ट्रेनिंग सेंटर मिल जाएंगे। उत्तराखंड में गढ़वाल विकासनिगम ऋषिकेश से 40 किलोमीटर दूर कोडियाला में बाकायदा राफ्टिंग की ट्रेनिंग दिलवाता है। एक व्यक्ति के लिए तीन दिन के कोर्स की फीस 3500 रुपए और पांच दिन के कोर्स की फीस 6000 रुपए है। इसमें ठहरना, खाना व ट्रेनिंग शामिल है। आप दो से चार घंटे के लिए ट्रेनिंग लेना चाहते हैं, तो आपको तकरीबन 400 रुपए देने होंगे। तीन दिन का कोर्स अक्टूबर से लेकर जनवरी तक और पांच दिन का कोर्स फरवरी व मार्च में करवाया जाता है। वैसे, अगर यहां आकर टिकना भी है, तो 1200 से 1500 रुपए में कैम्पिंग और राफ्टिंग की सुविधा भी है, जिसमें वेलकम ड्रिंक, लंच और डिनर दिया जाता है। साथ में नदी के किनारे टैंट के साथ सोने के लिए बिस्तर भी मिलता है। यहां बोन फायर की सुविधा भी मिलती है।

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सेफ्टी रूल्स

जिस जगह से आप रिवर राफ्टिंग कर रहे हैं वहां आपकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध किए जाते हैं ताकि कोई अनहोनी हो तो ऐसी अवस्था में इसका इस्तेमाल किया जा सके। आपातकाल की अवस्था में रिवर राफ्टिंग का हर बेड़ा रेस्क्यू बैग, फ्लिप लाइन रिपेयर किट, फर्स्ट-एड-किट जैसी जरूरी चीजों को रखता है। रिवर राफ्टिंग शुरू करने से पहले हर व्यक्ति को सुरक्षा से संबंधी कई नियमों से रूबरू कराया जाता है। आपके लिए अनिवार्य है कि राफ्टिंग के दौरान लाइफ जैकेट और हेलमेट को पहन कर रखें। हाइपरटेन्शन और दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को सलाह दी जाती है कि रिवर राफ्टिंग जैसे खेल से दूर रहें। इसके अलावा जो बच्चे 15 साल से कम उम्र के हैं उन्हें भी रिवर राफ्टिंग नहीं करनी चाहिए। राफ्टिंग करने से पहले आप सुनिश्चित कर लें कि आपने नशे से संबंधी कोई चीज तो नहीं ली है।

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नवंबर-फरवरी तक का टाइम बेस्ट

आप राफ्टिंग के लिए कोई प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए नवंबर से फरवरी तक का समय काफी उचित होगा। इस दौरान राफ्टिंग करने के लिए अच्छी परिस्थिति होती है। सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए आप रिवर राफ्टिंग के लिए किसी एजेंसी को चुन सकते हैं। रिवर राफ्टिंग से पहले आप टी-शर्ट, स्विम वियर, गरम जैकेट, दो जोड़े जूते, सन ग्लासेस, कैप, पर्सनल टॉइलट्रीज, दवाएं आदि जरूर रख लें।

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रिवर राफ्टिंग प्वाइंट्स इन इंडिया

1. भगीरथी व अलकनंदा :- उत्तराखंड में देवप्रयाग सबसे हाईएस्ट प्लेस है, जहां राफ्टिंग होती है। यहां दो नदियां, भागीरथी व अलकनंदा मिलती हैं और इस पॉइंट पर इन नदियों का ऊफान इतना ज्यादा होता है कि पानी की आवाज से घाटियां गूंजती हैं। कई जगहों पर तो यहां नदी दो पहाड़ों के बीच में इतनी संकरी हो जाती है कि इनके बीच से राफ्टिंग करते हुए निकलना वाकई जोखिमभरा होता है।

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2. गंगानदी :- भगीरथी व अलकनंदा आगे चलकर गंगा नदी में बनती हैं। आप इस नदी में ऋषिकेश में राफ्टिंग का आनंदले सकते हैं। फरवरी से लेकर अप्रैल तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक यहां पर रॉफ्टिंग करवाई जातीहै। यहां डिस्टेंस के हिसाब से आप राफ्टिंग बोट बुक करवा सकते हैं।

3. लिडरनदी:- कश्मीर के पहलगाम में लिडर नदी का वाइट वॉटर राफ्टिंग करने वालों के बीच खासा क्रेज है। यहां राफ्टिंगके लिए 40 से 50 बोट्स का अरेंजमेंट है। वैसे, राफ्टिंग के साथ यहां की नेचरल ब्यूटी भी टूरिस्ट्स कोअट्रैक्ट करती है।

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4. कालीनदी:- कुमाऊं की इस नदी में राफ्टिंग का रोमांच भी लोगों को खूब लुभाता है। वैसे, यहां कई तरह के राफ्टिंगकॉम्पिटीशंस भी अरेंज होते हैं।

5. ब्यासनदी:-  ब्यास नदी में राफ्टिंग वाले एरिया में जहां एक जल दीवार है, वहीं तकरीबन 4 किलोमीटर आगेे एक वॉटरगोल्फ कोर्स भी है। इसके रास्ते में आपको नदी के दोनों तरफ बांझ, चीड़ और देवदार के जंगल मिलेंगे, तोकहीं सीढ़ीदार खेत दिखेंगे। इस दौरान वाइल्ड लाइफ के नजारे भी आपको नजर आएंगे।

6. सतलुजनदी:- शिमला के तत्तापानी के पास सतलुज नदी में आप रिवर राफ्टिंग एंजॉय कर सकते हैं। नदी के दोनों तरफढेरों शॉप्स हैं, जहां से आप जरूरी सामान ले सकते हैं।

7. ब्रह्मपुत्रनदी :- असम में ब्रह्मपुत्र नदी विश्व की पॉपुलर नदियों में से एक है। कई जगहों पर यहां पानी इतने उफान परहोता है कि यहां रॉफ्टिंग का रोमांच दोगुना हो जाता है। इसके अलावा, महाराष्ट्र में कोडल गांव की नदीऔर कुल्लू नदी पर भी आप राफ्टिंग का आनंद ले सकते हैं।

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