Home Entertainment Bollywood बड़े नोटों की मार से अछूता नहीं रहा बॉक्स ऑफिस

बड़े नोटों की मार से अछूता नहीं रहा बॉक्स ऑफिस

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बड़े नोटों की मार से अछूता नहीं रहा बॉक्स ऑफिस
Rs 500, Rs 1000 currency ban hits box office
Rs 500, Rs 1000 currency ban hits box office
Rs 500, Rs 1000 currency ban hits box office

मुंबई। बीती 8 नवम्बर की रात को केंद्र की सरकार द्वारा 500 और 1000 का नोट बंद करने के फैसले के बाद शुक्रवार को रिलीज फिल्मों पर बड़ा प्रभाव पड़ा।

फरहान अख्तर की कंपनी की फिल्म रॉक ऑन-2 इस शुक्रवार को रिलीज हुई। मिली खबरों के अनुसार, इसे पहले दिन 10 प्रतिशत भी कारोबार नहीं मिला। मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों से लेकर सिंगल स्क्रीन वाले थिएटरों तक कहीं भी इस फिल्म को दर्शक नसीब नहीं हुए।

लगभग 70 करोड़ से ज्यादा के बजट से बनी इस फिल्म को पहले दिन 10 प्रतिश्त भी कारोबार नहीं मिला। इसके साथ रिलीज हुई बाकी फिल्मों का तो जिक्र करना ही बेकार है।

उम्मीद की जा रही थी कि ऑनलाइन बुकिंग कराने वाले या फिर क्रेडिट और डेबिट कार्ड वाले तो सिनेमाघरों तक आएंगे, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। मुंबई के जी-7 मल्टीप्लेक्स के मैनेजर मनोज देसाई का कहना है कि वे 40 सालों से इस कारोबार का हिस्सा हैं, लेकिन इतना बुरा हाल नहीं देखा।

वे कहते हैं कि ऑनलाइन टिकट बुक कराने वालों ने भी बुकिंग कैंसिल करा दी। अगले शुक्रवार को भी हाल यही रहा तो अनुभव सिन्हा की तुम बिन -2 और जॉन अब्राहम-सोनाक्षी सिन्हा की जोड़ी वाली विपुल शाह की फिल्म फोर्स-2 के व्यापार की चिंता है।

सोमवार से अगले शुक्रवार को रिलीज होने वाली फिल्मों के लिए एडवांस खुल जाता है। मनोज देसाई का कहना है कि मौजूदा हालत को देखते हुए नहीं लगता कि दर्शक अगले सप्ताह भी आएंगे। साथ ही उनका सुझाव है कि कम से कम दो सप्ताहों को लिए सिनेमाघरों को बंद कर देना चाहिए।

वे कहते हैं कि लोग जब इस मंदी के दौर से बाहर आएंगे, तभी वे सिनेमाघरों का रुख करेंगे, क्योंकि अपनी जिंदगी की मुश्किलों में फंसे आम आदमी के लिए इस वक्त फिल्में देखना प्राथमिकता नहीं हो सकता।

मनोज देसाई के मुताबिक इन हालातों में तो शाहरुख, सलमान और आमिर खान जैसे सितारों की फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन चौपट हो जाएंगी। सिनेमाघरों का 90 प्रतिशत कारोबार कैश पर होता है। कैश देकर लोग टिकट खरीदते हैं।

इतना ही नहीं, सिनेमाघरों के आसपास खाने-पीने की चीजें बेचने वाले भी कैश के कारोबार से जुड़े हुए हैं। दर्शक सिनेमाघरों से दूर रहेंगे, तो इन गरीब लोगों को भी इसकी मार सहनी पड़ रही है और ये कब तक चलेगा, इस बारे में पक्के तौर पर कोई बात नहीं कही जा सकती।