Home Breaking मुलायम से मिले अजीत सिंह, आरएलडी-सपा के बीच गठबंधन के आसार

मुलायम से मिले अजीत सिंह, आरएलडी-सपा के बीच गठबंधन के आसार

0
मुलायम से मिले अजीत सिंह, आरएलडी-सपा के बीच गठबंधन के आसार
RLD chief Ajit Singh meets Mulayam singh yadav at his residence
RLD chief Ajit Singh meets Mulayam singh yadav at his residence
RLD chief Ajit Singh meets Mulayam singh yadav at his residence

नई दिल्ली। यूपी में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के बीच गठबंधन के आसार हैं।

राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) प्रमुख अजित सिंह रविवार को सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के घर नज़र आए। दिल्ली में हुई बैठक में मुलायम के अलावा उनके भाई शिवपाल यादव और विधान परिषद् के सदस्य आशु मालिक भी मौजूद थे।

अजीत सिंह से मुलाकात के बाद जब शिवपाल सिंह बाहर निकले तो मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा “इस मुलाकात में कुछ भी खास नहीं है। हम तो अक्सर मिलने आते हैं।

सूत्रों की माने तो गठबंधन को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इसके साथ ही यह जानकारी भी मिली है कि यह सारी कवायद राज्यसभा चुनाव से पहले हो रही है तो अजित सिंह ने समाजवादी पार्टी के सामने खुद को राज्यसभा भेजने की शर्त रखी है। राज्यसभा में 11 जून को चुनाव होंगे हैं।

इससे पहले सिंह की बात जेडीयू से भी हुई लेकिन राज्यसभा सीट और पार्टी अध्यक्ष जैसी शर्तों की वजह से बात नहीं बन पाई। सूत्रों के मुताबिक अजित सिंह भाजपा के भी संपर्क में हैं और कैबिनेट मंत्री जैसे किसी ओहदे के बदले उसके साथ भी जा सकते हैं।

हालांकि भाजपा को यकीन तभी होगा जब अजित सिंह पार्टी के विलय के लिए तैयार हो जाएंगे। ऐसे में जानकार यह भी मान रहे हैं कि मुलायम से मुलाक़ात अजित सिंह की भाजपा पर दबाव बनाने की रणनीति भी हो सकती है।

वहीं इस मसले पर जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि ‘वह दोनों पुराने साथी है, उनके पार्टी में समझौते को लेकर मैं क्या बोलूं।

2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 401 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे जिनमें 224 विजयी हुए थे। पार्टी को कुल पड़े मतों का 29.13 फीसदी वोट मिला था। जबकि राष्ट्रीय लोक दल ने 46 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे जीत मिली थी 9 सीटों पर।

आरएलडी को राज्य में कुल पड़े मतों का केवल 2.33 प्रतिशत वोट ही मिल सका था। यानी 2012 के विधान सभा चुनाव में दोनों दलों को राज्य भर में कुल पड़े मतों का 31.46 फीसदी वोट मिला था।

हालांकि तस्वीर का दूसरा पहलु भी है जो यूपी की सियासत पर असर डाल सकता है। जिन 46 सीटों पर आरएलडी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे उनमें पार्टी को 20.05 फीसदी वोट मिला था इनमें से सभी सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हैं।

मतलब ये कि अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी का साथ मिल जाता है तो समाजवादी पार्टी इस क्षेत्र में एक मज़बूत ताक़त बन सकती है।